खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने सनातन खादी वस्त्र की एक नई श्रेणी शुरू की

खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने सनातन खादी वस्त्र की एक नई श्रेणी शुरू की

खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने सनातन खादी वस्त्र की एक नई श्रेणी शुरू की

खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने सनातन खादी वस्त्र की एक नयी श्रेणी शुरू की है। आयोग के अध्यक्ष मनोज कुमार ने दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित खादी भवन से खादी वस्त्रों से बने सनातन वस्त्र का शुभारंभ किया।सनातन वस्त्रों का डिजाइन राष्‍ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान-निफ्ट स्थित खादी उत्कृष्टता केंद्र में तैयार किया गया है।

शुभारंभ समारोह में मीडिया को संबोधित करते हुए खादी ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि खादी वस्त्रों की तैयारी में किसी भी प्रकार की यांत्रिक या रासायनिक प्रक्रिया शामिल नहीं होती। भारतीय परंपरा के अनुरूप तैयार सनातन वस्त्र अपने आप में विशिष्‍ट हैं।

उन्‍होंने कहा कि रामोत्सव के विशेष अवसर पर नई दिल्‍ली का खादी भवन सनातन वस्त्रों पर 20 प्रतिशत और अन्‍य खादी वस्त्र तथा ग्रामोद्योग उत्पादों पर 10 से 60 प्रतिशत तक की छूट देगा। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में देश ने खादी का एक नया और परिवर्तित रूप देखा है।

श्री मोदी ने खादी को राष्‍ट्र के लिए खादी, फैशन के लिए खादी और बदलाव के लिए खादी के रूप में परिभाषित किया है। श्री कुमार ने कहा कि सनातन वस्त्रों की शुरूआत के साथ खादी ग्रामोद्योग आयोग युवाओं को स्वदेशी के साथ जोड़ना चाहता है क्योंकि खादी के विस्तार का अर्थ है ग्रामीण भारत के लाखों कारीगरों के जीवन में सुधार लाना।

आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में खादी और ग्रामोद्योग उत्‍पादों का व्यवसाय एक लाख 34 हजार करोड़ रुपए से अधिक का हो गया है। खादी का उत्पादन भी आठ सौ 80 करोड़ से बढ़कर तीन हजार करोड़ रुपए का हो गया है और खादी उत्पादों की बिक्री एक हजार एक सौ 70 करोड़ से बढ़कर छह हजार करोड़ रुपए तक पहुंच गई है।

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