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डॉ. दत्ता विघावे की सराहनीय आसमानी उड़ान

डॉ. दत्ता विघावे की सराहनीय आसमानी उड़ान

डॉ. दत्ता विघावे की सराहनीय आसमानी उड़ान

डॉ. दत्ता विघावे की सराहनीय आसमानी उड़ान

हड़पसर, मई (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
रूसी अंतरिक्ष एजेंसी जियोस्कैन 2025 में वोस्तोचनी कॉस्मोड्रोम से सोयूज रॉकेट के जरिए शैक्षिक उपग्रह अल्फेरोव 239 को प्रक्षेपित करने की तैयारी में है। इसमें दुनिया भर के चुनिंदा प्रतिभाशाली लोगों के नाम, परिचय एवं फोटो अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किए जाएंगे। उन चुनिंदा प्रतिभाशाली व्यक्तियों में भारत के सपूत डॉ. दत्ता सिंधुताई बाबूलाल विघावे का नाम शामिल है। यह जानकारी रूसी अंतरिक्ष एजेंसी जियोस्कैन ने डॉ. दत्ता विघावे और विश्वशांति राजदूत डॉ. सुधीर तारे को ई-मेल के जरिए उपलब्ध कराई है।

इसके अलावा आस्ट्रेलिया के प्रसिद्ध विश्वविद्यालय ग्रिफिथ विश्वविद्यालय से भी डॉ. दत्ता विघावे को अद्भुत और अनोखा सम्मान दिया गया है। वर्ष 2025 में, मिशन प्लैटिपस के तहत, ग्रिफिथ विश्वविद्यालय ऑस्ट्रेलिया के द्वारा एक शैक्षिक उपग्रह क्यूबसैट को पृथ्वी से 400 किलोमीटर ऊपर अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया जाएगा। इसमें भी दुनिया भर से चुनिंदा प्रसिद्ध और प्रतिभाशाली लोगों के नाम व परिचय अंतरिक्ष में जारी किए जाएंगे। यह जानकारी दुनिया भर में उच्च गुणवत्तावाली शिक्षा प्राप्त करनेवाले छात्रों को प्रदान की जाएगी।

वहीं, विश्व प्रसिद्ध और सुप्रसिद्ध अमेरिकी अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) का अगला अंतर्राष्ट्रीय चंद्र रात्रि समन्वय समिति का अवलोकन (इंटरनेशनल ऑब्जर्व द मून नाइट) शनिवार, 4 अक्टूबर 2025 को है। नासा ने इसमें भाग लेने के लिए डॉ. दत्ता विघावे को विशेष आमंत्रित किया है। नासा ने भी भागीदारी का एक विशेष पत्र डॉ. दत्ता विघावे को भेजा है।

डॉ. दत्ता विघावे क्रिकेट अंपायर, प्रशिक्षक और आलोचक के रूप में भी प्रसिद्ध हैं। खेल, पत्रकारिता, पर्यावरण, साहित्य, शिक्षा और सामाजिक कार्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रहे हैं। अनेक राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कर चुके डॉ. विघावे को महाराष्ट्र सरकार का डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर समाज भूषण प्राप्त हुआ है। इसके अलावा उन्हें वैश्विक शांति राजदूत पुरस्कार (ग्लोबल पीस) प्राप्त हो चुका है। उन्होंने न केवल स्वयं मृत्यु के बाद अपना शरीर दान करने का निर्णय लिया, बल्कि उन्होंने कई अन्य लोगों को भी इस महान सामाजिक कार्य के लिए प्रेरित किया है।

नेत्र रोग, कुष्ठ रोग और कैंसर बीमार से पीड़ितों के लिए शिविर, विकलांगों, अनाथ बच्चों, महिलाओं और पुरुषों तथा व्यसन मुक्ति के लिए विशेष गतिविधियां क्रियान्वित की गई हैं। आदिवासी किसानों और उत्पीड़ित लड़के-लड़कियों के लिए प्रशिक्षण कक्षाएं आयोजित की गई हैं।

डॉ. विघावे वसुधैव कुटुम्बकम् की अवधारणा का पालन कर रहे हैं और पूरा विश्व, हमारा परिवार, वास्तविक जीवन में इसी नीति के अनुसार जीवन में आचरण कर रहे है। विश्व के अग्रणी अंतरिक्ष अनुसंधान संगठनों में से एक से ऐसा अद्भुत, अविश्वसनीय और अनोखा सम्मान प्राप्त करनेवाले डॉ. दत्ता विघावे की हर जगह प्रशंसा हो रही है।

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