पुणे जिले के सभी पुलिस अधिकारियों को 1951 की धारा 36 के तहत अधिकार प्रदान
पुणे जिले के सभी पुलिस अधिकारियों को 1951 की धारा 36 के तहत अधिकार प्रदान
पुणे, दिसंबर (जिमाका)
जिले के पौड, लोनावला और हवेली पुलिस थाना क्षेत्रों में नए साल का स्वागत करने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं और 1 जनवरी 2025 को विजयस्तंभ पेरणे फाटा पर मानवंदना देने के लिए विभिन्न जगहों से बड़ी संख्या में अनुयायी आते हैं, इसलिए जिल्हा पोलीस अधीक्षक पंकज देखमुख ने 25 दिसंबर को 00.10 बजे से 7 जनवरी 2025 को मध्य रात्रि तक (24.00 बजे) महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम 1951 की धारा 36 अन्वये प्राप्त अधिकारों के अंतर्गत सभी उप विभागीय पुलिस अधिकारी, बंदोबस्त के प्रभारी अधिकारियों को यांना अधिकार प्रदान किए हैं।
सड़क पर या जुलूस में या भीड़ में लोगों को कैसे चलना चाहिए, उन्हें कैसा व्यवहार या आचरण करना चाहिए? किस प्रकार, किस समय कोई जुलूस निकालना चाहिए या नहीं निकालना चाहिए, ऐसे तरीके और ऐसे समय निर्धारित करना, जुलूसों और सभाओं के सभी अवसरों पर और पूजा के समय और किसी भी सड़क से या सार्वजनिक स्थानों या सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ रहेगी या रुकावट होना संभव हो, ऐसे सभी अवसरों पर परेशान नहीं होने देना, इसके लिए पुलिस अधिकारियों को उचित आदेश जारी करने का अधिकार दिया गया है।
इसके अलावा सभी रास्तों पर व रास्तों में घाट या घाटों पर और सार्वजनिक स्नान, कपड़े धोने व उतरने की जगह व जगह में, मंदिर और अन्य सभी सार्वजनिक स्थलों पर सुव्यवस्था बनाए रखने के लिए आदेश देना, किसी भी रास्ते में या रास्ते के पास ढोल, ताशा व अन्य वाद्य बजाने व गाना गाने, हॉर्न और अन्य कर्कश वाद्ययंत्रों को बजाने का नियमन करना व उस पर नियंत्रण रखने के लिए योग्य आदेश देना, किसी भी सार्वजनिक जगह या जगह के पास या किसी भी सार्वजनिक मनोरंजन की जगह लोगों का उपद्रव न हो, इसलिए लाउडस्पीकर का उपयोग विनियमन करना व उस पर नियंत्रण रखने के लिए योग्य आदेश देने के अधिकार भी प्रदान किए गए हैं।
आदेश में यह भी कहा गया है कि सक्षम प्राधिकारियों को इन अधिनियमों की धारा 33, 35, 37 से 40, 42, 43 और 45 के तहत किए गए किसी भी आदेश की पुष्टि के अधीन उचित आदेश देने का भी अधिकार है।
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