प्रभावी शासन कार्यान्वयन के लिए आधुनिक तकनीक आवश्यक
प्रभावी शासन कार्यान्वयन के लिए आधुनिक तकनीक आवश्यक
‘टेक वारी – महा प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण सप्ताह’ में विशेषज्ञों की राय
मुंबई, मई (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
सरकारी कामकाज में अत्याधुनिक फ्रंटियर तकनीकों का प्रभावी उपयोग अब केवल एक विकल्प नहीं, बल्कि भविष्य की आवश्यकता है। यह मत ‘टेक वारी – महा प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण सप्ताह’ के चौथे दिन ‘शासकीय कार्यों में फ्रंटियर तकनीकों का प्रभावी उपयोग’ विषय पर आयोजित पहले सत्र में विशेषज्ञों ने व्यक्त किया। इस सत्र में नागपुर की विभागीय आयुक्त विजयालक्ष्मी बिदरी, नासिक के विभागीय आयुक्त प्रवीण गेडाम और पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका के आयुक्त शेखर सिंह समेत अन्य मान्यवर उपस्थित थे।
‘स्मार्ट सिटी’ में तकनीक का कुशल उपयोग
पिंपरी-चिंचवड़ के आयुक्त शेखर सिंह ने बताया कि प्रशासनिक कार्यों में एआई, मशीन लर्निंग, डेटा साइंस, जीआईएस और ब्लॉकचेन जैसी तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने ई-गवर्नेंस के तहत ई-ऑफिस, जीआईएस-समर्थित ईपीआर, ड्रोन द्वारा संपत्ति कर मूल्यांकन, डेटा केंद्रीकरण और फील्ड गतिविधियों की निगरानी की कार्यप्रणाली को भी विस्तार से समझाया।

आपदा प्रबंधन में ‘ई-पंचनामा’ की भूमिका
नागपुर की विभागीय आयुक्त विजयालक्ष्मी बिदरी ने प्राकृतिक आपदाओं में नुकसान के आकलन के लिए ई-पंचनामा प्रणाली के माध्यम से तकनीक की प्रभावशीलता का उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि इससे डीबीटी, ई-पिक सर्वे, भूमि अभिलेखों का आधुनिकीकरण और राहत वितरण की प्रक्रियाएं सरल और पारदर्शी हो गई हैं। मोबाइल ऐप्स और पोर्टल्स के जरिए मिलने वाले डेटा से निर्णय प्रक्रिया तेज और सटीक हो जाती है।
रणनीतिक अंमलबजावनी में तकनीक की भूमिका
नासिक के विभागीय आयुक्त प्रवीण गेडाम ने सिंहस्थ कुंभ मेला, तुलजापुर मंदिर संस्थान, बालू उत्खनन और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण जैसे प्रोजेक्ट्स में तकनीकी हस्तक्षेप के उदाहरण दिए। उन्होंने जीआईएस, पिंग काउंट और जनस्वास्थ्य प्रबंधन प्रणाली का उल्लेख करते हुए बताया कि इससे संपूर्ण कार्य प्रणाली की निगरानी संभव हुई। उन्होंने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन, यूपीआई और एग्री स्टैक जैसी योजनाओं की जानकारी भी दी। उन्होंने कहा कि किसी भी तकनीक को लागू करने से पहले उसकी स्थायित्व, विस्तारशीलता और अनुकरणीयता की जांच जरूरी है।
इस सत्र में विशेषज्ञों ने शासकीय यंत्रणाओं में तकनीक के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि इससे कार्यक्षमता, पारदर्शिता और त्वरित सेवा वितरण कैसे संभव होता है। यह भी स्पष्ट हुआ कि आनेवाले समय में शासन प्रणाली और अधिक सक्षम, डिजिटल और लोकाभिमुख बनने जा रही है। इस अवसर पर महाराष्ट्र सदन की आयुक्त आर. विमला ने अतिथियों का स्वागत किया।
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