‘चलो जानते हैं नदी को’ अभियान में जिला परिषद की सक्रिय भागीदारी : मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमेश चव्हाण
पुणे, फरवरी (जिमाका)
मानव सभ्यता के लिए नदियाँ हमेशा महत्वपूर्ण रही हैं और उनका प्रवाह वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के अस्तित्व के लिए आवश्यक है। इस संबंध में मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमेश चव्हाण ने कहा कि जिले में शुरू किए गए ‘चलो जानते हैं नदी को’ चला जानुया नदीला) अभियान को सफल बनाने के लिए जिला परिषद के सभी संबंधित तंत्रों को कार्यरत किया जाएगा। जिला परिषद में आयोजित बैठक में जल विशेषज्ञ डॉ. राजेंद्र सिंह की मौजूदगी में श्री चव्हाण बोल रहे थे। बैठक में जि. प. सामान्य प्रशासन उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीकांत खरात, प्रकल्प संचालक तथा उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी जलापूर्ति व स्वच्छता आप्पासाहेब गुजर, सहायक वनसंरक्षक आशुतोष शेंडगे, जलबिरादरी महाराष्ट्र अध्यक्ष नरेंद्र चुग, सदस्य सुमंत पांडे आदि उपस्थित थे।
श्री चव्हाण ने कहा, ‘आओ नदी की ओर’ अभियान के लिए जलबिरादरी को जिला परिषद का पूरा सहयोग दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि नदी यात्रा के बाद प्राप्त व्यापक रिपोर्ट के अनुसार नदी पुनरुद्धार के लिए सुझाए गए उपायों को लागू करने को प्राथमिकता दी जाएगी। वरिष्ठ जल विशेषज्ञ डॉ. राजेंद्र सिंह ने कहा कि नदी को प्रवाहित करने के लिए नदी में मिलने वाले सभी नालों और संरचनाओं को खोलना जरूरी है।
बैठक में श्री चुग, श्री पांडे ने कंप्यूटर प्रेजेंटेशन के माध्यम से महाराष्ट्र में इस अभियान के तहत की गई नदी यात्राओं और विभिन्न नदियों के पुनरुद्धार के लिए विभिन्न जिलों में क्रियान्वित गतिविधियों और नदी पुनरुद्धार परियोजनाओं के बारे में जानकारी दी। इस दौरान बताया गया कि अभियान में प्रत्येक नदी के लिए नदी प्रहरी नियुक्त किये गये हैं।
श्री चुग ने बताया कि जिले में इस अभियान में कुल 11 नदियाँ शामिल हैं और पवना नदी और इंद्रायणी नदी की यात्रा पूरी हो चुकी है। उन्होंने यह भी कहा कि इन दोनों नदियों की वर्तमान स्थिति और आवश्यक उपायों पर एक व्यापक रिपोर्ट तैयार की गई है।
बैठक में विभिन्न अभियानों के सदस्यों एवं उपस्थित नदी प्रहरियों ने विभिन्न सुझाव दिये। इस अवसर पर जि. प. ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के कार्यकारी अभियंता अमीत पाथरवड, जिला पशुसंवर्धन अधिकारी डॉ. विष्णु गर्जे, जिला समाज कल्याण अधिकारी प्रवीण कोरगंटीवार आदि उपस्थित थे।
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