डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर के विचारों को आचरण में लाना चाहिए : प्राचार्य दत्तात्रय जाधव
डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर के विचारों को आचरण में लाना चाहिए : प्राचार्य दत्तात्रय जाधव
हड़पसर,अप्रैल (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर केवल पढ़ने, लिखने, चिंतन और मनन के बल पर विश्वरत्न बने। उन्होंने समुदाय को एक मंत्र दिया : सीखें, संगठित हों और गतिशील बनें। हमें ऐसे महापुरुषों के विचारों को आचरण में लाना चाहिए। यह विचार साधना विद्यालय व आर.आर.शिंदे जूनियर कॉलेज के प्राचार्य दत्तात्रय जाधव ने व्यक्त किए।
साधना विद्यालय व आर.आर.शिंदे जूनियर कॉलेज हड़पसर में डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर की 134 वीं जयंती के अवसर पर आयोजित की गई निबंध, चित्रकला एवं भाषण प्रतियोगिता में सफल विद्यार्थियों के पुरस्कार वितरण समारोह में वे बोल रहे थे। सर्वप्रथम डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर की प्रतिमा का पूजन किया गया। जयंती के अवसर पर छात्र गंधर्व वाव्हल, सुशांत शिंदे, रोहन मेंडके और क्रांति चव्हाण ने अपने विचार व्यक्त किए। आशीष कांबले ने शिक्षक के मनोगत में डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर के संपूर्ण जीवन की समीक्षा की। अमोल डायरे ने डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर पर लिखी कविता प्रस्तुत की।
यहां विद्यालय की उपमुख्याध्यापिका योजना निकम, पर्यवेक्षक अजय धनवडे, पर्यवेक्षिका साधना सुर्वे, संस्था के आजीवन सेवक अनिल मेमाणे, अभिभावक शिक्षक संघ, माता-अभिभावक संघ, स्कूल प्रबंधन संघ के ज्ञानोबा हुगे, सुशिला शिरसाट, अमृता चितले, करूणा शिंदे के साथ जूनियर कॉलेज के विभागप्रमुख विजय सोनवणे, अध्यापकगण, कर्मचारी व सभी छात्र उपस्थित थे।
कार्यक्रम का प्रास्ताविक अनिल वाव्हल ने किया। सूत्र-संचालन रूपाली सोनावले और आभार प्रदर्शन सविता पाषाणकर ने किया।
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