मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा परिचारिका विद्यार्थियों को ब्लॉकचेन आधारित डिजिटल प्रमाणपत्र वितरण की शुरुआत
मुंबई, अप्रैल (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
महाराष्ट्र सरकार ने नर्सिंग क्षेत्र में ऐतिहासिक पहल करते हुए ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित डिजिटल प्रमाणपत्र वितरण की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हाथों इस उपक्रम का शुभारंभ हुआ, जिसमें दो छात्राओं को प्रतीकात्मक रूप से डिजिटल प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।
यह कार्यक्रम मंत्रालय के मंत्रिमंडल सभागृह में संपन्न हुआ। इस अवसर पर वैद्यकीय शिक्षण मंत्री हसन मुश्रीफ, राज्यमंत्री माधुरी मिसाळ, वैद्यकीय शिक्षण सचिव धीरज कुमार, आयुक्त राजीव निवतकर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
डिजिटल युग में कदम रखने वाली पहली शिक्षा संस्था :
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि यह डिजिटल प्रमाणपत्र प्रणाली शैक्षणिक वर्ष 2023-24 से लागू की जाएगी। इससे छात्रों के प्रमाणपत्रों की ऑनलाइन सत्यापन प्रक्रिया आसान होगी, जिससे नौकरी भर्ती में पारदर्शिता और विश्वसनीयता सुनिश्चित की जा सकेगी। साथ ही, जाली प्रमाणपत्रों पर रोक लगेगी।
यह योजना राज्य सरकार की 100 दिनों की कार्ययोजना का एक महत्वपूर्ण भाग है, जिसे वैद्यकीय शिक्षण विभाग ने आगे बढ़ाया है।
नर्सिंग शिक्षा में बड़ा बदलाव :
महाराष्ट्र राज्य शुश्रुषा व परावैद्यक शिक्षण मंडळ (Maharashtra State Board of Nursing and Paramedical Education) के माध्यम से राज्य में नर्सिंग शिक्षा के विभिन्न कोर्स चलाए जाते हैं। हर वर्ष करीब 20,000 से अधिक विद्यार्थी GNM (General Nursing and Midwifery) और ANM (Auxiliary Nurse Midwifery) कोर्स पूर्ण करते हैं। अब तक उन्हें केवल प्रिंटेड प्रमाणपत्र दिए जाते थे, लेकिन अब यह प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल और ब्लॉकचेन आधारित होगी।
इस पहल के साथ महाराष्ट्र राज्य शुश्रुषा व परावैद्यक शिक्षण मंडळ डिजिटल प्रमाणपत्र जारी करने वाला राज्य का पहला शिक्षा मंडळ बन गया है।
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