मार्च के अंत तक 28 लाख दस्तों का पंजीकरण पूर्ण : पंजीयन महानिरीक्षक हीरालाल सोनवणे

मार्च के अंत तक 28 लाख दस्तों का पंजीकरण पूर्ण : पंजीयन महानिरीक्षक हीरालाल सोनवणे

पंजीकरण एवं स्टाम्प विभाग; राजस्व संकलन की रिकार्ड 112 प्रतिशत लक्ष्यपूर्ति

पुणे, अप्रैल (जिमाका)
राजस्व संकलन लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभिन्न उपायों व वित्तीय वर्ष के प्रारंभ से ही योजनाबद्ध प्रयासों के माध्यम से वर्ष 2023-2024 के लिए 45,000 करोड़ रुपये के राजस्व संग्रह का उद्दिष्ट रहते हुए लक्ष्य का 112 प्रतिशत राजस्व एकत्र किया गया है और 50,500 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड संग्रह किया गया है। मार्च के अंत तक 28 लाख 26 हजार 149 दस्तों का पंजीकरण पूरा हो चुका है। वर्ष 2023-24 में वार्षिक बाजार मूल्य टैरिफ में कोई वृद्धि किए बिना राजस्व संग्रहण लक्ष्य विभाग ने प्राप्त किया है। यह जानकारी राज्य के पंजीयन महानिरीक्षक एवं मुद्रांक नियंत्रक हीरालाल सोनवणे ने दी है।

स्टांप विभाग के पास वर्ष 1980 से स्टांप शुल्क के बकाया वसूली के लंबित मामलों में, महाराष्ट्र स्टांप अधिनियम की धारा 46 के प्रावधानों के तहत अनिवार्य तरीकों से वसूली के लिए बकाएदारों को नोटिस जारी किया गया है। बाजार दर के अनुसार स्टांप शुल्क की वसूली के साथ-साथ आंतरिक निरीक्षण, तत्काल दस्त की जांच महालेखाकार के निरीक्षण में स्टांप शुल्क वसूली के लंबित मामलों में वसूली के लिए विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने बकाएदारों के घर छुट्टियों के दिनों में दौरा करके वसूली के लिए अनुवर्ती करके यह वसूली की है।

स्टांप शुल्क के बकाया के कुछ मामले उच्च न्यायालयों से लेकर उच्चतम न्यायालय में लंबित हैं, ऐसे मामले में स्थगिती हटाने के लिए साथ ही मामले निर्गत करने के लिए सहायक सरकारी एडवोकेट के पास स्टाम्प जिलाधिकारी से अनुवर्ती करके मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निर्गत करने का प्रयास किया जा रहा है।
मूल्यांकन के लिए स्टाम्प जिलाधिकारी के पास दायर मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाया गया और इस तरह बड़ी मात्रा में स्टाम्प शुल्क की वसूली की गई।
पंजीकरण महानिरीक्षक तथा मुख्य नियंत्रक राजस्व प्राधिकारी के पास स्टाम्प अधिनियम के प्रावधानों के तहत दायर अपील और पुनरीक्षण मामलों के निपटान के लिए एक विशेष अभियान के माध्यम से मुंबई शहर और उपनगरों में मामलों की बड़ी संख्या होने के कारण लोगों की सुविधा के लिए इन मामलों की सुनवाई मुंबई में की जा रही है।
वर्ष 2023-24 के दौरान 461 अपील, पुनरीक्षण प्रकरण जारी किये गये। इससे बकाया स्टांप शुल्क की बड़ी वसूली हुई।
महाराष्ट्र स्टांप अधिनियम की धारा 10 डी (1) के तहत सरकार की 3 जून 2016 की अधिसूचना के अनुसार, राज्य के सभी विभागों, स्थानीय स्वराज्य संस्था, सरकारी अर्ध-सरकारी संस्था आदि कार्यालयों को उनकी यंत्रणा के माध्यम से किए गए कार्य अनुबंध, विकास समझौते, टीडीआर हस्तांतरण, किरायापट्टे आदि जैसे दस्तावेजों पर स्टांप शुल्क जीआरएएस (ॠठअड) प्रणाली भरकर उस संबंध की मासिक रिपोर्ट स्टाम्प जिलाधिकारी को प्रस्तुत करने के बारे में 7 जुलाई, 2023 को परिपत्र द्वारा निर्देश दिए गए हैं। साथ ही इस कार्य के लिए उपयुक्त प्राधिकारियों व नोडल अधिकारियों की नियुक्ति के संबंध में भी निर्देश दिए गए हैं और स्टांप जिलाधिकारी स्तर से लेकर संबंधित विभाग तक अनुवर्ती की जा रही है।

नागरिकों की सुविधा हेतु दस्त पंजीकरण के लिए मार्च 2024 के अंत तक आनेवाली 23, 24 साथ ही 29, 30 व 31 मार्च को सार्वजनिक छुट्टी राज्य के सभी द्वितीय पंजीयक कार्यालयों के साथ-साथ सह जिला पंजीकरण और स्टाम्प जिलाधिकारी कार्यालय, पंजीकरण उपमहानिरीक्षक साथ ही पंजीकरण महानिरीक्षक व स्टाम्प नियंत्रक महाराष्ट्र राज्य, पुणे के कार्यालय छुट्टी के दिनों में खुले रखकर रजिस्टरों का पंजीयन किया गया।

अभय योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सरकार द्वारा वर्ष 1980 से 2020 की अवधि के दौरान निष्पादित किए गए पंजीकृत और अपंजीकृत दस्तों के लिए स्टाम्प शुल्क और जुर्माने से राहत और छूट प्रदान करने के लिए महाराष्ट्र स्टाम्प ड्यूटी अभय योजना 2023 को लागू किया गया है। तदनुसार, अभय योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए, पंजीकरण महानिरीक्षक कार्यालय के अधिकारियों को प्रत्येक विभाग के लिए समन्वय अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था। समन्वयक अधिकारी ने स्टाम्प जिलाधिकारी के साथ-साथ उप-पंजीयक कार्यालयों का दौरा किया और अभय योजना के तहत वसूली के लंबित मामलों की समीक्षा की। साथ ही पंजीकरण महानिरीक्षक कार्यालय की ओर से अभय योजना की साप्ताहिक समीक्षा के लिए सभी अधिकारियों की हर साप्ताहिक, पाक्षिक को ऑनलाइन ढंग से बैठकें आयोजित कर लंबित मामलों की समीक्षा की गयी। अभय योजना में दिसम्बर 2023 से 31 मार्च 2024 इस अवधि के दौरान 60 हजार 257 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 43 हजार 659 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है। अभय योजना में राशि 277.90 करोड़ बकाया स्टाम्प शुल्क व जुर्माने की राशि वसूली की जा चुकी है। साथ ही वर्ष 1980 से 2000 अवधि के दौरान के दस्तों पर बकाया स्टांप शुल्क रुपये 1 लाख तक रहनेवाले 25 हजार 31 मामलों में रुपये 71.71 करोड़ इतनी स्टाम्प ड्यूटी और रुपये 232.63 करोड़ की जुर्माने की राशि माफ कर दी गई है।

-श्री हीरालाल सोनवणे
पंजीकरण महानिरीक्षक

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