24 फरवरी से पुणे में ‘महाराष्ट्र एमएसएमई डिफेन्स एक्स्पो’ का आयोजन

24 फरवरी से पुणे में ‘महाराष्ट्र एमएसएमई डिफेन्स एक्स्पो’ का आयोजन

मुंबई, फरवरी (महासंवाद)
रक्षा उत्पादन क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के रुझान को अधिक मजबूती प्रदान के लिए राज्य सरकार के उद्योग विभाग के जरिये महाराष्ट्र के संरक्षण साहित्य उत्पादन करनेवाले सुक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग क्षेत्र को गति देने के लिए 24 से 26 फरवरी तक पुणे में ‘महाराष्ट्र एमएसएमई डिफेन्स एक्स्पो’ का आयोजन किया गया है। विशेष यह है कि संरक्षण उत्पादन क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान देने के लिए राज्य के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को (MSMEs) सक्षम करनेवाला महाराष्ट्र का इस तरह का यह प्रथम डिफेन्स एक्स्पो है और पुणे अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन और कन्वेन्शन सेंटर में आयोजित किया गया है।

रक्षा उत्पादन क्षेत्र की अत्याधुनिक तकनीक और प्राविण्य उद्योग के समन्वय को गति देने के उद्देश्य से जल, भू और वायु इन तीनों रक्षा दल की इसमें महत्वपूर्ण सहभागिता रहेगी। इसमें दो सौ से अधिक सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग, स्टार्ट-अप और 20 हजार से अधिक अभियांत्रिकी विद्यार्थी एकत्रित आकर ज्ञान की लेन-देन करेंगे।

भारत का औद्योगिक शक्तिस्थान के रूप में पहचाने जानेवाले महाराष्ट्र आत्मनिर्भर भारत का संवर्धन करने में अग्रसर राज्य है। राज्य में 39.88 लाख एमएसएमई की मजबूत शृंखला है, जिसमें उद्यम पोर्टल पर 108.67 लाख रोजगार हैं। एमएसएमई डिफेन्स एक्स्पो ऐसे उद्योगों को उनकी क्षमताओं का प्रदर्शन करने के लिए और रक्षा उद्योगों के प्रमुख भागधारकों से जोड़ने के लिए एक समर्पित मंच प्रदान करेगा.

एमएसएमई डिफेन्स एक्सपो 2024 की मुख्य विशेषताएं :
इस एक्स्पो में 200 से अधिक एमएसएमई प्रदर्शक उनकी रक्षा- संबंधित उत्पादन, तकनीक और सेवाओं के विभिन्न क्षेत्र जैसे कि, एरोस्पेस, शस्त्रास्त्र, इलेक्ट्रॉनिक्स, संचार और लॉजिस्टिक्स का प्रदर्शन करेंगे।
एमएसएमई और प्रमुख संरक्षण खरेदी संस्था, उद्योग क्षेत्र के दिग्गज और संभावित निवेशकों के बीच संवाद सत्र होंगे।
नॉलेज सेमिनार : प्रख्यात विशेषज्ञ और विचारक नेता, रक्षा क्षेत्र के नवीनतम ट्रेंड, अवसर और चुनौतियाँ इस पर दूरदृष्टि डालेंगे।
कौशल विकास कार्यशाला : रक्षा उद्योगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए एमएसएमई कर्मचारियों का कौशल और क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से परस्परसंवादी सत्र भी आयोजित किये गए हैं।
सरकारी सहायक उपक्रम : रक्षा उत्पादन में एमएसएमई को समर्थन देने के लिए विविध सरकारी योजना, नीति और आर्थिक सहायक विकल्प भी प्रदर्शित किये जाएंगे।
नीतिपरक भागीदारी : रक्षा क्षेत्र में एमएसएमई को व्यवसाय बढ़ाने के लिए संभावित खरेदीदार, सहयोगी निवेशकों से संपर्क कर सकेंगे।
विशेषज्ञों के सेमिनार और कार्यशालाओं के द्वारा रक्षा उद्योग की नवीनतम गतिविधियाँ और ट्रेंड्स पर अपडेट मिल सकेंगे।
आर्थिक सहायता : रक्षा क्षेत्र की एमएसएमई की वृद्धि को गति देने के लिए सरकारी योजना और निधि के अवसर उपलब्ध होंगे।
इस एक्स्पो के द्वारा एमएसएमई को सर्वसमावेशक सहायता प्रदान करने के लिए सरकार वचनबद्ध होने की बात उद्योग विभाग के प्रधान सचिव डॉ. हर्षदीप कांबले ने कही। उन्होंने बताया कि इसमें उद्योग कनेक्शन सुलभ करना, तकनीकी सहायता ऑफर करना और नियामक प्रक्रिया सुव्यवस्थित करना शामिल हैं, जिससे भारत की रक्षा क्षेत्र में उन्हें सक्रिय रूप से शामिल होने में सक्षम कर सकेंगे। एमएसएमई डिफेन्स एक्स्पो 2024 में एमएसएमई, रक्षा संरक्षण अधिकारी, उद्योग प्रतिनिधि, निवेशक और शैक्षणिक क्षेत्र के 2 हजार से अधिक संस्थाएं शामिल होंगी।

एल एण्ड टी. डिफेन्स, महिंद्रा, टाटा, डीआरडीओ, सोलार, भारत फोर्ज और सार्वजनिक रक्षा क्षेत्र के उपक्रम (PSU) जैसे उद्योग क्षेत्र के दिग्गजों ने की हुई नवीनतम रक्षा उत्पादन की वजह से महाराष्ट्र के रक्षा क्षेत्र में प्रमुख उत्पादक के रूप में पहचान स्थापित हुई है। इसमें शामिल होने वाले को लाभदायक व्यावसाय के अवसर, सैकड़ों-करोड़ों रुपयों के संभावित करार और रक्षा तकनीक निर्यात क्षेत्र के एमएसएमई और स्टार्ट-अप्स के लिए लाभदायी साबित होंगे।
यह एक्स्पो हमारे राज्य की रक्षा क्षमता मजबूत करने के लिए सरकार के नाता अधोरेखित करता हूँ। ननवीनता और सहयोग पर ध्यान केंद्रित कर, यह कार्यक्रम महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आत्मनिर्भर भारत उपक्रम के अंतर्गत आत्मनिर्भरता की ओर, रक्षा क्षेत्र की वृद्धि और नवीनतम अवधारणाओं को गति देनेवाला है। यह भावना मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने व्यक्त की।

आत्मनिर्भर भारत संकल्पना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा क्षेत्र में लाने के बाद बड़े पैमाने पर रक्षा एमएसएमई निर्माण हुई है। तीनों सेवा दल का इसमें सहभाग रहेगा। आज देश में बड़े पैमाने पर रक्षा साहित्य निर्माण हो रहा है, ऐसे में महाराष्ट्र में 10 ऑर्डिनेंस फैक्टरी और 5 डिफेन्स पीएसयू हैं। इसकी राज्य में इकोसिस्टिम तैयार हुई है। टाटा, भारत फोर्ज, सोलार, एल एण्ड टी, ऐसी बड़ी कंपनियां राज्य में रक्षा क्षेत्र में उपादन तैयार करती हैं, जिससे बड़े पैमाने पर उद्योग आएंगे, निवेश बढ़ेगा। मुख्य यानि उत्पादन करनेवाले और खरेदीदार आर्म्ड फोर्स ऐसे दोनों एक ही स्थान पर एकसाथ आएंगे। उद्योग विभाग ने पहल कर यह संकल्पना प्रत्यक्ष में लाने के लिए परिश्रम किया है। आज तक हुए एक्स्पो के सबसे बड़े एक्स्पो महाराष्ट्र में करने का सरकार का प्रयास होने की भावना उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने व्यक्त की।

महाराष्ट्र के एमएसएमई के रक्षा उत्पादन की विशाल क्षमता का उपयोग करने के लिए यह एक्स्पो एक महत्त्वपूर्ण चरण है। स्थानीय नवकल्पना बढ़ाकर और देशांतर्गत आपूर्ति शृंखला मजबूत कर रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण से सुसंगत होने की भावना उद्योगमंत्री उदय सामंत ने व्यक्त की।

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