आरोपियों की मदद करनेवाले जनप्रतिनिधि और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ की जाए सख्त कार्रवाई : आम आदमी पार्टी द्वारा मांग

आरोपियों की मदद करनेवाले जनप्रतिनिधि और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ की जाए सख्त कार्रवाई : आम आदमी पार्टी द्वारा मांग

हड़पसर, मई (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज़ नेटवर्क)
पुणे शहर के कल्याणीनगर में एक अमीर व्यक्ति के नाबालिग बेटे द्वारा दो निर्दोष युवकों को कुचलने के मामले में समय-समय पर आरोपियों की मदद करनेवाले जन प्रतिनिधियों और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। यह मांग आम आदमी पार्टी की ओर से की गई है।

इस संबंध में येरवडा पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक को निवेदन भी दिया गया है। इस अवसर पर यहां कार्यकारी अध्यक्ष महाराष्ट्र राज्य अजीत फाटके पाटिल, प्रदेश प्रवक्ता मुकुंद किर्दत, पुणे शहराध्यक्ष सुदर्शन जगदाले, पुणे शहर युवाध्यक्ष अमित म्हस्के, संघटन मंत्री एकनाथ ढोले, प्रवक्ता किरण कद्रे, उपाध्यक्ष निलेश वांजले, महासचिव अक्षय शिंदे, महासचिव सतीश यादव, उपाध्यक्ष अनिल कोंढलकर, संघटन मंत्री मनोज शेट्टी, श्रद्धा शेट्टी, उपाध्यक्ष हरून मुलानी, रिक्शा आघाडी अध्यक्ष अनिल धुमाल व अन्य उपस्थित थे।

पुणे शहर में कानून व्यवस्था की स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है और पुलिस प्रशासन इसे किसी भी तरह से नियंत्रित करने में विफल हो रहा है। यह भी सच है कि पुणे के नवनियुक्त पुलिस आयुक्त ने आयुक्त की जिम्मेदारी संभालने के बाद कुख्यात अपराधियों की परेड कराकर नागरिकों में विश्वास पैदा करने की कोशिश की, लेकिन कुछ ही दिनों में देखने में आया कि यह प्रयास पर्याप्त नहीं रहा।

पुणे में घर निर्माण व्यवसायी (बिल्डर) विशाल अग्रवाल के पुत्र वेदांत अग्रवाल ने गाड़ी चलाते समय दुर्घटना की और दुर्घटना में अनिस अवधिया और अश्विनी कोस्टा (नि. मध्य प्रदेश) की मौत हो गई। हादसे के वक्त मौके पर मौजूद नागरिकों के मुताबिक गाड़ी चला रहा वेदांत शराब के नशे में था। उक्त हादसे से कई सवाल खड़े हो गए हैं कि आख़िर किसकी पहल पर पुणे में होटल इतनी देर से शराब बेचना शुरू रखते हैं? पुलिस प्रशासन इतनी देर तक संचालित होनेवाले होटल व्यवसायियों पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है? रात्रि गश्त करनेवाली पुलिस टीम क्या करती है? क्या इसमें पुलिस का कोई आर्थिक हित है? साथ ही उक्त दुर्घटना के बाद वेदांत अग्रवाल के खिलाफ कार्रवाई के दौरान अजीत पवार गुट के विधायक सुनील टिंगरे भी पुलिस स्टेशन में मौजूद थे, इसलिए व्यापारियों और राजनेताओं के हित सामने आ रहे हैं। दरअसल, जब पुलिस जांच कर रही है और मामला दर्ज किया जा रहा है तो वहां उनकी मौजूदगी की क्या जरूरत है? पुलिस प्रशासन को इसकी जानकारी नागरिकों को देनी चाहिए। यह मांग आम आदमी पार्टी की ओर से की गई है।

कल्याणीनगर हादसे में दो मौतों के बाद अब पूर्व महापौर की नींद खुली है। तथ्य यह है कि ड्रग्स और इसके साथ पब संस्कृति शहरी मलिन बस्तियों के साथ-साथ अति-अमीर घरों तक भी पहुंच गई है, पिछले दो-तीन वर्षों में विभिन्न घटनाओं में देखा गया है। इस संबंध में पुलिस की ज़िम्मेदारी है, लेकिन साथ ही प्रशासन, शासकों और फिर होटल व्यवसायों के अनियमित निर्माण और होटल के समय और चलनेवाले की ओर साफ अनदेखा किया जा रहा है, यह उसका ही परिणाम आज पुणे शहर को भुगतना पड़ रहा है। इन सभी पर दीर्घकालिक प्रभावी उपाय लागू किये जाने चाहिए।
– मुकुंद किर्दत, महाराष्ट्र राज्य प्रवक्ता

शिक्षा और सांस्कृतिक शहर की राजधानी के रूप में जाना जानेवाला पुणे अब एक अवैध पब शहर बनता जा रहा है। पुणे का यह हादसा बेहद चौंकानेवाली घटना है, पैसे के बल पर आरोपियों को बचाने के लिए सिस्टम ने जो तत्परता दिखाई है, वह वास्तव में पुणे और महाराष्ट्र के लिए बेहद शर्मनाक और खतरनाक है।
– अजीत फाटके पाटिल, कार्यकारी अध्यक्ष महाराष्ट्र राज्य

कल्याणीनगर में शराब के नशे में चार पहिया वाहन चला रहे वेदांत अग्रवाल ने एक युवक और युवती को कुचल दिया, जिससे उनकी मौत हुई है जो एक तरह से हत्या की गयी है, इसलिए पुलिस को अपने विवेक बुद्धि का इस्तेमाल करते हुए आरोप पत्र तैयार करते समय अधिक से अधिक कठोर धाराएं शामिल करनी चाहिए ताकि आरोपी को अदालत में अधिकतम सजा मिल सके।
– किरण कद्रे, प्रवक्ता पुणे शहर

कल्याणीनगर में दुर्घटना की घटना चिंताजनक है। यह हादसा मन को हिलानेवाला है। एक उद्योगपति के बेटे को बचाने के लिए पूरा सिस्टम कैसे काम करता है। पुलिस प्रशासन, राजनीतिक विधायकों द्वारा बनाया गया सारांश संदिग्ध है। विधायकों की फोन रिकॉर्डिंग, पुलिस स्टेशनों के फुटेज की जांच की जानी चाहिए। इसकी गहन जांच होनी चाहिए।
– अमित म्हस्के, युवा शहराध्यक्ष पुणे शहर

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