महाराष्ट्र सरकार का गूगल के साथ ‘एआई फॉर महाराष्ट्र’ सामंजस्य करार – एआई करार के कारण पुणे विश्व मानचित्र पर आएगा

महाराष्ट्र सरकार का गूगल के साथ ‘एआई फॉर महाराष्ट्र’ सामंजस्य करार – एआई करार के कारण पुणे विश्व मानचित्र पर आएगा

कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपाय योजना की सहायता से कृषि और स्वास्थ्य क्षेत्र में होगा परिवर्तन : उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

पुणे, फरवरी (जिमाका)
उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की उपस्थिति में कृषि सहित विभिन्न क्षेत्रों में सतत विकास के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) उपाय योजना (ऐप्स) और प्रौद्योगिकी के कार्यान्वयन के लिए महाराष्ट्र सरकार और गूगल के साथ ‘एआई फॉर महाराष्ट्र’ सामंजस्य करार किया गया है। एआई तकनीक कृषि और स्वास्थ्य क्षेत्रों में स्थायी बदलाव के साथ आम आदमी के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाएगी। यह विश्वास उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने व्यक्त किया।


गुगल इंडिया के मुंढवा स्थित कार्यालय में किए गए करार के अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. नितिन करीर, उच्च व तंत्रशिक्षण विभाग के प्रधान सचिव विकासचंद्र रस्तोगी, उपमुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्रीकर परदेशी, गूगल इंडिया के भारत के प्रमुख और उपाध्यक्ष संजय गुप्ता, नागपुर स्थित ट्रीपल आईटी के संचालक प्रा. डॉ. ओमप्रकाश काकडे, एक्सिस माय इंडिया के अध्यक्ष व व्यवस्थापकीय संचालक प्रदीप गुप्ता उपस्थित थे।


उपमुख्यमंत्री श्री फड़णवीस ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार हमेशा ऐसे नवीन प्रयोगों को प्रोत्साहित देती रहती है। पिछले 6 महीनों में एआई तकनीक तेजी से बदली है। चूँकि इस तकनीक में उसी गति से बदलाव अपेक्षित हैं, इसलिए इसके उपयोग के लिए त्वरित कदम उठाना आवश्यक है और इस संबंध में कम समय में यह समझौता एक सकारात्मक दिशा में उठाया गया कदम है। नई तकनीक लोगों के जीवन स्तर को बदलने की क्षमता रखती है और सरकार ऐसी तकनीक का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रही है।


करार के कारण पुणे को वैश्विक मानचित्र पर आएगा
श्री फडणवीस ने कहा कि गूगल दुनिया की सबसे बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनी है और गुगल द्वारा बनाए गए विभिन्न नए एप्लिकेशन लोगों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। गुगल के साथ नागपुर में एआई उत्कृष्टता केंद्र निर्माण किया जा रहा है। आगे बढ़ते हुए विभिन्न 7 क्षेत्रों में स्थिरता के लिए एक व्यापक साझेदारी के लिए गुगल के साथ इस समझौते में प्रवेश करने का निर्णय लिया गया है और इस प्रकार पुणे एआई के मामले में विश्व मानचित्र पर होगा।

टिकाऊ कृषि और स्वास्थ्य देखभाल के लिए एआई उपयोगी
आज हम कृत्रिम बुद्धिमत्ता के युग में प्रवेश कर चुके हैं यह कहते हुए उन्होंने कहा कि हमें जीवन के हर क्षेत्र में स्थिरता की आवश्यकता है। मुख्य रूप से हम सभी का जीवन कृषि की स्थिरता से जुड़ा है। राज्य में कृषि को प्रभावित करने वाले कई मुद्दे हैं, जैसे जलवायु परिवर्तन, गीला और सूखा जैसे खेती पर परिणाम करने वाले अनेक प्रश्न हैं। प्रौद्योगिकी की मदद से हम कृषि क्षेत्र में स्थिरता ला सकते हैं। उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कई चीजों की भविष्यवाणी की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि आज आम आदमी को अच्छी स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराना जरूरी है। शहरीकरण के युग में समाज के अंतिम व्यक्ति तक अच्छी स्वास्थ्य सेवा पहुंचाना कठिन हो जाता है। प्रशिक्षित और विशेषज्ञ डॉक्टर दूरदराज या ग्रामीण इलाकों में जाने को तैयार नहीं हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में आम आदमी स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए सरकारी अस्पतालों में जाता है। ऐसे समय में एआई जैसी तकनीक का उपयोग कर समाज के अंतिम व्यक्ति तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा बेहतर ढंग से पहुंचाई जा सकती है।


महाराष्ट्र भारत की स्टार्टअप राजधानी
उपमुख्यमंत्री श्री फड़णवीस ने कहा कि जब वैश्विक कंपनियां भारत के बारे में सोचती हैं तो सूचना प्रौद्योगिकी के मामले में बेंगलुरु का जिक्र करती हैं। हालाँकि, भारत की स्टार्टअप राजधानी महाराष्ट्र है। भारत के लगभग 20 प्रतिशत स्टार्टअप और 25 प्रतिशत यूनिकॉर्न महाराष्ट्र में हैं। इस समझौते के कारण पुणे की भी विश्वस्तर पर चर्चा होगी।

स्टार्टअप की इकोसिस्टम जो पहले मुंबई, पुणे तक सीमित था, आज बड़े पैमाने पर स्तर-2 और स्तर-3 शहरों तक पहुंच गया है। श्री फड़णवीस ने यह भी कहा कि 30 से 35 प्रतिशत स्टार्टअप कृषि क्षेत्र में बनाए जा रहे हैं और इसके माध्यम से आज के युवा महाराष्ट्र में किसानों के जीवन स्तर को बदल रहे हैं।
योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रहा है क्योंकि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रौद्योगिकी की मदद से प्रत्यक्ष लाभ वितरण की एक कुशल प्रणाली बनाई है। उपमुख्यमंत्री ने कहा, इसलिए पिछले 9 वर्षों में भारत में 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर आ गये हैं।

सात क्षेत्रों के लिए भागीदारी
नवाचार और उद्यमिता में साझेदारी के माध्यम से गूगल राज्य में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के साथ-साथ एआई प्रौद्योगिकी को शामिल करके उद्यमिता विकास का समर्थन करेगा। साथ ही इस समझौते के जरिए गूगल को कौशल प्रशिक्षण और शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, पर्यावरण, नगर नियोजन, परिवहन नियोजन के क्षेत्र में सहयोग मिलेगा। सरकारी सेवाओं में नवीनता लाकर सरकारी योजनाओं को आम आदमी तक प्रभावी ढंग से पहुंचाने के लिए तकनीक भी उपलब्ध होगी।

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