पुणे में 23 से 25 फरवरी तक ‘शिवगर्जना’ महानाट्य; माह के अंत में ‘महासंस्कृति महोत्सव’

पुणे में 23 से 25 फरवरी तक ‘शिवगर्जना’ महानाट्य; माह के अंत में ‘महासंस्कृति महोत्सव’

महासंस्कृति महोत्सव और महानाट्य सभी को प्रेरित करेंगे : निवासी उपजिलाधिकारी ज्योति कदम

पुणे, फरवरी (जिमाका)
महासंस्कृति महोत्सव और 350 वर्ष के अवसर पर शिवराजाभिषेक वर्ष के अवसर पर आयोजित महानाट्य के संबंध में सभी संबंधित नोडल अधिकारियों की एक तैयारी बैठक निवासी उपजिलाधिकारी ज्योति कदम की अध्यक्षता और जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंद्रकांत वाघमारे की उपस्थिति में जिलाधिकारी कार्यालय में आयोजित की गई।

श्रीमती ज्योति कदम ने इस अवसर पर कहा कि पुणे में आयोजित होने वाला महासंस्कृति महोत्सव राज्य की सभी लोक कलाओं, सांस्कृतिक वैभव का दर्शन वाला और ‘शिवगर्जना’ महानाट्यम विद्यालय के छात्रों सहित सभी के लिए प्रेरणा देनेवाला होगा।

बैठक में उपजिलाधिकारी अर्चना तांबे, जिला शल्य चिकित्सक डॉ. नागनाथ येमपल्ले, नगरपालिका प्रशासन के जिला प्रशासन अधिकारी व्यंकटेश दुर्वास, सार्वजनिक बांधकाम विभाग के कार्यकारी अभियंता सुरेंद्र काटकर, सहायक परिवहन अधिकारी अमर देसाई सहित सभी संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
‘शिवगर्जना’ महानाट्य 23, 24 और 25 फरवरी को तीन दिनों तक हर शाम किया जाएगा। यह भव्य नाटक येरवडा जेल के प्रशिक्षण केंद्र के सामने खुली जगह पर आयोजित करने की योजना है। इस संबंध में श्रीमती कदम ने कहा कि लोक निर्माण विभाग, परिवहन विभाग, पुलिस, सांस्कृतिक कार्य आदि विभाग संयुक्त रूप से स्थल का निरीक्षण कर स्थान, पार्किंग व्यवस्था, यातायात व्यवस्था आदि के संबंध में योजना तैयार करें।

इस महीने के अंत तक लोकशाहीर अण्णा भाऊ साठे सभागृह, बिबवेवाड़ी में पांच दिवसीय महासंस्कृति महोत्सव का आयोजन किया जाएगा और इसमें जिले के कलाकारों को प्राथमिकता और कलाकार के चयन पर विचार किया जाएगा। शिवचरित्र पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम, महाराष्ट्र के सभी लोककलाओं के प्रकार, कोकण के नमन, दशावतार, विदर्भ के झाडीपट्टी आदि राज्य के विभिन्न महोत्सव, जिले के विभिन्न उत्सव, त्यौहार, कविता, देशभक्ति पर गीत आदि कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे।

महोत्सव में छत्रपति शिवाजी महाराज का सचित्र दालान, संरक्षित किलों की जानकारी वाली प्रदर्शनी, हस्तशिल्प, पर्यटन, कपड़ा संस्कृति, स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों आदि के प्रदर्शनी स्टॉल लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि पुरुषोचित खेल, शिवकालीन कला, लुप्त होते खेल, विभिन्न प्रतियोगिताओं से संबंधित कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।

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