रक्षा मंत्रालय ने भारतीय नौसेना के लिए मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के लिए बीडीएल के साथ 2,960 करोड़ रुपये का अनुबंध किया

रक्षा मंत्रालय ने भारतीय नौसेना के लिए मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के लिए बीडीएल के साथ 2,960 करोड़ रुपये का अनुबंध किया

रक्षा मंत्रालय ने भारतीय नौसेना के लिए मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के लिए बीडीएल के साथ 2,960 करोड़ रुपये का अनुबंध किया

रक्षा मंत्रालय ने भारतीय नौसेना के लिए मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के लिए बीडीएल के साथ 2,960 करोड़ रुपये का अनुबंध किया

रक्षा मंत्रालय (एमओडी) ने भारतीय नौसेना के लिए मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों (एमआरएसएएम) की आपूर्ति के लिए भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) के साथ लगभग 2,960 करोड़ रुपये की लागत से एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। 16 जनवरी, 2025 को नई दिल्ली में रक्षा सचिव श्री राजेश कुमार सिंह की उपस्थिति में एमओडी और बीडीएल के अधिकारियों द्वारा अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए।

एमआरएसएएम प्रणाली एक मानक उपकरण है, जो कई भारतीय नौसेना जहाजों पर लगाई जाती है। इसे भविष्य में अधिग्रहण के लिए नियोजित अधिकांश प्लेटफॉर्मों पर लगाए जाने  की योजना है। यह अनुबंध भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने और उन्नत सैन्य प्रौद्योगिकी को स्वदेशी बनाने के लिए चल रहे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

‘आत्मनिर्भर भारत’ पर जोर देते हुए, मिसाइलों की आपूर्ति बीडीएल द्वारा ‘बाय (इंडियन)’ श्रेणी के तहत की जाएगी, जिसमें काफी हद तक स्वदेशी सामग्री होगी। इस अनुबंध से विभिन्न एमएसएमई सहित रक्षा उद्योग में लगभग 3.5 लाख मानव दिवस का रोजगार सृजित होगा।

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