राहुल गांधी को पुणे न्यायालय में हर तारीख को उपस्थित रहने की जरूरत नहीं
राहुल गांधी को पुणे न्यायालय में हर तारीख को उपस्थित रहने की जरूरत नहीं
पुणे, फरवरी (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
पुणे में प्रथम श्रेणी न्यायाधीश श्री अमोल शिंदे की अदालत में संसद में वर्तमान विपक्ष के नेता श्री राहुल गांधी पर मानहानि का मामला चल रहा है। 18 फरवरी को पुणे में उनकी सुनवाई हुई। श्री राहुल गांधी के वकील एडवोकेट मिलिंद दत्तात्रय पवार ने सुनवाई के दौरान न्यायालय में व्यक्तिगत उपस्थित रहने से स्थाई छूट मिले, न्यायालय में अर्जी दाखिल की थी, न्यायालय ने अर्जी मंजूर कर ली है।
श्री राहुल गांधी के वकील एडवोकेट मिलिंद डी. पवार ने राहुल गांधी की ओर से आपराधिक न्याय संहिता की धारा 258 के तहत अदालत में अर्जी दायर की। यह मामला आजादी से पहले की ऐतिहासिक घटनाओं पर आधारित है। कई महत्वपूर्ण घटनाएँ आज़ादी से पहले की घटनाओं पर आधारित हैं। सावरकर का अंग्रेजों से आजादी दिलाने में बहुत बड़ा योगदान था, सावरकर ने दाखिल की गई उनकी शिकायत में यह जिक्र किया गया है। सावरकर का आजादी दिलाने में योगदान और तदनुसार कई व महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएँ अदालत के सामने आना श्री राहुल गांधी के लिए प्राकृतिक न्याय दिलाने की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण हैं, इसलिए कानून के प्रावधानों के अनुसार इस मामले की आगे की सुनवाई समरी ट्रायल के बजाय समन्स ट्रायल के रूप में की जानी चाहिए। वर्तमान स्थिति में न्यायालय में इस मामले का पंजीकरण अदालत के रजिस्ट्रार द्वारा गलती से समरी ट्रायल यह गलत दर्ज किया गया है। मामले के पंजीकरण का परिवर्तन आपराधिक न्याय संहिता की धारा 258 के तहत समरी ट्रायल के बजाय समन्स ट्रायल में किया जाए, इसलिए बचाव पक्ष इस मामले में अभियोजन पक्ष से बड़े पैमाने पर और गहनता से जिरह कर सकता है। ब्रिटिशकाल स्वतंत्रता-पूर्व काल के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक दस्तावेजों का इस मामले में साक्ष्य के रूप में अदालत के समक्ष सुनवाई के दौरान अदालत में पेश किया जा सकता है, इसलिए समन्स ट्रायल के अनुसार इस मामले की सुनवाई की जाए, ऐसी अर्जी राहुल गांधी के वकील एडवोकेट मिलिंद पवार द्वारा दायर की गई।
एडवोकेट मिलिंद पवार ने दाखिल की गई अर्जी पर वादी सात्यकी सावरकर का लिखित स्वरूप में बयान न्यायालय ने मांगा है और उस पर मामले की अगली तारीख 25/02/2025 को होगी।
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