जिलाधिकारी जितेन्द्र डूडी ने की जिला वार्षिक योजना क्रियान्वयन की समीक्षा
जिलाधिकारी जितेन्द्र डूडी ने की जिला वार्षिक योजना क्रियान्वयन की समीक्षा
पुणे, जनवरी (जिमाका)
जिलाधिकारी जितेंद्र डूडी ने जिला नियोजन समिति के तहत जिला वार्षिक योजना 2024-25 के कार्यान्वयन के साथ-साथ मसौदा योजना 2025-26 के प्रावधानों के अनुसार कार्यान्वयन तंत्र की समीक्षा के बाद विभिन्न सुझाव दिए और निर्देश दिए 2025-26 की प्रारूप योजना में जिले में जल भण्डारण बढ़ाने हेतु पाझर तालाब के सुधार एवं गाद हटाने की विस्तृत योजना प्रस्तुत की जाए।
जिलाधिकारी कार्यालय में आयोजित बैठक में ग्रामीण पुलिस अधीक्षक पंकज देशमुख, जिला नियोजन अधिकारी किरण इंदलकर, पुणे वन विभाग के उपवनसंरक्षक महादेव मोहिते के साथ विभिन्न कार्यान्वयन यंत्रणा के प्रमुख उपस्थित थे।
श्री डूडी ने लघु सिंचाई विभाग की समीक्षा करते हुए संबंधितों ने सिंचाई के लिए नदी, नहर आदि की सुविधा न रहनेवाले गांवों के छोटे तालाबों की मरम्मत के लिए निधि का प्रस्ताव प्रस्तुत करने की जानकारी दी। तदनुसार विस्तृत प्रस्ताव प्रस्तुत कर तालाबों की दीवारों की मरम्मत एवं गाद हटाने पर कितना जल भण्डारण सृजित होगा तथा उस पर होनेवाले व्यय का विवरण प्रस्तुत किया जाए।
जिले में स्मार्ट प्राथमिक स्कूल और स्मार्ट प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अवधारणा के तहत 305 प्राथमिक विद्यालय और सभी 108 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र विकसित किए जाएंगे। पुराने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की मरम्मत एवं नये निर्माण कराये जायेंगे। महाऊर्जा को इन सभी स्मार्ट प्राथमिक विद्यालयों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए सौर पैनल योजना और नेट मीटरिंग लागू करनी चाहिए ताकि वे बिजली की लागत बचा सकें और आर्थिक रूप से भी लाभान्वित हो सकें।
पर्यावरणीय पर्यटन (इको टूरिज्म) विकास को वन्य प्राणी वन क्षेत्र में अच्छी संभावना है और इसका प्रस्ताव वन विभाग को प्रस्तुत करना चाहिए। रेशम विकास विभाग समूह विकास के अंतर्गत शहतूत की खेती को बढ़ावा दे। इसके लिए किसान उत्पादक संघों को रेशम धागा उत्पादन हेतु प्रशिक्षण प्रदान करने तथा कम से कम 5000 किसानों को शहतूत की खेती हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करने की योजना प्रस्तुत की जानी चाहिए।
इस समय जिलाधिकारी श्री डूडी ने वर्ष 2024-25 के लिए सामान्य जिला वार्षिक योजना, अनुसूचित जाति उपयोजना, जनजातीय उपयोजना एवं गैर जनजातीय क्षेत्र उपयोजना के तहत योजनाओं की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की समीक्षा की। विभाग सभी प्रशासनिक स्वीकृतियाँ समय पर लें। साथ ही कुछ योजनाओं में व्यय न हो पाने की स्थिति में पुनर्निवेश अथवा धनराशि की वापसी का प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर श्री इंदलकर ने वर्ष 2024-25 के लिए जिला वार्षिक योजना के अनुसार विभिन्न विभागों के प्रस्तावों को दी गई प्रशासनिक स्वीकृति, वितरित की गई निधि तदनुसार एक प्रस्तुतीकरण किया गया। इस संबंध में यंत्रणाओं के प्रमुख ने निधि के अनुसार जानकारी दी।
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