दिवाली के दौरान पटाखों से दूर रहें, पर्यावरण अनुकूल त्यौहार मनाएं : डॉ. अनिल पाटिल
दिवाली के दौरान पटाखों से दूर रहें, पर्यावरण अनुकूल त्यौहार मनाएं : डॉ. अनिल पाटिल
हड़पसर, अक्टूबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
पटाखों से होनेवाला प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होता है, साथ ही वरिष्ठ नागरिकों के साथ-साथ बच्चों और नवजात शिशुओं को भी इस प्रदूषण का खतरा अधिक होता है।
इसमें प्रयुक्त भारी धातुओं जैसे सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड के कारण स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है, विशेषकर श्वास नलिका, गले व फेफड़ों पर प्रतिकूल प्रभाव देखा जाता है। पटाखों का धुआं न केवल मानव जीवन को प्रदूषित करता है बल्कि हवा, पानी व भूमि को भी प्रदूषित करता है, जिससे पक्षियों, वन्यजीवों और घरेलू जानवरों को गंभीर नुकसान होता है।
पटाखों से निकलनेवाले धुएं में मौजूद रसायनों के कारण आंखों और कानों पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है, जिससे आंखों में सूजन, खुजली और जलन जैसी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं और जिन लोगों को अस्थमा और हृदय रोग है वे लोग इससे ज्यादा प्रभावित होते हैं।
वर्तमान में बाजार में उपलब्ध पटाखों में प्रतिदिन 2.5 पीएम जितने सूक्ष्म कण होते हैं, इसका सबसे अधिक प्रभाव फेफड़ों और हृदय पर पड़ता है, क्योंकि ये सूक्ष्म कण मरीजों की रक्त वाहिका में प्रवेश कर जाते हैं, जिससे पता चलता है कि उसे दिल का दौरा और रक्तचाप देखने में आ रहा है कि मात्रा बढ़ गई है।
छोटे बच्चों में सर्दी, खांसी, बुखार, सांस लेने में कठिनाई, दम लगना, कान के पर्दे को नुकसान हो सकता है, इसलिए देखभाल और पटाखों से दूर रहना स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत जरूरी और फायदेमंद है। जी भरकर दिवाली का आनंद लें, लेकिन सभी को पटाखों से सावधान भी रहना चाहिए। यह अपील डॉ. अनिल पाटिल ने की है।
दिवाली और मुख्य रूप से त्यौहार पर मिलावटी मिठाइयाँ बाजार में बहुतायत में होती हैं और इससे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसके लिए सभी को सावधानी बरतनी चाहिए। ज्यादा मीठा खाना सेहत के लिए हानिकारक होता है। हड्डियों का कमजोर होना, दांतों का जल्दी खराब होना, जल्दी वजन बढ़ना और मधुमेह यानी रक्त शर्करा की मात्रा बढ़कर इसका विपरीत प्रभाव हृदय रोग बढ़ोतरी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। सही मात्रा में मिठाई का सेवन करके इन चीजों से बचा जा सकता है।
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