‘एमआईटी एडीटी’ देगा छात्रों को प्रशासनिक अधिकारी बनने के लिए सपनों के पंख : डॉ. सुजीत धर्मपात्रे

‘एमआईटी एडीटी’ देगा छात्रों को प्रशासनिक अधिकारी बनने के लिए सपनों के पंख : डॉ. सुजीत धर्मपात्रे

‘एमआईटी एडीटी’ देगा छात्रों को प्रशासनिक अधिकारी बनने के लिए सपनों के पंख : डॉ. सुजीत धर्मपात्रे
ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन में ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी

पुणे, सितंबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
आज के दौर में संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) या राज्य लोकसेवा आयोग (एमपीएससी) जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करना चुनौतीपूर्ण माना जाता है। हर साल लाखों छात्र बिना किसी बैकअप प्लान के प्रशासनिक अधिकारी बनने का सपना लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। उचित मार्गदर्शन की कमी, कई प्रयासों के बाद असफलता और बढ़ती उम्र जैसे कारण छात्रों को निराश कर देते हैं। इस समस्या को पहचानते हुए एमआईटी एडीटी जैसे अग्रणी विश्वविद्यालयों ने छात्रों के प्रशासनिक अधिकारी बनने के सपनों को साकार करने का निर्णय लिया है। यह जानकारी एमआईटी स्कूल ऑफ इंडियन सिविल सर्विसेज (एसआईसीएस) के निदेशक डॉ. सुजीत धर्मपात्रे ने दी है।

एमआईटी यूनिवर्सिटी ऑफ आर्ट, डिजाइन एंड टेक्नोलॉजी, पुणे ने भारत में एकमात्र पाठ्यक्रम स्कूल ऑफ इंडियन सिविल सर्विसेज (एसआईसीएस) के बारे में जानकारी देने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया था तब निदेशक डॉ. सुजीत धर्मपात्रे बोल रहे थे।
डॉ. धर्मपात्रे ने आगे कहा कि हर साल लाखों छात्र सिविल सर्विसेज परीक्षाओं में शामिल होते हैं। इसके लिए वे ग्रेजुएशन के बाद लाखों रुपए खर्च कर दिल्ली या अन्य शहरों में कक्षाएं लेते हैं, लेकिन उचित मार्गदर्शन की कमी के कारण बहुत कम छात्र सफल हो पाते हैं। क्या हमने कभी सोचा है कि बाकी छात्रों का क्या होता है? ऐसे छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आवश्यक मार्गदर्शन और एक व्यापक व्यक्तित्व विकास पाठ्यक्रम प्रदान करने के लिए एमआईटी कला, डिजाइन और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ इंडियन सिविल सर्विसेज की स्थापना की गई है।

12वीं के बाद जो छात्र यूपीएससी और राज्य सेवा परीक्षाओं सहित अन्य सरकारी सेवाओं के लिए विशेषज्ञ मार्गदर्शन के साथ अध्ययन करना चाहते हैं, उन्हें बी.ए. प्रशासन में डिग्री और एम.ए. लोक प्रशासन में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की सुविधा दी जाती है। एमआईटी एसआईसीएस भारत का एकमात्र अग्रणी संस्थान है जो इन कोर्सों की पेशकश करता है।

यूपीएससी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. डी.पी. अग्रवाल, तेलंगाना के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक महेश भागवत, नाबार्ड के पूर्व अध्यक्ष डॉ.एम.एल. सुखदेव और कई विशेषज्ञों ने इसमें योगदान दिया है। त्रि-स्तरीय प्रतियोगी परीक्षा को पास करने के लिए पाठ्यक्रम में कुशल प्रशिक्षण के साथ अध्ययन करने के विषय शामिल हैं, जो छात्रों की रुचियों और विकल्पों की पहचान में मदद करते हैं। यह डिग्री कोर्स पूरी तरह से आवासीय है और सीमित संख्या में छात्रों के साथ गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण पर जोर देता है।

एमआईटी स्कूल ऑफ इंडियन सिविल सर्विसेज छात्रों के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास के लिए हमेशा काम कर रहा है। इसके साथ ही विश्वविद्यालयों में पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स जैसे एमबीए, लॉ, डिजाइन आदि की भी पढ़ाई की जा सकती है। ये स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम उन छात्रों को मदद करेंगे जो दुर्भाग्य से प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल नहीं हो पाते हैं, उन्हें अन्य निजी क्षेत्रों में नौकरी के अवसर प्राप्त होंगे। अधिक जानकारी के लिए www.mitsics.edu.in पर जाएं या 9607580042/52 पर संपर्क करें।

सुसज्जित परिसर व विशेषज्ञ मार्गदर्शन एमआईटी एडीटी विश्वविद्यालय का परिसर 125+ एकड़ में फैला हुआ है और विभिन्न विश्वस्तरीय खेलों और अन्य सुविधाओं से सुसज्जित है। साथ ही इन पाठ्यक्रमों को पढ़ाने के लिए यूपीएससी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं का व्यापक अनुभव रखनेवाले विशेषज्ञ मार्गदर्शक भी उपलब्ध हैं, इसलिए विद्यार्थियों के पास व्यक्तित्व विकास का बेहतरीन अवसर है।

यूपीएससी और राज्य सेवा प्रतियोगी परीक्षाएं देश में सबसे कठिन मानी जाती हैं। हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि इन परीक्षाओं के माध्यम से एक कुशल और मूल्यवान सामाजिक रूप से जागरूक युवा देश के प्रशासन में प्रवेश करेगा और देश के विकास में योगदान देगा, इसलिए हम ‘एमआईटी स्कूल ऑफ इंडियन सिविल सर्विसेज’ पाठ्यक्रम के माध्यम से ऐसे अच्छे अधिकारियों को प्रशासन में भेजने का इरादा रखते हैं।

-प्रो. डॉ. मंगेश कराड,
कुलपति एवं कार्यकारी अध्यक्ष,

एमआईटी एडीटी यूनिवर्सिटी,

लोनी-कालभोर, पुणे

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