‘मुख्यमंत्री-माझी लाडकी बहीण योजना’ के लिए बाधा उत्पन्न करने, विलंब, पैसों की मांग करने पर की जाए कड़ी कार्रवाई : मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दिए निर्देश
-योजना के पारदर्शी, गतिशील कार्यान्वयन के लिए प्रत्येक जिले में नोडल अधिकारी
-जिलाधिकारी संपूर्ण प्रक्रिया पर ध्यान रखें
-दलालों को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
मुंबई, जुलाई (महासंवाद)
‘मुख्यमंत्री-माझी लाडकी बहीण योजना’ के लिए आवश्यक प्रमाणपत्र देना, फॉर्म भरना समेत इस संपूर्ण प्रक्रिया में महिलाओं को रोकने, प्रक्रिया में विलंब करने तथा योजना के लाभ के लिए महिलाओं की ओर से पैसे की मांग करने पर या ऐसे करते हुए निदर्शन में आने पर ऐसे अधिकारी, कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई किये जाने के सख्त निर्देश मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दिए हैं। इसके साथ ही यह संपूर्ण प्रक्रिया पारदर्शी और तेजी हो सकेगी, इसके लिए जिलाधिकारियों ने इस ओर ध्यान रखने और इस योजना का संनियंत्रण करने के लिए प्रत्येक जिले में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री श्री शिंदे ने संबंधितों को दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि योजना के संदर्भ में कागजात उपलब्ध कराना, फॉर्म भरना आदि प्रलोभन देकर निर्माण होनेवाले दलालों को भी बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर किसी कार्यालय में इस तरह का प्रकार निदर्शन में आया, तब संबंधित कार्यालय प्रमुख पर और दलालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
योजना में नाम दर्ज करना, आवेदन करना आदि कामों के लिए हो रही भीड़ को ध्यान में रखते हुए आवेदन करने की समय सीमा 31 अगस्त 2024 तक बढ़ाई गई है। योजना का लाभ लेने के लिए पात्र महिलाओं को आवश्यक कागजात उपलब्ध कराने और उसके बाद योजना का फॉर्म भरना आदि संपूर्ण प्रक्रिया के संदर्भ में गत मंगलवार को विधानभवन में मुख्यमंत्री श्री शिंदे की अध्यक्षता में हुई बैठक में विस्तार से चर्चा कर योजना का क्रियान्वयन पारदर्शी और तेजी से हो, इसके लिए भी निर्देश दिए गए हैं।
माता-बहनों के जीवन में परिवर्तन लानेवाली विभिन्न योजनाएं राज्य सरकार ने लायी हैं। ‘मुख्यमंत्री-माझी लाडकी बहीण योजना’ का शासन निर्णय भी तुरंत ही निकाला गया। इस योजना की पात्र महिलाओं को प्रति महीना डेढ़ हजार रुपए यानि सालाना 18 हजार रुपए राज्य सरकार की ओर से मिलेंगे। इसके लिए 46 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। यह योजना यानि माता-बहनों को मायके की सौगात (माहेरचा आहेर) है। पंजीकरण के लिए लाइन लगाने की जरुरत न पड़ें, इस दृष्टि से निश्चित नियोजन करें, लाडली बहन को किसी भी कारण से न रोका जाए, इस ओर ध्यान रखने के सख्त निर्देश भी मुख्यमंत्री श्री शिंदे ने संबंधित अधिकारियों को दिए हैं।
Post Comment