उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजीत पवार ने विधानसभा में राज्य का अंतरिम बजट पेश किया

उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजीत पवार ने विधानसभा में राज्य का अंतरिम बजट पेश किया

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1 -बजट के माध्यम से किसानों, मजदूरों, महिलाओं, छात्रों, युवाओं, पिछड़े वर्गों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों, उद्यमियों, व्यापारियों जैसे सभी वर्गों को न्याय और विकास का अवसर -राज्य की अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर बनाने के लिए बजट के माध्यम से आवश्यक नीतियों का क्रियान्वयन -बुनियादी ढांचे में बड़े पैमाने पर पूंजी निवेश, नागरिकों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए विकास योजनाओं पर जोर मुंबई, फरवरी (महासंवाद) उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजीत पवार ने आज विधानसभा में वर्ष 2024-25 के लिए राज्य के कुल व्यय के लिए 6 लाख 522 करोड़ रुपये के प्रावधान वाला अंतरिम बजट पेश किया। बजट में 4 लाख 98 हजार 758 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह और 5 लाख 8 हजार 492 करोड़ रुपये का राजस्व व्यय दिखाया गया है। राजस्व घाटा 9,734 करोड़ रुपये और राजकोषीय घाटा 99,288 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। इस बजट में चार माह का बजट आवंटन अनुमोदन हेतु रखा गया है। उपमुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा में पेश किए गए अंतरिम बजट में योजना विभाग के लिए 9 हजार 193 करोड़ रुपये, रोजगार गारंटी योजना के लिए 2 हजार 205 करोड़ रुपये और मराठी विभाग के लिए 71 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है. जिला वार्षिक योजना के तहत 18 हजार 165 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. राज्य की वार्षिक योजना 1 लाख 92 हजार करोड़ रुपये है। अनुसूचित जाति योजना के लिए 15 हजार 893 करोड़ रुपये, जनजातीय विकास योजना के लिए 15 हजार 360 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है। हालांकि यह राज्य का अंतरिम बजट है, लेकिन उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने किसानों, मजदूरों, महिलाओं, छात्रों, युवाओं, पिछड़े वर्गों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों, उद्यमियों, व्यापारियों, पेशेवरों जैसे समाज के सभी वर्गों को न्याय और विकास के अवसर प्रदान करने का प्रयास किया है। अंतरिम बजट में वित्त मंत्री अजित पवार ने राज्य की सतत, पर्यावरण अनुकूल और समावेशी विकास की नीति में तेजी लाने को भी प्राथमिकता दी है। बजट में राज्य की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर बनाने के लिए महाराष्ट्र आर्थिक सलाहकार परिषद द्वारा दी गई दिशानिर्देश रिपोर्ट के अनुसार आवश्यक नीतियों को भी लागू किया गया है। वित्त मंत्री अजीत पवार ने बजट के जरिए बुनियादी ढांचे के लिए बड़े पूंजी निवेश, नागरिकों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए विकास योजनाओं के कार्यान्वयन के लक्ष्य को हासिल करने की कोशिश की है।
2 उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजीत पवार द्वारा प्रस्तुत अंतरिम बजट की मुख्य बातें इस प्रकार हैं- -मौजे वडज, तालुका जुन्नर में छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन पर आधारित शिवनेरी संग्रहालय। -चार प्रमुख घटकों युवाओं, महिलाओं, गरीबों एवं अन्नदाताओं के लिए कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन। -स्वातंत्र्यवीर सावरकर वर्सोवा बांद्रा सी ब्रिज का पालघर तक विस्तार, विलासराव देशमुख ईस्ट फ्रीवे का ठाणे शहर तक विस्तार। -विरार-अलीबाग बहुउद्देश्यीय मार्ग के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए 22 हजार 225 करोड़। -पुणे रिंग रोड के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए 10 हजार 519 करोड़। -जालना-नांदेड़ एक्सप्रेसवे के भूमि अधिग्रहण के लिए 2 हजार 886 करोड़। -वर्ष 2024-25 के कार्यक्रम व्यय हेतु नगर विकास विभाग को 10 हजार 629 करोड़ रूपये। -लोक निर्माण (सड़क) विभाग को 19 हजार 936 करोड़ रुपये का परिव्यय। -महाराष्ट्र राज्य अवसंरचना विकास निगम के माध्यम से वार्षिकी योजना भाग-2 के अंतर्गत 7 हजार 500 किलोमीटर सड़क कार्य। -मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के दूसरे चरण के तहत 7,600 करोड़ रुपये की लागत से 7,000 किलोमीटर सड़कों का उन्नयन। -कल्याण-मुरबाड, पुणे-नासिक और सोलापुर-तुलजापुर-धाराशिव नई रेलवे लाइनों के लिए भूमि अधिग्रहण शुरू। -फलटण-पंढरपुर, कांपा-चिमूर-वरोरा, जालना-जलगांव और नांदेड़-बीदर नई रेलवे लाइनों के लिए 50 प्रतिशत वित्तीय भागीदारी। -जालना-खामगांव, आदिलाबाद-माहुर-वाशिम, नांदेड़-हिंगोली, मूर्तिजापुर-यवतमाल शकुंतला रेलवे और पुणे-लोनावाला लाइन 3 और 4 के लिए 50 प्रतिशत वित्तीय भागीदारी। -बंदरगाह विस्तार परियोजना में महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड की 26 प्रतिशत भागीदारी – कुल लागत 76 हजार 220 करोड़ रुपये। -229 करोड़ 27 लाख रुपये की लागत से सागरमाला योजना के अंतर्गत मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया पर रेडियो क्लब सुसज्जित जेटी का निर्माण। -भगवती बंदरगाह, रत्नागिरी-300 करोड़ रुपये, सागरी दुर्ग जंजीरा, रायगढ़-111 करोड़ रुपये, एलीफेंटा, मुंबई-88 करोड़ रुपये बंदरगाह विकास कार्य। -मिर्करवाडा, रत्नागिरी बंदरगाह का आधुनिकीकरण – 2 हजार 700 मछुआरों को लाभ। -छत्रपति संभाजीनगर में हवाई अड्डे के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए 578 करोड़ 45 लाख रुपये का फंड। -वर्ष 2024-25 के कार्यक्रम व्यय हेतु ग्रामीण विकास विभाग को 9 हजार 280 करोड़ रूपये। -गृह-परिवहन, बंदरगाह विभाग को 4 हजार 94 करोड़। -संशोधित औद्योगिक, इलेक्ट्रॉनिक्स, एयरोस्पेस और रक्षा विनिर्माण नीति के साथ-साथ औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए नई सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम नीति। -18 लघु परिधान उद्योग परिसरों की स्थापना से लगभग 36 हजार रोजगार का सृजन। -‘एकीकृत एवं सतत वस्त्र नीति 2023-28’ सार्वजनिक-अंत्योदय राशन कार्ड के अंतर्गत प्रति परिवार एक साड़ी का निःशुल्क वितरण। -निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचा विकास कार्यक्रम में 450 करोड़। -निर्यात योग्य घटकों को विशेष प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए 400 करोड़ रुपये। -निर्यात बढ़ाने के लिए पांच औद्योगिक पार्क। -सामूहिक प्रोत्साहन योजना के माध्यम से आगामी वर्ष में लगभग 7 हजार करोड़ की प्रोत्साहन निधि। -25 हजार उद्योग इकाइयाँ- 30 प्रतिशत महिला उद्यमी- मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम से लगभग 50 हजार नई नौकरियाँ। -10 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश और 4 हजार रोजगार सृजन वाली थ्रस्ट सेक्टर और उच्च प्रौद्योगिकी पर आधारित 10 मेगा औद्योगिक इकाइयों को अग्रणी उद्योग का दर्जा। – 1 लाख करोड़ रुपये का निवेश और 20 हजार रोजगार सृजन। -वर्ष 2024-25 के कार्यक्रम व्यय हेतु उद्योग विभाग को 1 हजार 21 करोड़ रूपये। -वर्ष 2024-25 के कार्यक्रम व्यय हेतु सहकारिता, विपणन एवं वस्त्रोद्योग विभाग को 1 हजार 952 करोड़। -अमृत 2.0 अभियान के तहत 145 शहरों में 28 हजार 315 करोड़ की 312 परियोजनाओं को मंजूरी। -महाराष्ट्र स्वर्ण जयंती नगरोत्थान महाभियान 2030 तक लागू किया जाएगा। -महाअभियान में सभी नागरिक स्थानीय स्व-सरकारी निकाय शामिल हैं और उनके वर्गीकरण के अनुसार, सरकार परियोजना लागत का 50 से 95 प्रतिशत तक धनराशि प्रदान करने की मंजूरी देती है। -जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग को वर्ष 2024-25 के लिए कार्यक्रम व्यय हेतु 3 हजार 875 करोड़ रुपये का परिव्यय। -हर साल राज्य राजमार्गों और प्रमुख जिला सड़कों के दोनों किनारों पर लगभग 25 हजार किलोमीटर वृक्षारोपण। -अटल बंबू समृद्धि योजना- 10 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बांस का रोपण। -जलयुक्त शिवार अभियान 2.0 के तहत 5 हजार 700 गांवों में 1 लाख 59 हजार 886 कार्य स्वीकृत। -वर्ष 2024-25 के कार्यक्रम व्यय के लिए पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को 245 करोड़ रुपये। -वन विभाग को 2 हजार 507 करोड़। -मृदा एवं जल संरक्षण विभाग को 4 हजार 247 करोड़। -किसान को दिन में बिजली आपूर्ति – मुख्यमंत्री सौर कृषि चैनल योजना 2.0 के तहत 7 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य। -किसानों के लिए नई योजना ‘मांगेगा उसे सौर कृषि पंप’ – 8 लाख 50 हजार नए सौर कृषि पंप। -अगले 2 वर्षों में राज्य की सभी सतही सिंचाई योजनाओं का सौर विद्युतीकरण। -लगभग 37 हजार आंगनबाडी केन्द्रों को सौर ऊर्जा सेट। -डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जन-वन विकास योजना के तहत 1 लाख किसानों को सौर ऊर्जा बाड़ लगाने के लिए सब्सिडी। -ऊर्जा विभाग को वर्ष 2024-25 के कार्यक्रम व्यय हेतु 11 हजार 934 करोड़ रूपये। -‘नमो शेतकारी महासंमान निधि योजना’ के तहत 84 लाख 57 हजार किसान परिवारों को पहली किस्त के रूप में 1 हजार 691 करोड़ 47 लाख रुपये। -6 हजार करोड़ रुपए की नानाजी देशमुख कृषि संजीवनी परियोजना के दूसरे चरण को मंजूरी। -वर्ष 2024-25 के लिए कृषि विभाग को 3 हजार 650 करोड़ रुपये, पशुपालन एवं डेयरी तथा मत्स्य पालन विभाग को 555 करोड़ रुपये तथा बागवानी विभाग को 708 करोड़ रुपये। -वर्ष 2024-25 के कार्यक्रम व्यय के लिए राहत एवं पुनर्वास विभाग को 638 करोड़ रुपये का आवंटन। -39 सिंचाई परियोजनाओं का कार्य पूर्ण कर 2 लाख 34 हजार हेक्टेयर सिंचाई क्षमता स्थापित की जायेगी। -बलिराजा जलसंजीवनी योजना के तहत 46 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और 16 और परियोजनाएं मार्च 2025 तक पूरी हो जाएंगी। -विश्व बैंक ने कोल्हापुर और सांगली जिलों में प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए 3 हजार 200 करोड़ रुपये की परियोजना की सहायता की। -विदर्भ में सिंचाई बैकलॉग खत्म करने के लिए 2 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान। -वैनगंगा-नलगंगा नदी जोड़ो परियोजना से 3.71 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई का लाभ। -उपयुक्त भूमि एवं पानी की उपलब्धता पर विचार कर विद्युत उत्पादन में निजी भागीदारी के माध्यम से उंदचन जलविद्युत परियोजना। -खारभूमि विकास कार्यक्रम के अंतर्गत 113 करोड़ रुपये का प्रावधान। -वर्ष 2024-25 के कार्यक्रम व्यय हेतु जल संसाधन विभाग को 16 हजार 456 करोड़ रूपये का परिव्यय। -मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण अभियान के तहत प्रत्येक जिले में कम से कम 1 लाख महिलाओं को विभिन्न सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ। -राज्य में आंगनबाडी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही। -कुपोषण की समस्या को दूर करने के लिए शहरी बाल विकास केंद्र की शुरुआत की गई। -दस शहरों में पांच हजार महिलाओं के लिए गुलाबी रिक्शा। -महिला एवं बाल विकास विभाग को कार्यक्रम व्यय हेतु 3 हजार 107 करोड़ रुपये। -प्रत्येक 100 छात्र प्रवेश क्षमता वाला नया सरकारी मेडिकल कॉलेज, ठाणे,वाशिम, जालना, हिंगोली, अमरावती, भंडारा, गढ़चिरौली, वर्धा, बुलढाणा, पालघर, नासिक और अंबरनाथ में 430 बिस्तरों वाला अस्पताल जुड़ा हुआ है। -100 छात्रों की नामांकन क्षमता वाले सरकारी नर्सिंग कॉलेज जलगांव, लातूर, बारामती, नंदुरबार, गोंदिया, कोल्हापुर और मिरज जिला सांगली में सरकारी मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध हैं। -नागपुर एम्स की तर्ज पर औंध, पुणे में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान। -गन्ना श्रमिकों के लिए दुर्घटना बीमा योजना। -सभी जिलों में 15 बिस्तरों के अत्याधुनिक डे-केयर कीमोथेरेपी केंद्र। -234 तालुकाओं में ग्रामीण अस्पतालों में डायलिसिस सेवा केंद्र। -मृत्यु की स्थिति में अस्पताल से शव ले जाने के लिए प्रत्येक तालुक में एक शवगृह। -कार्यक्रम व्यय के लिए चिकित्सा शिक्षा एवं औषधि विभाग को 2 हजार 574 करोड़ रुपये, सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग को 3 हजार 827 करोड़ रुपये का परिव्यय। -प्रवासी गन्ना श्रमिकों के बच्चों के लिए संत भगवान बाबा सरकारी छात्रावास योजना, तीसरे पक्ष के लाभार्थियों के लिए बीज पूंजी योजना, मातंग समुदाय के लिए रमाई आवास योजना आदि जैसी योजनाओं के लिए पर्याप्त धन। -संत रोहिदास टेनरी और टेनरी विकास निगम के माध्यम से देवनार में ‘लेदर पार्क’, कोल्हापुर में टेनरी प्रशिक्षण केंद्र, प्रत्येक राजस्व मंडल में ‘उत्कृष्टता केंद्रों’ की स्थापना, बृहन्मुंबई नगर निगम के माध्यम से गोवंडी में ‘लेदर ट्रेनिंग सेंटर’ की स्थापना। -मातंग समुदाय के लिए ‘अण्णा भाऊ साठे अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान-आर्टी’ की स्थापना। -सामाजिक न्याय एवं विशेष सहायता विभाग को कार्यक्रम व्यय के लिए 18 हजार 816 करोड़ रुपये। -कार्यक्रम व्यय के लिए जनजातीय तैनाती के लिए 15 हजार 360 करोड़ रुपये का निर्धारित व्यय। -बारा बलुतेदार समुदाय के समग्र विकास के लिए ‘संत गाडगेबाबा बारा बलुतेदार आर्थिक पिछड़ा विकास निगम’। -मौलाना आज़ाद आर्थिक विकास निगम के माध्यम से सावधि ऋण, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम शैक्षिक ऋण और माइक्रो क्रेडिट योजना के लिए सरकारी गारंटी 30 करोड़ रुपये से 500 करोड़ रुपये तक। -दिव्यांग व्यक्तियों के पास अपना खुद का मकान है – नई घरकुल योजना – 34 हजार 400 लाभार्थियों को घरकुल योजना का लाभ। -श्री राम प्राण प्रतिष्ठा सोलह एवं छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती के अवसर पर ‘आनंदचा शिधा’ का वितरण किया जाएगा। -अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग एवं अल्पसंख्यक विकास विभाग हेतु 5 हजार 180 करोड़ रूपये, आवास विभाग हेतु 1 हजार 347 करोड़ रूपये, श्रम विभाग हेतु 171 करोड़ रूपये कार्यक्रम व्यय हेतु निर्धारित व्यय। -‘मिशन लक्ष्यवेध’ योजना के तहत, प्रशिक्षण की त्रि-स्तरीय प्रणाली अर्थात् राज्य स्तर पर उच्च प्रदर्शन केंद्र, मंडल स्तर पर खेल उत्कृष्टता केंद्र और जिला स्तर पर खेल प्रतिभा विकास केंद्र। -नागपुर में जोनल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स को राज्य स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का दर्जा। -कार्यक्रम व्यय के लिए खेल विभाग को 537 करोड़ रुपये का परिव्यय। -‘महाराष्ट्र ड्रोन मिशन’ के लिए 5 वर्षों के लिए 238 करोड़ 63 लाख रुपये। -वर्ली, मुंबई में ‘आधुनिक प्रशिक्षण और कौशल विकास भवन’। -उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग को 2 हजार 98 करोड़ रूपये, स्कूल शिक्षा विभाग को कार्यक्रम व्यय हेतु 2 हजार 959 करोड़ रूपये का निर्धारित व्यय। -विश्व बैंक सहायता प्राप्त 2 हजार 307 करोड़ रुपये की परियोजना ‘मानव विकास के लिए व्यावहारिक ज्ञान और कौशल का विकास’ (दक्ष) को मंजूरी। -राज्य में नये 2 हजार ‘प्रमोद महाजन कौशल विकास केंद्र’। -प्रत्येक राजस्व प्रभाग में ‘अंतर्राष्ट्रीय कौशल विकास केंद्र’ और ‘संत गाडगेबाबा स्वच्छ भारत कौशल प्रबोधिनी’। -कार्यक्रम व्यय के लिए कौशल, नवाचार, रोजगार और उद्यमिता विकास विभाग को 807 करोड़ रुपये का परिव्यय। -कोंकण क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 32 शिव किलों का नवीनीकरण और संरक्षण। -पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सतत पर्यटन नीति। -50 नए पर्यटन स्थलों पर थीम पार्क, साहसिक खेल, शॉपिंग मॉल, वॉटर पार्क और आवास। -शिवसागर- कोयना जिला सातारा, गोसीखुर्द जलाशय, जिला भंडारा के साथ-साथ वाघुर जलाशय, जिला जलगांव में अभिनव जल पर्यटन परियोजना। -लोनार, जिला बुलढाणा, अजिंता-वेरुल, जिला छत्रपति संभाजीनगर, कलसुबाई-भंडारदरा, जिला अहमदनगर, त्र्यंबकेश्वर, जिला नासिक के साथ-साथ कोंकण में समुद्री किलों में पर्यटकों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सुविधाएं। -लोनावाला, जिला पुणे में विश्व स्तरीय स्काईवॉक परियोजना- लागत 333 करोड़ 56 लाख। -श्रीनगर में महाराष्ट्र भवन और श्री राम जन्मभूमि अयोध्या – 77 करोड़ रुपये का प्रावधान -महाविस्ता-मंत्रालय, क्षेत्र में सरकारी भवनों और उनके परिसरों का अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ पुनर्विकास। -सांस्कृतिक गतिविधि विभाग 1 हजार 186 करोड़ रुपये, पर्यटन विभाग 1 हजार 973 करोड़ रुपये निर्धारित व्यय, लोक निर्माण (भवन) विभाग 1 हजार 367 करोड़ रुपये, राजस्व विभाग 474 करोड़ रुपये। -कार्यक्रम व्यय के लिए गृह (पुलिस) विभाग को 2 हजार 237 करोड़ रुपये, गृह (उत्पादन प्रभार) विभाग को 153 करोड़ रुपये और कानून एवं न्याय विभाग को 759 करोड़ रुपये का परिव्यय। -वस्तु एवं सेवा कर विभाग का पुनर्गठन – कर प्रशिक्षण अकादमी की स्थापना। -कार्यक्रम व्यय के लिए वित्त विभाग को 208 करोड़ रुपये का परिव्यय। -स्वराज्यरक्षक छत्रपति संभाजी महाराज की बलिदान स्थली मौजे तुलापुर, तुलापुर। वडू बुद्रुक तालुका शिरूर, जिला पुणे में हवेली और स्मारक स्थल – 270 करोड़ रुपये का डिजाइन, काम शुरू। -12 ज्योतिर्लिंगों में से एक औंधा नागनाथ जिला हिंगोली, साढ़े तीन शक्तिपीठों में से एक श्री क्षेत्र माहुरगढ़ जिला नांदेड़, एकवीरादेवी मंदिर जिला पुणे तीर्थ विकास प्राधिकरण की स्थापना। -पुण्यश्लोक अहिल्या देवी होल्कर के तृतीय जन्म शताब्दी वर्ष के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम – 20 करोड़ रुपये का कोष। -पुण्यश्लोक अहिल्या देवी होलकर मंदिर, बड़वा के संरक्षण एवं संरक्षण योजना के लिए 53 करोड़ रुपये। -धाराशिव जिले में संत गोरोबकाका महाराज के स्मारक के लिए सरकारी भूमि और धन। -प्रतापगढ़ की तलहटी में ‘वीर जीवा महल’ के स्मारक के लिए स्थान। -संगमवाड़ी, पुणे में लाहूजी वस्ताद साल्वे का स्मारक। -अमलनेर, जिला जलगांव में सानेगुरुजी का स्मारक। -शहीद श्री शिवराम हरि राजगुरु जन्मस्थल परिसर विकास हेतु 102 करोड़ 48 लाख की योजना। -श्री क्षेत्र सप्तश्रृंगी गाड, ता. कलवन स्थल की 81 करोड़ 86 लाख रुपये की तीर्थ विकास योजना को मंजूरी। -‘मंगेश पडगांवकर काव्य ग्राम’ पहल- वेंगुर्ला, जिला सिंधुदुर्ग। -योजना विभाग के लिए 9 हजार 193 करोड़ रुपये, रोहयो प्रभाग के लिए 2 हजार 205 करोड़ रुपये, मराठी प्रभाग के लिए 71 करोड़ रुपये का निश्चित व्यय। -वित्तीय वर्ष 2024-25 में जिला वार्षिक योजनान्तर्गत 18 हजार 165 करोड़ रूपये का प्रावधान। -वार्षिक योजना 1 लाख 92 हजार करोड़ रुपए, अनुसूचित जाति उपयोजना 15 हजार 893 करोड़ रुपए, आदिवासी विकास उपयोजना 15 हजार 360 करोड़ रुपए। -वर्ष 2024-25 के बजट में कुल व्यय हेतु 6 लाख 522 करोड़ का प्रावधान। -वर्ष 2024-25 के बजट में राजस्व संचय 4 लाख 98 हजार 758 करोड़ रुपये और राजस्व व्यय 5 लाख 8 हजार 492 करोड़ रुपये, राजस्व घाटा – 9 हजार 734 करोड़ रुपये, राजकोषीय घाटा 99 हजार 288 करोड़ रुपये है।

-बजट के माध्यम से किसानों, मजदूरों, महिलाओं, छात्रों, युवाओं, पिछड़े वर्गों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों, उद्यमियों, व्यापारियों जैसे सभी वर्गों को न्याय और विकास का अवसर
-राज्य की अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर बनाने के लिए बजट के माध्यम से आवश्यक नीतियों का क्रियान्वयन
-बुनियादी ढांचे में बड़े पैमाने पर पूंजी निवेश, नागरिकों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए विकास योजनाओं पर जोर
मुंबई, फरवरी (महासंवाद)
उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजीत पवार ने आज विधानसभा में वर्ष 2024-25 के लिए राज्य के कुल व्यय के लिए 6 लाख 522 करोड़ रुपये के प्रावधान वाला अंतरिम बजट पेश किया। बजट में 4 लाख 98 हजार 758 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह और 5 लाख 8 हजार 492 करोड़ रुपये का राजस्व व्यय दिखाया गया है। राजस्व घाटा 9,734 करोड़ रुपये और राजकोषीय घाटा 99,288 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। इस बजट में चार माह का बजट आवंटन अनुमोदन हेतु रखा गया है।
उपमुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा में पेश किए गए अंतरिम बजट में योजना विभाग के लिए 9 हजार 193 करोड़ रुपये, रोजगार गारंटी योजना के लिए 2 हजार 205 करोड़ रुपये और मराठी विभाग के लिए 71 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है. जिला वार्षिक योजना के तहत 18 हजार 165 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. राज्य की वार्षिक योजना 1 लाख 92 हजार करोड़ रुपये है। अनुसूचित जाति योजना के लिए 15 हजार 893 करोड़ रुपये, जनजातीय विकास योजना के लिए 15 हजार 360 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है।
हालांकि यह राज्य का अंतरिम बजट है, लेकिन उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने किसानों, मजदूरों, महिलाओं, छात्रों, युवाओं, पिछड़े वर्गों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों, उद्यमियों, व्यापारियों, पेशेवरों जैसे समाज के सभी वर्गों को न्याय और विकास के अवसर प्रदान करने का प्रयास किया है। अंतरिम बजट में वित्त मंत्री अजित पवार ने राज्य की सतत, पर्यावरण अनुकूल और समावेशी विकास की नीति में तेजी लाने को भी प्राथमिकता दी है।
बजट में राज्य की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर बनाने के लिए महाराष्ट्र आर्थिक सलाहकार परिषद द्वारा दी गई दिशानिर्देश रिपोर्ट के अनुसार आवश्यक नीतियों को भी लागू किया गया है। वित्त मंत्री अजीत पवार ने बजट के जरिए बुनियादी ढांचे के लिए बड़े पूंजी निवेश, नागरिकों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए विकास योजनाओं के कार्यान्वयन के लक्ष्य को हासिल करने की कोशिश की है।

उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजीत पवार द्वारा प्रस्तुत अंतरिम बजट की मुख्य बातें इस प्रकार हैं-
-मौजे वडज, तालुका जुन्नर में छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन पर आधारित शिवनेरी संग्रहालय।
-चार प्रमुख घटकों युवाओं, महिलाओं, गरीबों एवं अन्नदाताओं के लिए कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन।
-स्वातंत्र्यवीर सावरकर वर्सोवा बांद्रा सी ब्रिज का पालघर तक विस्तार, विलासराव देशमुख ईस्ट फ्रीवे का ठाणे शहर तक विस्तार।
-विरार-अलीबाग बहुउद्देश्यीय मार्ग के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए 22 हजार 225 करोड़।
-पुणे रिंग रोड के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए 10 हजार 519 करोड़।
-जालना-नांदेड़ एक्सप्रेसवे के भूमि अधिग्रहण के लिए 2 हजार 886 करोड़।
-वर्ष 2024-25 के कार्यक्रम व्यय हेतु नगर विकास विभाग को 10 हजार 629 करोड़ रूपये।
-लोक निर्माण (सड़क) विभाग को 19 हजार 936 करोड़ रुपये का परिव्यय।
-महाराष्ट्र राज्य अवसंरचना विकास निगम के माध्यम से वार्षिकी योजना भाग-2 के अंतर्गत 7 हजार 500 किलोमीटर सड़क कार्य।
-मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के दूसरे चरण के तहत 7,600 करोड़ रुपये की लागत से 7,000 किलोमीटर सड़कों का उन्नयन।
-कल्याण-मुरबाड, पुणे-नासिक और सोलापुर-तुलजापुर-धाराशिव नई रेलवे लाइनों के लिए भूमि अधिग्रहण शुरू।
-फलटण-पंढरपुर, कांपा-चिमूर-वरोरा, जालना-जलगांव और नांदेड़-बीदर नई रेलवे लाइनों के लिए 50 प्रतिशत वित्तीय भागीदारी।
-जालना-खामगांव, आदिलाबाद-माहुर-वाशिम, नांदेड़-हिंगोली, मूर्तिजापुर-यवतमाल शकुंतला रेलवे और पुणे-लोनावाला लाइन 3 और 4 के लिए 50 प्रतिशत वित्तीय भागीदारी।
-बंदरगाह विस्तार परियोजना में महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड की 26 प्रतिशत भागीदारी – कुल लागत 76 हजार 220 करोड़ रुपये।
-229 करोड़ 27 लाख रुपये की लागत से सागरमाला योजना के अंतर्गत मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया पर रेडियो क्लब सुसज्जित जेटी का निर्माण।
-भगवती बंदरगाह, रत्नागिरी-300 करोड़ रुपये, सागरी दुर्ग जंजीरा, रायगढ़-111 करोड़ रुपये, एलीफेंटा, मुंबई-88 करोड़ रुपये बंदरगाह विकास कार्य।
-मिर्करवाडा, रत्नागिरी बंदरगाह का आधुनिकीकरण – 2 हजार 700 मछुआरों को लाभ।
-छत्रपति संभाजीनगर में हवाई अड्डे के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए 578 करोड़ 45 लाख रुपये का फंड।
-वर्ष 2024-25 के कार्यक्रम व्यय हेतु ग्रामीण विकास विभाग को 9 हजार 280 करोड़ रूपये।
-गृह-परिवहन, बंदरगाह विभाग को 4 हजार 94 करोड़।
-संशोधित औद्योगिक, इलेक्ट्रॉनिक्स, एयरोस्पेस और रक्षा विनिर्माण नीति के साथ-साथ औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए नई सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम नीति।
-18 लघु परिधान उद्योग परिसरों की स्थापना से लगभग 36 हजार रोजगार का सृजन।
-‘एकीकृत एवं सतत वस्त्र नीति 2023-28’ सार्वजनिक-अंत्योदय राशन कार्ड के अंतर्गत प्रति परिवार एक साड़ी का निःशुल्क वितरण।
-निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचा विकास कार्यक्रम में 450 करोड़।
-निर्यात योग्य घटकों को विशेष प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए 400 करोड़ रुपये।
-निर्यात बढ़ाने के लिए पांच औद्योगिक पार्क।
-सामूहिक प्रोत्साहन योजना के माध्यम से आगामी वर्ष में लगभग 7 हजार करोड़ की प्रोत्साहन निधि।
-25 हजार उद्योग इकाइयाँ- 30 प्रतिशत महिला उद्यमी- मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम से लगभग 50 हजार नई नौकरियाँ।
-10 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश और 4 हजार रोजगार सृजन वाली थ्रस्ट सेक्टर और उच्च प्रौद्योगिकी पर आधारित 10 मेगा औद्योगिक इकाइयों को अग्रणी उद्योग का दर्जा।
– 1 लाख करोड़ रुपये का निवेश और 20 हजार रोजगार सृजन।
-वर्ष 2024-25 के कार्यक्रम व्यय हेतु उद्योग विभाग को 1 हजार 21 करोड़ रूपये।
-वर्ष 2024-25 के कार्यक्रम व्यय हेतु सहकारिता, विपणन एवं वस्त्रोद्योग विभाग को 1 हजार 952 करोड़।
-अमृत 2.0 अभियान के तहत 145 शहरों में 28 हजार 315 करोड़ की 312 परियोजनाओं को मंजूरी।
-महाराष्ट्र स्वर्ण जयंती नगरोत्थान महाभियान 2030 तक लागू किया जाएगा।
-महाअभियान में सभी नागरिक स्थानीय स्व-सरकारी निकाय शामिल हैं और उनके वर्गीकरण के अनुसार, सरकार परियोजना लागत का 50 से 95 प्रतिशत तक धनराशि प्रदान करने की मंजूरी देती है।
-जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग को वर्ष 2024-25 के लिए कार्यक्रम व्यय हेतु 3 हजार 875 करोड़ रुपये का परिव्यय।
-हर साल राज्य राजमार्गों और प्रमुख जिला सड़कों के दोनों किनारों पर लगभग 25 हजार किलोमीटर वृक्षारोपण।
-अटल बंबू समृद्धि योजना- 10 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बांस का रोपण।
-जलयुक्त शिवार अभियान 2.0 के तहत 5 हजार 700 गांवों में 1 लाख 59 हजार 886 कार्य स्वीकृत।
-वर्ष 2024-25 के कार्यक्रम व्यय के लिए पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को 245 करोड़ रुपये।
-वन विभाग को 2 हजार 507 करोड़।
-मृदा एवं जल संरक्षण विभाग को 4 हजार 247 करोड़।
-किसान को दिन में बिजली आपूर्ति – मुख्यमंत्री सौर कृषि चैनल योजना 2.0 के तहत 7 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य।
-किसानों के लिए नई योजना ‘मांगेगा उसे सौर कृषि पंप’ – 8 लाख 50 हजार नए सौर कृषि पंप।
-अगले 2 वर्षों में राज्य की सभी सतही सिंचाई योजनाओं का सौर विद्युतीकरण।
-लगभग 37 हजार आंगनबाडी केन्द्रों को सौर ऊर्जा सेट।
-डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जन-वन विकास योजना के तहत 1 लाख किसानों को सौर ऊर्जा बाड़ लगाने के लिए सब्सिडी।
-ऊर्जा विभाग को वर्ष 2024-25 के कार्यक्रम व्यय हेतु 11 हजार 934 करोड़ रूपये।
-‘नमो शेतकारी महासंमान निधि योजना’ के तहत 84 लाख 57 हजार किसान परिवारों को पहली किस्त के रूप में 1 हजार 691 करोड़ 47 लाख रुपये।
-6 हजार करोड़ रुपए की नानाजी देशमुख कृषि संजीवनी परियोजना के दूसरे चरण को मंजूरी।
-वर्ष 2024-25 के लिए कृषि विभाग को 3 हजार 650 करोड़ रुपये, पशुपालन एवं डेयरी तथा मत्स्य पालन विभाग को 555 करोड़ रुपये तथा बागवानी विभाग को 708 करोड़ रुपये।
-वर्ष 2024-25 के कार्यक्रम व्यय के लिए राहत एवं पुनर्वास विभाग को 638 करोड़ रुपये का आवंटन।
-39 सिंचाई परियोजनाओं का कार्य पूर्ण कर 2 लाख 34 हजार हेक्टेयर सिंचाई क्षमता स्थापित की जायेगी।
-बलिराजा जलसंजीवनी योजना के तहत 46 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और 16 और परियोजनाएं मार्च 2025 तक पूरी हो जाएंगी।
-विश्व बैंक ने कोल्हापुर और सांगली जिलों में प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए 3 हजार 200 करोड़ रुपये की परियोजना की सहायता की।
-विदर्भ में सिंचाई बैकलॉग खत्म करने के लिए 2 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान।
-वैनगंगा-नलगंगा नदी जोड़ो परियोजना से 3.71 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई का लाभ।
-उपयुक्त भूमि एवं पानी की उपलब्धता पर विचार कर विद्युत उत्पादन में निजी भागीदारी के माध्यम से उंदचन जलविद्युत परियोजना।
-खारभूमि विकास कार्यक्रम के अंतर्गत 113 करोड़ रुपये का प्रावधान।
-वर्ष 2024-25 के कार्यक्रम व्यय हेतु जल संसाधन विभाग को 16 हजार 456 करोड़ रूपये का परिव्यय।
-मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण अभियान के तहत प्रत्येक जिले में कम से कम 1 लाख महिलाओं को विभिन्न सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ।
-राज्य में आंगनबाडी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही।
-कुपोषण की समस्या को दूर करने के लिए शहरी बाल विकास केंद्र की शुरुआत की गई।
-दस शहरों में पांच हजार महिलाओं के लिए गुलाबी रिक्शा।
-महिला एवं बाल विकास विभाग को कार्यक्रम व्यय हेतु 3 हजार 107 करोड़ रुपये।
-प्रत्येक 100 छात्र प्रवेश क्षमता वाला नया सरकारी मेडिकल कॉलेज, ठाणे,वाशिम, जालना, हिंगोली, अमरावती, भंडारा, गढ़चिरौली, वर्धा, बुलढाणा, पालघर, नासिक और अंबरनाथ में 430 बिस्तरों वाला अस्पताल जुड़ा हुआ है।
-100 छात्रों की नामांकन क्षमता वाले सरकारी नर्सिंग कॉलेज जलगांव, लातूर, बारामती, नंदुरबार, गोंदिया, कोल्हापुर और मिरज जिला सांगली में सरकारी मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध हैं।
-नागपुर एम्स की तर्ज पर औंध, पुणे में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान।
-गन्ना श्रमिकों के लिए दुर्घटना बीमा योजना।
-सभी जिलों में 15 बिस्तरों के अत्याधुनिक डे-केयर कीमोथेरेपी केंद्र।
-234 तालुकाओं में ग्रामीण अस्पतालों में डायलिसिस सेवा केंद्र।
-मृत्यु की स्थिति में अस्पताल से शव ले जाने के लिए प्रत्येक तालुक में एक शवगृह।
-कार्यक्रम व्यय के लिए चिकित्सा शिक्षा एवं औषधि विभाग को 2 हजार 574 करोड़ रुपये, सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग को 3 हजार 827 करोड़ रुपये का परिव्यय।
-प्रवासी गन्ना श्रमिकों के बच्चों के लिए संत भगवान बाबा सरकारी छात्रावास योजना, तीसरे पक्ष के लाभार्थियों के लिए बीज पूंजी योजना, मातंग समुदाय के लिए रमाई आवास योजना आदि जैसी योजनाओं के लिए पर्याप्त धन।
-संत रोहिदास टेनरी और टेनरी विकास निगम के माध्यम से देवनार में ‘लेदर पार्क’, कोल्हापुर में टेनरी प्रशिक्षण केंद्र, प्रत्येक राजस्व मंडल में ‘उत्कृष्टता केंद्रों’ की स्थापना, बृहन्मुंबई नगर निगम के माध्यम से गोवंडी में ‘लेदर ट्रेनिंग सेंटर’ की स्थापना।
-मातंग समुदाय के लिए ‘अण्णा भाऊ साठे अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान-आर्टी’ की स्थापना।
-सामाजिक न्याय एवं विशेष सहायता विभाग को कार्यक्रम व्यय के लिए 18 हजार 816 करोड़ रुपये।
-कार्यक्रम व्यय के लिए जनजातीय तैनाती के लिए 15 हजार 360 करोड़ रुपये का निर्धारित व्यय।
-बारा बलुतेदार समुदाय के समग्र विकास के लिए ‘संत गाडगेबाबा बारा बलुतेदार आर्थिक पिछड़ा विकास निगम’।
-मौलाना आज़ाद आर्थिक विकास निगम के माध्यम से सावधि ऋण, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम शैक्षिक ऋण और माइक्रो क्रेडिट योजना के लिए सरकारी गारंटी 30 करोड़ रुपये से 500 करोड़ रुपये तक।
-दिव्यांग व्यक्तियों के पास अपना खुद का मकान है – नई घरकुल योजना – 34 हजार 400 लाभार्थियों को घरकुल योजना का लाभ।
-श्री राम प्राण प्रतिष्ठा सोलह एवं छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती के अवसर पर ‘आनंदचा शिधा’ का वितरण किया जाएगा।
-अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग एवं अल्पसंख्यक विकास विभाग हेतु 5 हजार 180 करोड़ रूपये, आवास विभाग हेतु 1 हजार 347 करोड़ रूपये, श्रम विभाग हेतु 171 करोड़ रूपये कार्यक्रम व्यय हेतु निर्धारित व्यय।
-‘मिशन लक्ष्यवेध’ योजना के तहत, प्रशिक्षण की त्रि-स्तरीय प्रणाली अर्थात् राज्य स्तर पर उच्च प्रदर्शन केंद्र, मंडल स्तर पर खेल उत्कृष्टता केंद्र और जिला स्तर पर खेल प्रतिभा विकास केंद्र।
-नागपुर में जोनल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स को राज्य स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का दर्जा।
-कार्यक्रम व्यय के लिए खेल विभाग को 537 करोड़ रुपये का परिव्यय।
-‘महाराष्ट्र ड्रोन मिशन’ के लिए 5 वर्षों के लिए 238 करोड़ 63 लाख रुपये।
-वर्ली, मुंबई में ‘आधुनिक प्रशिक्षण और कौशल विकास भवन’।
-उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग को 2 हजार 98 करोड़ रूपये, स्कूल शिक्षा विभाग को कार्यक्रम व्यय हेतु 2 हजार 959 करोड़ रूपये का निर्धारित व्यय।
-विश्व बैंक सहायता प्राप्त 2 हजार 307 करोड़ रुपये की परियोजना ‘मानव विकास के लिए व्यावहारिक ज्ञान और कौशल का विकास’ (दक्ष) को मंजूरी।
-राज्य में नये 2 हजार ‘प्रमोद महाजन कौशल विकास केंद्र’।
-प्रत्येक राजस्व प्रभाग में ‘अंतर्राष्ट्रीय कौशल विकास केंद्र’ और ‘संत गाडगेबाबा स्वच्छ भारत कौशल प्रबोधिनी’।
-कार्यक्रम व्यय के लिए कौशल, नवाचार, रोजगार और उद्यमिता विकास विभाग को 807 करोड़ रुपये का परिव्यय।
-कोंकण क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 32 शिव किलों का नवीनीकरण और संरक्षण।
-पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सतत पर्यटन नीति।
-50 नए पर्यटन स्थलों पर थीम पार्क, साहसिक खेल, शॉपिंग मॉल, वॉटर पार्क और आवास।
-शिवसागर- कोयना जिला सातारा, गोसीखुर्द जलाशय, जिला भंडारा के साथ-साथ वाघुर जलाशय, जिला जलगांव में अभिनव जल पर्यटन परियोजना।
-लोनार, जिला बुलढाणा, अजिंता-वेरुल, जिला छत्रपति संभाजीनगर, कलसुबाई-भंडारदरा, जिला अहमदनगर, त्र्यंबकेश्वर, जिला नासिक के साथ-साथ कोंकण में समुद्री किलों में पर्यटकों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सुविधाएं।
-लोनावाला, जिला पुणे में विश्व स्तरीय स्काईवॉक परियोजना- लागत 333 करोड़ 56 लाख।
-श्रीनगर में महाराष्ट्र भवन और श्री राम जन्मभूमि अयोध्या – 77 करोड़ रुपये का प्रावधान
-महाविस्ता-मंत्रालय, क्षेत्र में सरकारी भवनों और उनके परिसरों का अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ पुनर्विकास।
-सांस्कृतिक गतिविधि विभाग 1 हजार 186 करोड़ रुपये, पर्यटन विभाग 1 हजार 973 करोड़ रुपये निर्धारित व्यय, लोक निर्माण (भवन) विभाग 1 हजार 367 करोड़ रुपये, राजस्व विभाग 474 करोड़ रुपये।
-कार्यक्रम व्यय के लिए गृह (पुलिस) विभाग को 2 हजार 237 करोड़ रुपये, गृह (उत्पादन प्रभार) विभाग को 153 करोड़ रुपये और कानून एवं न्याय विभाग को 759 करोड़ रुपये का परिव्यय।
-वस्तु एवं सेवा कर विभाग का पुनर्गठन – कर प्रशिक्षण अकादमी की स्थापना।
-कार्यक्रम व्यय के लिए वित्त विभाग को 208 करोड़ रुपये का परिव्यय।
-स्वराज्यरक्षक छत्रपति संभाजी महाराज की बलिदान स्थली मौजे तुलापुर, तुलापुर। वडू बुद्रुक तालुका शिरूर, जिला पुणे में हवेली और स्मारक स्थल – 270 करोड़ रुपये का डिजाइन, काम शुरू।
-12 ज्योतिर्लिंगों में से एक औंधा नागनाथ जिला हिंगोली, साढ़े तीन शक्तिपीठों में से एक श्री क्षेत्र माहुरगढ़ जिला नांदेड़, एकवीरादेवी मंदिर जिला पुणे तीर्थ विकास प्राधिकरण की स्थापना।
-पुण्यश्लोक अहिल्या देवी होल्कर के तृतीय जन्म शताब्दी वर्ष के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम – 20 करोड़ रुपये का कोष।
-पुण्यश्लोक अहिल्या देवी होलकर मंदिर, बड़वा के संरक्षण एवं संरक्षण योजना के लिए 53 करोड़ रुपये।
-धाराशिव जिले में संत गोरोबकाका महाराज के स्मारक के लिए सरकारी भूमि और धन।
-प्रतापगढ़ की तलहटी में ‘वीर जीवा महल’ के स्मारक के लिए स्थान।
-संगमवाड़ी, पुणे में लाहूजी वस्ताद साल्वे का स्मारक।
-अमलनेर, जिला जलगांव में सानेगुरुजी का स्मारक।
-शहीद श्री शिवराम हरि राजगुरु जन्मस्थल परिसर विकास हेतु 102 करोड़ 48 लाख की योजना।
-श्री क्षेत्र सप्तश्रृंगी गाड, ता. कलवन स्थल की 81 करोड़ 86 लाख रुपये की तीर्थ विकास योजना को मंजूरी।
-‘मंगेश पडगांवकर काव्य ग्राम’ पहल- वेंगुर्ला, जिला सिंधुदुर्ग।
-योजना विभाग के लिए 9 हजार 193 करोड़ रुपये, रोहयो प्रभाग के लिए 2 हजार 205 करोड़ रुपये, मराठी प्रभाग के लिए 71 करोड़ रुपये का निश्चित व्यय।
-वित्तीय वर्ष 2024-25 में जिला वार्षिक योजनान्तर्गत 18 हजार 165 करोड़ रूपये का प्रावधान।
-वार्षिक योजना 1 लाख 92 हजार करोड़ रुपए, अनुसूचित जाति उपयोजना 15 हजार 893 करोड़ रुपए, आदिवासी विकास उपयोजना 15 हजार 360 करोड़ रुपए।
-वर्ष 2024-25 के बजट में कुल व्यय हेतु 6 लाख 522 करोड़ का प्रावधान।
-वर्ष 2024-25 के बजट में राजस्व संचय 4 लाख 98 हजार 758 करोड़ रुपये और राजस्व व्यय 5 लाख 8 हजार 492 करोड़ रुपये, राजस्व घाटा – 9 हजार 734 करोड़ रुपये, राजकोषीय घाटा 99 हजार 288 करोड़ रुपये है।

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