नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र के अहमदपुर में 3,946 करोड़ रुपये की 6 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं और धाराशिव में 122.9 करोड़ रुपये की 3 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया

नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र के अहमदपुर में 3,946 करोड़ रुपये की 6 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं और धाराशिव में 122.9 करोड़ रुपये की 3 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री, श्री नितिन गडकरी ने आज देश में सुगम एवं सुरक्षित यात्रा के लिए सड़कों और अवसंरचना को बढ़ावा देते हुए, महाराष्ट्र के अहमदपुर में 3,946 करोड़ रुपये की लागत से 6 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं और धाराशिव में 122.9 करोड़ रुपये की 3 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इस अवसर पर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री, श्री संजय बनसोडे, सांसद श्री सुधाकर श्रृंगारे, सांसद श्री प्रतापराव पाटिल चिखलीकर और सभी विधायकों, अधिकारियों एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने लोकार्पण और भूमि पूजन में हिस्सा लिया।

लातूर जिला पूरे देश में सोयाबीन उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। अच्छी सड़कें कृषि उपज को बाजारों तक पहुंच प्रदान करने में मदद करती हैं। आज शुरू की गई परियोजनाओं में राष्ट्रीय राजमार्ग 361 पर औसा-चाकुर खंड को 4 लेन का बनाना, चाकुर-लोहा खंड को 4 लेन का बनाना शामिल है। इससे महाराष्ट्र के दो महत्वपूर्ण क्षेत्रों मराठवाड़ा एवं विदर्भ के बीच संपर्क को बढ़ावा मिलेगा और सुधार होगा। इसके साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग 63 पर आष्टा मोड से आष्टा और तिवतग्याल से मलकापुर खंड के सुदृढ़ीकरण का काम भी पूरा हो चुका है। इस मार्ग के माध्यम से इस क्षेत्र का यातायात सहज एवं सुरक्षित हो जाएगा।

आज जिन परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई है, वे मराठवाड़ा और विदर्भ के लोगों की यात्रा को सहज और सुरक्षित बनाएंगें, जिससे उनके समय और ईंधन की बचत होगी तथा इससे प्रदूषण से भी निजात मिलेगी। इसके माध्यम से माहुर शक्तिपीठ, नांदेड़ गुरुद्वारा, तुलजापुर के तुलजाभवानी मंदिर तक पहुंचना भी आसान हो जाएगा।

आज के इसी कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से धाराशिव जिले में 3 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का भूमिपूजन समारोह का भी आयोजन किया गया। इन परियोजनाओं से लातूर रोड जंक्शन और सोनेगांव जंक्शन के संपर्क में सुधार होगा। धाराशिव बाईपास से शहर में यातायात की समस्या में कमी आएगी और कृषि उत्पादों का परिवहन सुलभ हो जाएगा, जिससे ईंधन एवं समय की बचत होगी, यात्रा सुरक्षित होगी और दुर्घटनाओं में कमी आएगी।

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