केवीआईसी ने नासिक में ग्रामीण कारीगरों को प्रशिक्षण के साथ उच्च गुणवत्ता वाली मशीनरी एवं टूलकिट वितरित की

केवीआईसी ने नासिक में ग्रामीण कारीगरों को प्रशिक्षण के साथ उच्च गुणवत्ता वाली मशीनरी एवं टूलकिट वितरित की

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुसार ‘विकसित और आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण के लक्ष्य को 2047 तक प्राप्त करने के संकल्प को सिद्धि तक पहुंचाने के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार ने मंगलवार को महाराष्ट्र के कारीगरों को आधुनिक ट्रेनिंग के बाद उच्च गुणवत्ता के टूलकिट वितरित की। नासिक जिले के त्र्यंबक रोड, सातपुर स्थित डेमोक्रेसी कन्वेंशन सेंटर में आयोजित वितरण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केवीआईसी के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत 240 कारीगरों को 449 मशीनरी व टूलकिट और 250 प्रशिक्षुओं को प्रमाण-पत्र वितरित किए थे। इस वितरण कार्यक्रम की खास बात यह थी कि पहली बार 20 महिलाओं को ट्रेनिंग के बाद इलेक्ट्रिशियन टूलकिट वितरित की गई। इन सभी महिलाओं की ट्रेनिंग श्रीरामपुर, अहमदनगर में हुई थी।

   

इस वितरण कार्यक्रम के दौरान, आयोग के राज्य कार्यालय,महाराष्ट्र के अंतर्गत आने वाले जिलों के 120 कुम्हारों को विद्युत चालित चाक, 50 कारीगरों को कच्ची घानी तेल मशीन, 20 महिलाओं को इलेक्ट्रिशियन टूलकिट20 कारीगरों को 4 पेपर प्लेट व दोना मेकिंग मशीन और 30 मधुमक्खी पालकों को 300 मधुमक्खी बॉक्स वितरित किए गए लाभार्थियों को संबोधित करते हुए केवीआईसी के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में केवीआईसी द्वारा बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए खादी एवं ग्रामोद्योग की विभिन्न योजनाएं जैसे-खादी कारीगरों के लिए वर्कशेड, केआरडीपी, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, स्फूर्ति तथा ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों के परम्परागत उद्योगों को जीवन्त रखने के लिए कुम्हार सशक्तिकरण कार्यक्रम, हनी मिशन,चर्म उद्योग, अगरबत्ती उद्योग, हाथकागज उद्योग, टर्न वुड क्राफ्ट तथा सेवा क्षेत्र में इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर हेतु कई योजनाएं कार्यान्वित जा रही है।

इसी क्रम में उक्त वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। महाराष्ट्र में खादी की 33 संस्थाएं हैं, जिसके माध्यम से 1400 खादी कारीगरों को रोजगार मिल रहा है। ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत पिछले तीन वर्षों में उच्च गुणवत्ता के कौशल प्रशिक्षण के साथ कुम्हारों को 700 विद्युत चालित चाक प्रदान किए हैं, जिससे उनके जीवन स्तर एवं आय में वृद्धि हुई है। पिछले 2 वर्षों में नासिक जिले में 120 कुम्हारों को चाक वितरित किए गए हैं। इसी तरह, राज्य कार्यालय ने पिछले तीन वर्षों में 250 महिलाओं को अगरबत्ती निर्माण की मशीन और ट्रेनिंग, 150 मधुमक्खी पालकों को 1500 बी बॉक्स और बी कॉलोनी का वितरण किया है

 

कारीगरों से सीधा संवाद करते हुए केवीआईसी के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने कहा कि ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत केवीआईसी ने पूरे देश में अभी तक 27 हजार से अधिक कुम्हार भाइयों और बहनों को विद्युत चालित चाक का वितरण किया है, जिससे 1 लाख से अधिक कुम्हारों के जीवन में बड़ा बदलाव आया है। इसी योजना के अंतर्गत,गांव में रहनेवाले कारीगरों को 6000 से अधिक टूलकिट और मशीनरी का वितरण किया गया है, जबकि हनी मिशन योजना के अंतर्गत अभी तक 20,000 से अधिक लाभार्थियों को 2 लाख से अधिक बी-बॉक्स और बी कॉलोनी का वितरण किया गया है।

अपने अध्यक्षीय भाषण में श्री मनोज कुमार ने जोर देकर कहा कि मोदी सरकार की गारंटी ने खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों को वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बनाया है। पिछले 9 वर्षों में ‘नये भारत की नयी खादी’ ने ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ को नयी दिशा दी है, जिसके परिणामस्वरूप इस कालखंड में खादी उत्पादों की बिक्री में चार गुना से अधिक की बिक्री दर्ज की गई है। खादी का उत्पादन और बिक्री बढ़ने से ग्रामीण भारत के कारीगर आर्थिक रूप से समृद्ध हुए हैं। उन्होंने आगे बताया कि कारीगरों की पारिश्रमिक में पिछले 9 वर्षों में 233 फीसदी से अधिक की वृद्धि ने कारीगरों को खादी के काम की ओर आकर्षित किया है। इस अवसर पर केवीआईसी के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘वोकलफॉरलोकल’ और ‘मेक इन इंडिया’ मंत्र ने खादी को युवाओं के बीच लोकप्रिय बनाया है। पिछले 9 वर्षों में खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों का कारोबार 1.34 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है, जबकि इस दौरान 9.50 लाख से अधिक नये रोजगार का सृजन हुआ है।

इस वितरण कार्यक्रम में खादी संस्थाओं के प्रतिनिधि, खादी कार्यकर्ता और कारीगर, ग्रामोद्योग विकास योजना के लाभार्थियों सहित बैंकों के प्रतिनिधि, केवीआईसी, केवीआईबी और महाराष्ट्र सरकार के अधिकारी और कर्मचारीगण उपस्थित थे।

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