राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने “आदि महोत्सव” का उद्घाटन किया

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने “आदि महोत्सव” का उद्घाटन किया

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज नई दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में आदि महोत्सव 2024 का शुभारंभ किया।

राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि हमारा देश विविधता से भरा हुआ है। इसके बावजूद ‘अनेकता में एकता’ का विचार हमेशा से मौजूद रहा है। इस भावना का  मूल कारण एक-दूसरे की परंपराओं, खान-पान और भाषा को जानने, समझने तथा अपनाने के प्रति हमारा उत्साह है। एक-दूसरे के लिए सम्मान की यह भावना हमारी एकता के सार में निहित है। राष्ट्रपति ने आदि महोत्सव में विभिन्न राज्यों की जनजातीय संस्कृति और विरासत का अनूठा संगम देखकर प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि आदि महोत्सव देश के कोने-कोने से जनजातीय भाई-बहनों की जीवनशैली, संगीत, कला और खानपान से परिचित होने का शानदार अवसर है। राष्ट्रपति ने विश्वास जताया कि इस महोत्सव के दौरान लोगों को जनजातीय समाज के जीवन के कई पहलुओं को जानने और उन्हें समझने का अवसर प्राप्त होगा।

राष्ट्रपति के पूरे भाषण को पढ़ने के लिए यहां पर क्लिक करें-

इस अवसर पर, केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की उपस्थिति में अनुसूचित जनजातियों के लिए उद्यम पूंजी निधि (वीसीएफ-एसटी) का उद्घाटन किया। राष्ट्रपति ने अनुसूचित जनजातियों के लिए उद्यम पूंजी निधि (वीसीएफ-एसटी) के शुभारंभ होने की सराहना की। उन्होंने विश्वास जताया कि इससे अनुसूचित जनजातीय समुदाय के लोगों के बीच उद्यमिता और स्टार्ट-अप संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा। राष्ट्रपति ने जनजातीय समुदाय के युवाओं से आग्रह किया कि वे इस योजना का लाभ उठाकर नये उद्यम स्थापित करें तथा आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अपना योगदान दें।

इस अवसर पर केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि आदि महोत्सव के माध्यम से जनजातीय परंपरा, संस्कृति एवं गौरव का प्रतिनिधित्व होता है। भारत में 11 करोड़ से अधिक जनजातीय आबादी है और यह उत्सव आदिवासियों के लिए आशा की किरण तथा सम्मान की बात है।

 

image002V8I4 राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने "आदि महोत्सव" का उद्घाटन किया

image003WD2F राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने "आदि महोत्सव" का उद्घाटन किया

श्री अर्जुन मुंडा ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने व्यापक दृष्टिकोण के माध्यम से विकास के लक्ष्य के रूप में शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार पर ध्यान केंद्रित करते हुए ‘संकल्प’ को पीएम जनमन के माध्यम से ‘सिद्धि’ तक पहुंचाया है।

श्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि जनजातीय समुदाय की संस्कृति एवं परंपरा का प्रतिनिधित्व करने वाले आदि महोत्सव में इस वर्ष 300 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं और महोत्सव में 1000 कारीगर भाग ले रहे हैं।

केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री ने यह भी कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में उद्यमिता आधारित विकास के लिए ध्यान बढ़ाया जा रहा है, जहां पर हम एक नया उद्यम पूंजी कोष शुरू कर रहे हैं। इस निधि के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि यह कोष स्टार्ट-अप सहित विनिर्माण, सेवाओं तथा संबद्ध क्षेत्र में काम करने वाली अनुसूचित जनजातियों को बढ़ावा दे रही कंपनियों को 10 लाख रुपये से लेकर 5 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करके अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के बीच उद्यमिता को बढ़ावा देगा।

श्री मुंडा ने कहा कि आज विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह के उत्पादों को भारतीय दूतावासों के माध्यम से हंगरी, घाना, हांगकांग, साइप्रस, बांग्लादेश, नेपाल, ऑस्ट्रिया, वियतनाम, मॉरीशस, पोलैंड और संयुक्त अरब अमीरात में निर्यात किया जा रहा है।

आदि महोत्सव का आयोजन ट्राइफेड द्वारा भारत की जनजातीय विरासत की समृद्ध विविधता को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से जनजातीय कार्य मंत्रालय के मार्गदर्शन में किया जा रहा है। इस वर्ष यह महोत्सव 10 से 18 फरवरी 2024 तक आयोजित किया जा रहा है।

अनुसूचित जनजातियों के लिए उद्यम पूंजी निधि (वीसीएफ-एसटी) के बारे में

यह निधि सेबी में पंजीकृत एक उद्यम पूंजी आधारित पहल है, इसका प्रबंधन भारत सरकार के उपक्रम आईएफसीआई लिमिटेड की सहायक कंपनी आईएफसीआई वेंचर द्वारा किया जा रहा है। अनुसूचित जनजातियों के लिए उद्यम पूंजी निधि योजना में दो निवेशक जनजातीय कार्य मंत्रालय और भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास परिसंघ (ट्राइफेड) हैं। इस योजना से विनिर्माण, सेवाओं एवं संबद्ध क्षेत्र में कार्य करने वाली अनुसूचित जनजातियों को बढ़ावा देने वाली कंपनियों को 10 लाख रुपये से 5 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करके अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के बीच उद्यमिता को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अंतर्गत प्रौद्योगिकी व्यवसाय इन्क्यूबेटरों में स्टार्ट-अप और इकाइयों को अवसर प्रदानकरना, इकाई/परियोजना में उपलब्ध धन से 4% प्रति वर्ष की रियायती दर पर संपत्ति निर्माण सुनिश्चित करना (अनुसूचित जनजाति की महिलाओं/अनुसूचित जनजाति के दिव्यांग उद्यमियों के लिए 3.75 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से) शामिल है।

इस निधि के माध्यम से भारत के जनजातीय समुदाय को लक्षित किया जा रहा है और यह पूरे देश में लागू होगा। इस कोष से अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों के बीच उद्यमिता के भाव को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

इच्छुक आवेदक योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए www.vcfst.in पर जा सकते हैं। वे इस कार्यक्रम के दौरान अनुसूचित जनजातियों के लिए उद्यम पूंजी निधि (वीसीएफ-एसटी) योजना हेतु आईएफसीआई वेंचर कैपिटल फंड्स लिमिटेड के स्टॉल पर भी जा सकते हैं।

Spread the love
Previous post

सभी के लिए किफायती कनेक्टिविटी के सरकारी दृष्टिकोण को साकार करने के लिए टीआईएच द्वारा नए विशिष्ट बेस स्टेशन समाधान

Next post

पुणे में 23 से 25 फरवरी तक ‘शिवगर्जना’ महानाट्य; माह के अंत में ‘महासंस्कृति महोत्सव’

Post Comment