पीएम जनमन योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए नियोजन करें : मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमेश चव्हाण

पीएम जनमन योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए नियोजन करें : मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमेश चव्हाण

पुणे, दिसंबर (जिमाका)
केंद्र सरकार ने आदिवासियों के उत्थान के लिए ‘पीएम जनमन योजना’ शुरू की है और यह योजना जिले के सात तालुकाओं में लागू की जाएगी। इन सभी सात तालुकाओं के अधिकारियों को योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए योजना बनानी चाहिए और जन जागरूकता पर जोर देना चाहिए। यह निर्देश जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमेश चव्हाण ने दिए हैं।
जिलाधिकारी कार्यालय में टेलीविजन प्रणाली द्वारा आयोजित बैठक में वे बोल रहे थे। बैठक में निवासी उप जिलाधिकारी ज्योति कदम, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी शालिनी कडू, उप जिलाधिकारी रोहिणी आखाडे, खेड, जुन्नर, आंबेगांव और भोर के उपविभागीय अधिकारी, संबंधित तालुका के तहसीलदार, गुटविकास अधिकारी आदि उपस्थित थे।
श्री चव्हाण ने कहा कि पीएम जनमन योजना के लिए असुरक्षित आदिवासियों का गुट यह लक्ष्य घटक है। पुणे जिले मे कातकरी समाज को सामने रखकर योजना पर अमल करना है। योजना के तहत जुन्नर, आंबेगांव, खेड, मावल, मुलशी, वेल्हा और भोर तालुकाओं को शामिल किया गया है। योजना का लाभ पहुंचाने के लिए लाभार्थियों के आधार को पंजीकृत करें। 15 जनवरी को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी इस गांव के आदिवासी भाइयों से संवाद करेंगे।

लाभार्थियों को आयुष्मान भारत, उज्ज्वला योजना, हर घर नल आदि योजनाओं का लाभ दिया जाना है। यदि उनके पास राशन कार्ड नहीं है तो उसे जारी करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। लाभार्थियों को सभी योजनाओं का लाभ देने का प्रयास इस अभियान में करना है। आदिवासी बस्तियों में जाकर आवश्यक पूर्वतैयारी करें। ऐसे निर्देश उन्होंने दिए।

श्रीमती कदम ने कहा कि योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए व्यापक स्तर पर जन जागरूकता की जाए। योजना की जानकारी देने के लिए सरकारी यंत्रणा को आदिवासी बस्तियों में पहुंचना आवश्यक है। आधार, मतदाता पहचानपत्र, जाति प्रमाणपत्र और निवासी प्रमाणपत्र देने की कार्यवाही करने के लिए अभियान स्तर पर काम करना चाहिए। उपविभागीय अधिकारी इसके लिए ग्राम स्तर पर आवश्यक सूक्ष्म नियोजन करें। अभियान के तहत आदिवासियों को सभी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए आवश्यक तैयारियां की जाएं।

श्रीमती आखाडे ने कहा कि अगले दो दिनों में लाभार्थी को योजना का लाभ देने के लिए कौन से दस्तावेज नहीं रखने होंगे यह जानकारी मांगी जाए। तालुका स्तर पर उपविभागीय अधिकारियों की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है। जिलाधिकारी ने इन योजनाओं का लाभ देने के लिए 15 जनवरी तक सभी का आधार पंजीकरण कराने का निर्देश दिया है। इसके लिए यदि जन्म प्रमाण पत्र नहीं है तो किसी राजपत्रित अधिकारी या सरपंच द्वारा हस्ताक्षरित किए गए प्रमाणपत्र को जन्म और निवास के प्रमाण के रूप में लिया जाना चाहिए। उपविभागीय अधिकारियों ने जाति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए विशेष शिविर लेने चाहिए।

श्रीमती कडू ने कहा कि यह योजना सात तालुकाओं के 226 गांवों में लागू की जानी है। आदिवासी भाइयों को योजना की जानकारी देने के लिए जनजागरूकता की जाए। फोटोग्राफर को लेकर आवश्यक दस्तावेजों के लिए फोटो लिया जाना चाहिए। आधार कार्ड और राशन कार्ड न रहनेवाले संभावित लाभार्थियों की जानकारी प्राप्त करने के लिए विभिन्न टीमों का गठन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगले तीन वर्षों में इन गांवों में विभिन्न सुविधाएं तैयार की जाएंगी।

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