पुणे महानगरपालिका को जल बचत की उपाय योजना करनी चाहिए : अजीत पवार

पुणे महानगरपालिका को जल बचत की उपाय योजना करनी चाहिए : अजीत पवार

खडकवासला परियोजना नहर सलाहकार समिति की बैठक उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की अध्यक्षता में संपन्न

पुणे, फरवरी (जिमाका)
खडकवासला परियोजना से नई मुथा दाहिनी नहर का ग्रीष्मकालीन परिसंचरण 4 मार्च से जारी करने का निर्णय उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की अध्यक्षता में हुई नहर सलाहकार समिति की बैठक में निर्णय लिया गया।
पुणे महानगरपालिका को जल रिसाव उपायों को क्रियान्वित करके पानी बचत करनी चाहिए। यह निर्देश उन्होंने इस अवसर पर दिए।
खडकवासला परियोजना एवं अन्यपरियोजना नहर सलाहकार समिति की बैठक में वे बोल रहे थे। बैठक में विधायक दत्तात्रय भरणे, राहुल कुल, रवींद्र धंगेकर, भीमराव तापकीर, सिद्धार्थ शिरोले, चेतन तुपे, विभागीय आयुक्त चंद्रकांत पुलकुंडवार, पुणे महानगरपालिका आयुक्त विक्रमकुमार, पिंपरी चिंचवड मनपा आयुक्त शेखर सिंह, जिलाधिकारी डॉ. सुहास दिवसे, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमेश चव्हाण, कृष्णा खोरे विकास महामंडल के कार्यकारी संचालक अतुल कपोले, मुख्य अभियंता हणुमंत गुणाले, अधीक्षक अभियंता सुनंदा जगताप आदि के साथ समिति के आमंत्रित सदस्य उपस्थित थे।

पीने के लिए 15 जुलाई तक पानी संभालकर रखें
खडकवासला परियोजना से नई मुथा दाहिनी नहर का ग्रीष्मकालीन परिसंचरण 4 मार्च से जारी करने का निर्णय उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की अध्यक्षता में हुई नहर सलाहकार समिति की बैठक में लिया गया।
पुणे महानगरपालिका को जल रिसाव उपायों को क्रियान्वित करके पानी बचत करनी चाहिए। यह निर्देश उन्होंने इस अवसर पर दिए।
खडकवासला परियोजना एवं अन्य परियोजना नहर सलाहकार समिति की बैठक में वे बोल रहे थे। बैठक में विधायक दत्तात्रय भरणे, राहुल कुल, रवींद्र धंगेकर, भीमराव तापकीर, सिद्धार्थ शिरोले, चेतन तुपे, विभागीय आयुक्त चंद्रकांत पुलकुंडवार, पुणे महानगरपालिका आयुक्त विक्रमकुमार, पिंपरी चिंचवड मनपा आयुक्त शेखर सिंह, जिलाधिकारी डॉ. सुहास दिवसे, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमेश चव्हाण, कृष्णा खोरे विकास महामंडल के कार्यकारी संचालक अतुल कपोले, मुख्य अभियंता हणुमंत गुणाले, अधीक्षक अभियंता सुनंदा जगताप आदि के साथ समिति के आमंत्रित सदस्य उपस्थित थे।

पीने के लिए 15 जुलाई तक पानी संभालकर रखें
सभी बांधों और अन्य पानी भंडारण से पीने के लिए 15 जुलाई तक पानी संभाला जाना चाहिए, ऐसा निश्चित किया गया है। जल संसाधन विभाग के अधिकारी तदनुसार कार्य करें। यह निर्देश उपमुख्यमंत्री तथा पुणे जिले के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने दिए।
बैठक में पुणे महानगरपालिका के जल उपयोग, अपशिष्ट जल उपचार परियोजना, पानी पट्टी आदि पर चर्चा की गई। महानगरपालिका ने पानी बचाना चाहिए, उसी प्रकार सिंचाई विभाग को भी निम्नलिखित क्षेत्रों में सिंचाई एवं पेयजल के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध कराना चाहिए। यह मांग विधायक दत्तात्रय भरणे, राहुल कुल और आमंत्रित सदस्यों ने की।
खडकवासला परियोजना में 16.17 टीएमसी पानी उपलब्ध है। सिंचाई और गैर सिंचाई के लिए 14.98 टीएमसी उपलब्ध हो रहा है। इसमें से सिंचाई हेतु 6.98 टी.एम.सी. पानी उपलब्ध है। 4 मार्च से ग्रीष्मकालीन सिंचाई के लिए पहला चक्र 45 दिनों के लिए जारी किया जाएगा और दूसरा चक्र दौंड नगरपालिका और अन्य पेयजल के लिए जारी किया जाएगा।
श्री पवार ने कहा कि फुरसुंगी तक सुरंग बनाकर नहर का पानी आगे बढ़ाया जाए तो पानी की बड़ी बचत होगी और सिंचाई के लिए अधिक पानी उपलब्ध होगा, इसलिए पुणे महानगरपालिका और जल संसाधन विभाग को संयुक्त रूप से इस पर चर्चा करनी चाहिए और इस परियोजना के लिए वित्तीय प्रावधान का प्रस्ताव तैयार करना चाहिए।
बैठक में टेमघर बांध से हो रहे पानी के रिसाव के अनुरूप ग्राउटिंग एवं अन्य उपाय करने का निर्देश उपमुख्यमंत्री ने दिया। साथ ही इसके लिए आवश्यक निधि भी दी जाएगी।
इस अवसर पर, दौंड नगरपालिका और ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के पानी, नई मुथा दाहिनी नहर, सणसर जोड़ नहर, जनाई शिरसाई उपसा सिंचाना योजना, मुंढवा जैकवेल के द्वारा पुणे महानगरपालिका ने उपलब्ध करवाकर दिए गए अपशिष्ट जल के माध्यम से पुरानी मुथा दाहिनी नहर से कृषि के लिए उपलब्ध कराए जानेवाले पानी के संबंध में चर्चा की गई॥

पवना एवं चासकमान परियोजनाओं में पर्याप्त जल भंडारण
पवना व चासकमान परियोजनाओं में पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी पर्याप्त जल भंडारण है। पवना परियोजना में 4.89 टी.एम.सी. जल भण्डार है, जिसमें से पिंपरी चिंचवड़ महानगरपालिका को पीने के लिए 15 जुलाई तक 2.92 टी.एम.सी, औद्योगिक और अन्य निजी संगठन को 0.46 टी.एम.सी. गैर-सिंचाई प्रयोजनों के लिए दिया जाएगा। सिंचाई हेतु गर्मी के मौसम में 0.25 टी.एम.सी. पानी छोड़ा जाएगा।
उपमुख्यमंत्री श्री पवार ने कहा कि चासकमान परियोजना में भी चासकमान व कलमोडी बांध मिलाकर कुल 5.25 टीएमसी. उपयोगी जल भण्डार है, जिसमें से पानी की हानि, वाष्पीकरण हानि को छोड़कर गर्मी के मौसम के लिए 3.63 टी.एम.सी. पानी सिंचाई और गैर-सिंचाई के लिए उपलब्ध है। पीने के लिए 0.13 टी.एम.सी. और सिंचाई के लिए 3.5 टी.एम.सी. पानी दिया जा रहा है। इसमें से सिंचाई के लिए दो चक्र देने की योजना है। प्रथम ग्रीष्मकालीन पुनरीक्षण 5 मार्च से 9 अप्रैल तक तथा अगला पुनरीक्षण 10 अप्रैल से 15 मई तक अथवा जन प्रतिनिधियों की मांग के अनुसार होगा।

सिंचाई विभाग ने बताया कि भामा आसखेड में भी संतोषजनक जल भंडारण है। पिंपरी चिंचवड महानगरपालिका को 1 टी.एम.सी., सिंचाई एवं असिंचाई हेतु 2.02 टी.एम.सी. पानी उपलब्ध है। जलाशय से निकासी 0.07 टी.एम.सी. और बांध के नीचे की नदी और कोल्हापुर प्रकार के बांधों के लिए 1.95 टी.एम.सी. पानी की योजना बनाई गई है। भामा व भिमा नदी में पहला चक्र 1 मार्च से 16 मार्च तक और अगला चक्र 20 अप्रैल से जारी करने की योजना की जा रही है।
इस अवसर पर यहां अधीक्षक अभियंता श्रीमती जगताप, कार्यकारी अभियंता श्वेता कुर्हाडे, श्रीकृष्ण गुंजाल, शिवाजी जाधव, दिगंबर डुबल व महेश कानेटकर ने प्रस्तुति के माध्यम से जल भंडारण एवं परियोजना की योजना की जानकारी दी।

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