विदर्भ, मराठवाडा समेत उर्वरित महाराष्ट्र का समतोल विकास करेंगे : मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
· विदर्भ, मराठवाडा की सिंचाई परियोजना, औद्योगिक परियजनाओं को पूरा करेंगे
· गडचिरोली का नक्सलवाद भी कम करेंगे
· विदर्भ में अंतरराष्ट्रीय स्तर के वनपर्यटन, जलपर्यटन
· मराठवाड़ा की वॉटरग्रीड परियोजना को पूरा करेंगे
· पीक बीमा कंपनियों के गैर कानूनी व्यवहार की सूक्ष्म जांच
नागपुर, दिसंबर (महासंवाद)
विदर्भ, मराठवाडा, उत्तर महाराष्ट्र, कोकण के पिछड़े इलाके समेत उर्वरित महाराष्ट्र का समतोल विकास साधते हुए महाराष्ट्र की जनता को न्याय देंगे, यह ग्वाही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा मेंदी। विदर्भ, मराठवाडा की सिंचाई परियोजना, औद्योगिक परियोजनाओं को पूरा किया जाएगा और मराठवाडा की वॉटरग्रीड परियोजना को भी पूरा किया जाएगा, यह बात उन्होंने इस दौरान स्पष्ट की।
गडचिरोली स्टील सिटी के रूप में उभर रही है और आगामी तीन वर्षों में गडचिरोली के नक्सलवाद को भी कम किया जाने कि बात उन्होंने कहीं। साथ ही पीक बीमा कंपनियों के गैर कानूनी व्यवहार पर नियंत्रण के लिए इस मामले की सूक्ष्म जांच की जाएगी, यह बात भी दौरान मुख्यमंत्री श्री फडणवीस ने सभागृह में स्पष्ट की। अंतिम सप्ताह के प्रस्ताव पर हुई चर्चा पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री श्री. फडणवीस विधानसभा में बोल रहे थे।
विदर्भ के सिंचन
मुख्यमंत्री श्री फडणवीस ने कहा कि विदर्भा के सिंचन का क्षेत्र बढ़ाने के लिए वैनगंगा-पैनगंगा-नळगंगा नदी जोड प्रकल्प आगामी सात वर्षों में पूरा करेंगे। 88 हजार करोड़ रुपए की परियजनाओं से 10 लाख एकड भूमि सिंचाई के तहत आएगी। इस परियोजना से 550 किलो मीटर लंबाई की एक नई नदी ही तैयार होगी, जिससे विदर्भ में पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध होगा। नाग नदी सुधार को भी मान्यता मिली है। नाग-पोहरा-पिवळी नदी ऐसी परियोजना है और मलजल इन नदियों में न जा सके इसके लिए भी प्रयास जारी होने की बात उन्होंने कहीं। जिससे औद्योगिक क्षेत्र में भी वृद्धि होने में मदद होगी। पर्याप्त पानी से विदर्भ के औद्योगिक विकास को भी गती मिलेगी। विदर्भ, मराठवाडा, पश्चिम महाराष्ट्र की परियजनाओं के लिए बळीराजा योजना, इससे सिंचन क्षेत्र बढ़ेगा। साथ ही प्रधानमंत्री कृषि सिंचन योजना सिंचन क्षेत्र की वृद्धि के लिए व उपयोगी साबित हो रहा है। कन्हान नदी की योजना को भी मंजूरी दी है और 3200 एकड़ भूमि सिंचाई के तहत आएगी। विदर्भ में अंतरराष्ट्रीय स्तर का वनपर्यटन, जलपर्यटन
मुख्यमंत्री श्री फडणवीस ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार ने बड़ा निवेश करने से गोसी खुर्द प्रकल्प के माध्यम से जलपर्यटन के अवसर उपलब्ध होंगे। अभोरा में जलपर्यटन तर भंडारा, नागपूर, चंद्रपुर, गोंदिया इन जगहों पर वनपर्यटन शुरू किया जाएगा जिससे प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। विशेष यह की अंतरराष्ट्रीय स्तर का या पर्यटन स्थल बनाया जाएगा।
विदर्भातील औद्योगिक विकास
गडचिरोली-चंद्रपुर-वर्धा-भंडारा
किसानों को मदद
बेमौसमी बारिश की वजह से नुकसान हुए किसानों को करीबन 16 हजार 219 करोड़ रुपए की निधि वितरित की गई है। वहीं धान उत्पादक किसानों को प्रति हेक्टेयर 20 हजार रुपये बोनस दिए जाने की बात मुख्यमंत्री श्री. फडणवीस ने कहीं। वर्धा, अमरावती, अकोला और बुलढाणा इन जिलों के 55 हजार किसानों के संत्री पीक का रिसाव हुआ था। इन किसानों को राहत देने के लिए तीन हेक्टर क्षेत्र मर्यादित इस तरह से करीबन 165 करोड़ रुपए की मदद दिए जाने की बात मुख्यमंत्री ने कहीं। सोयाबीन व कापूस उत्पादको को योग्य मदद दी जा रही है और राज्य में 557 हमी भाव खरेदी केंद्रों पर अब तक करीबन 23 लाख 68 हजार 475 क्विंटल इतनी सोयाबीन खरेदी की गई है। पिछले पंद्रह साल की तुलना में यह सबसे बड़ी खरेदी है। यह खरेदी केंद 12 जनवरी तक शुरू रहेंगे। मध्यप्रदेश की तर्ज पर खेरेदी व्यवस्था शुरू करने के संदर्भ में संबंधित अधिकरियों को सूचना दिए जाने की बात मुख्यमंत्री ने कहीं।
मराठवाडा औद्योगिक विकास का दालन
मुख्यमंत्री श्री फडणवीस ने कहा कि, राज्य में उद्योगों को आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने से रून उद्योजको का रुख राज्य की ओर बढ़ा है और पुणे के बाद छत्रपति संभाजीनगर व जालना यह दो बड़े औद्योगिक क्षेत्र के रूप उभर रहे है, जिससे मराठवाडा औद्योगिक विकास का बड़ा दालन हो रहा है। वंदे भारत ट्रेन लातूर के इस कोच फॅक्टरी में तैयार होने से यहां पर रोजगार के अवसर उपलब्ध हुए है। टोयोटा प्रकल्प ऑरिक सिटी में आने से रोजगार के अवसर उपलब्ध हुए है। यहां पर ऑटोमोबाईल ईको सिस्टीम हो, इसके लिए कुशल मानव संसाधन निर्माण होने के लिए प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण किया है। शिरूर से छत्रपती संभाजी नगर यह 14 हजार 886 करोड़ रुपए का ग्रीन फिल्ड मार्ग तैयार किया जा रहा है। मराठवाडा, विदर्भ के किसानों को दुग्धव्यवसाय कर सकें, इसके लिए मदर डेअरी की मदद लेकर दुग्धव्यवसाय को भी गती दी जाएगी।
अलमट्टी तालाब की ऊंचाई
अभी अलमट्टी तालाब की ऊंचाई का प्रश्न चर्चा में है और कोल्हापूर, सांगली के किसान, आम नागरिक की जिवित हानी, मालमत्ता नुकसान नहीं होगा, इसके लिए राज्य सरकार की ओर से योग्य वह खबरदारी बरती जा रही हैं।
पीक बीमा गैरप्रकार की सूक्ष्म जांच
नैसर्गिक आपदा की वजह से किसानों की फसलों का नुकसान होता है, इस स्थिति से उभरने के लिए सरकार ने पीक बीमा योजना शुरू की। किसानों के लिए यह अच्छी यह योजना है। इस योजना को लेकर सदस्यों ने कुछ गंभीर मुद्दे सभागृह में उपस्थित किए हैं, जिससे बीड समेत राज्य के अन्य जिलों में इस योजना को लेकर कुछ गैर कानूनी हुए, इस संदर्भ में सूक्ष्म जांच किए जाने की बात भी उन्होंने इस दौरान स्पष्ट की।
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