डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर द्वारा दिए गए समानता के विचार को आगे बढ़ाने के लिए आइए हम जाति-मुक्त समाज बनाने का संकल्प लें : राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन

डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर द्वारा दिए गए समानता के विचार को आगे बढ़ाने के लिए आइए हम जाति-मुक्त समाज बनाने का संकल्प लें : राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन

डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर द्वारा दिए गए समानता के विचार को आगे बढ़ाने के लिए आइए हम जाति-मुक्त समाज बनाने का संकल्प लें : राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन

डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर द्वारा दिए गए समानता के विचार को आगे बढ़ाने के लिए आइए हम जाति-मुक्त समाज बनाने का संकल्प लें : राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन

मुंबई, दिसंबर (महासंवाद)
भारतरत्न डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर ने हमें दुनिया का सबसे अच्छा संविधान दिया। इस संविधान ने सभी को समान अधिकार और देश को एकता, समानता, भाईचारे का विचार दिया। अस्पृश्यता निवारण, जातिमुक्त समाज में डॉ. बाबासाहब का सबसे बड़ा योगदान था। डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर द्वारा दिये गये भारतीय संविधान का सम्मान करते हुए बाबासाहब के विचारों और कार्यों को आगे बढ़ाना ही उनके प्रति सच्चा अभिवादन होगा। इन शब्दों में राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर के कार्यों को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

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मुंबई के दादर स्थित चैत्यभूमि में भारतरत्न डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर के 68 वें महापरिनिर्वाण दिन के अवसर पर आयोजित अभिवादन कार्यक्रम में डॉ. बाबासाहब की याद में राज्यपाल श्री राधाकृष्णन ने आगे कहा कि डॉ. बाबासाहब का व्यक्तित्व बहुआयामी था। वह शिक्षाविद, वकील, अर्थशास्त्री, लेखक, पत्रकार, साहित्यकार, समाजसुधारक सब कुछ थे। वह सामाजिक सुधार की दृष्टि रखनेवाले महान व्यक्तित्व थे। देश के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक सुधारों के लिए उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। डॉ. बाबासाहेब के कार्य, विचार और आदर्श को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का संकल्प लेना चाहिए। यह अपील भी राज्यपाल ने इस अवसर पर की।
यहां मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, विधायक सर्वश्री प्रवीण दरेकर, राजकुमार बडोले, मंगलप्रभात लोढा, दीपक केसरकर, संजय बनसोडे, कालिदास कोलबकर, अमोल मिटकरी, मुख्य सचिव सुजाता सौनिक, पूर्व सांसद सर्वश्री नरेंद्र जाधव, राहुल शेवाले, अमर साबले, बृहन्मुंबई महानगरपालिका के आयुक्त भूषण गगराणी, अतिरिक्त आयुक्त डॉ. अश्विनी जोशी, कोकण विभागीय आयुक्त राजेश देशमुख, मुंबई शहर जिलाधिकारी संजय यादव, डॉ. बाबासाहब अंबेडकर महापरिनिर्वाण दिन समन्वय समिति के महासचिव नागसेन कांबले, समन्वय समिति के उपाध्यक्ष महेंद्र सालवे आदि के साथ समाज के सभी क्षेत्र के गणमान्य व्यक्ति व डॉ. बाबासाहब के अनुयायी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
राज्यपाल श्री राधाकृष्णन ने कहा कि डॉ. बाबासाहब ने जातिवाद से मुक्त समाज का सपना देखा था। अज्ञान, असमानता और गरीबी उन्हें जड़ से मिटाने की ताकत शिक्षा में रहने से प्रत्येक व्यक्ति को शिक्षा और विकास के लिए समान अवसर मिले, इसके लिए उन्होंने प्रयास किए। सीखो, संगठित रहो और संघर्ष करो का विचार देनेवाले बाबासाहब का भव्य स्मारक दादर के इंदु मिल परिसर में आकार ले रहा है। यह स्मारक न केवल देश के नागरिकों, बल्कि दुनिया भर, खासकर युवाओं के लिए प्रेरणा बनेगा। यह विश्वास भी राज्यपाल ने इस अवसर पर व्यक्त किया।

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देश की प्रगति का श्रेय डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर द्वारा दिये गये संविधान को : मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
वर्तमान में भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। हमारा देश इस समय विभिन्न क्षेत्रों में शानदार प्रगति कर रहा है। इस प्रगति का श्रेय भारतरत्न डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर द्वारा देश को दिए संविधान को है। यह विचार मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने व्यक्त किये। तथागत भगवान गौतम बुद्ध द्वारा दिए गए समता, एकता, भाईचारे क संदेश डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर ने दिए संविधान में दिखाई दे रहा है यह बताते हुए मुख्यमंत्री श्री फड़णवीस ने कहा कि बाबासाहब दूरदर्शी, अध्ययनशील एवं बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने उस समय कानून, सिंचाई, श्रम व बिजली मंत्री के रूप में कार्य किया। उनका कार्यकाल बुनियादी ढांचे के विकास में नींव रखनेवाला था। श्री फडणवीस ने कहा कि वर्तमान में देश की प्रमुख नीतियाँ बाबासाहब द्वारा उस समय बनाई गई भविष्य की अवधारणाओं को दर्शाती हैं। लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में डॉ. बाबासाहब की रचनाओं को एक मानक माना जाता है। उन्होंने जो विचार तब लिखे थे वे आज भी लागू हैं। देश की किसी भी प्रकार की समस्या का समाधान भारतीय संविधान में है। डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर ने देश को दुनिया का सबसे खूबसूरत संविधान दिया है। इंदु मिल क्षेत्र में चल रहे डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर का विश्वस्तरीय स्मारक का काम तेजी से पूरा किया जाएगा। राज्य में सरकार सदैव वंचित एवं कमजोर वर्गों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए संविधान के अनुरूप कार्य करेगी।

कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से कमजोरों को सशक्त बनाने का सरकार का प्रयास : उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे
देश की समृद्धि, भारतरत्न डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर द्वारा देश को दिये गये संविधान के कारण है। सरकार उनके विचार और व्यवहार पर काम कर रही है। बाबासाहब द्वारा दिए गए विचारों के अनुरूप जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से कमजोरों को सशक्त बनाने का सरकार का प्रयास है। यह विचार उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने व्यक्त किये। श्री शिंदे ने कहा कि सत्ता सामाजिक परिवर्तन का एक साधन है, ऐसा डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर हमेशा कहा करते थे। इसका उपयोग सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सामाजिक कल्याण के लिए किया गया है। डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर ने अपनी विद्वता का उपयोग जमीनी स्तर को सशक्त बनाने के लिए किया। उन्होंने न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में मानवाधिकारों की गरिमा को वैचारिक संगठनात्मक शक्ति प्रदान की है। उनके विचारों को अगली पीढ़ी तक पहुँचाने के उद्देश्य से प्रत्येक तालुका में एक संविधान मंदिर बनाने का भी निर्णय लिया गया है।

डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर के विचारों को आदर्श मानकर सरकार का कारभार : उपमुख्यमंत्री अजीत पवार
डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर के विचारों को आदर्श मानकर भारतीय संविधान से ही सरकार का सरकार का कारभार चल रहा है। राज्य के कमजोर, वंचित, उपेक्षित भाइयों के जीवन में खुशहाली निर्माण हो, इस ओर सरकार ने हमेशा ख्याल रखा है। भविष्य में भी वंचित व कमजोर वर्गों के जीवन में खुशहाली लाने के लिए काम किया जाएगा। यह विचार उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने व्यक्त किए। उपमुख्यमंत्री श्री पवार ने कहा कि भारतरत्न डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर ने मानवता के कल्याण का मार्ग दुनिया को दिखाया है। बाबासाहब के विचार देश को एकता, भाईचारे और समानता के सूत्र में बांधने की ताकत रखते हैं। ऐसे महान व्यक्ति के विचारों को अभिवादन करने उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर देश भर से लाखों अनुयायी आते हैं। यहां का यह अथाह जनसागर उसी का प्रतीक है।
मुख्य सचिव सुजाता सौनिक ने इस अवसर पर गणमान्यों को संविधान की प्रतिमा उपहार में दी। साथ ही गणमान्यों के हाथों से पूर्व सांसद नरेंद्र जाधव के ‘भारतीय प्रजासत्ताक साकारणारा महामानव’ किताब का विमोचन भी किया गया।

सर्वप्रथम भारतीय संविधान के निर्माता, भारतरत्न डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के साथ गणमान्यों ने पुष्पचक्र अर्पण करके डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर को अभिवादन किया। उसके बाद बृहन्मुंबई महानगरपालिका की ओर से आयोजित छायाचित्र प्रदर्शनी का गणमान्यों ने अवलोकन किया। इस समय चैत्यभूमि पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई।

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