ग्रामीणों को तेंदुए के हमलों से बचने के लिए वन विभाग के निर्देशों का पालन करना चाहिए : उपवन संरक्षक अमोल सातपुते

ग्रामीणों को तेंदुए के हमलों से बचने के लिए वन विभाग के निर्देशों का पालन करना चाहिए : उपवन संरक्षक अमोल सातपुते

ग्रामीणों को तेंदुए के हमलों से बचने के लिए वन विभाग के निर्देशों का पालन करना चाहिए : उपवन संरक्षक अमोल सातपुते

ग्रामीणों को तेंदुए के हमलों से बचने के लिए वन विभाग के निर्देशों का पालन करना चाहिए : उपवन संरक्षक अमोल सातपुते

पुणे, अक्टूबर (जिमाका)
जंगली जानवर तेंदुए के हमले को रोकने के लिए अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्रों के ग्रामीणों, किसानों और मजदूरों की सुरक्षा के लिए वन विभाग के माध्यम से विभिन्न उपाय लागू किए जा रहे हैं और जुन्नर, अंबेगांव, खेड़ व शिरूर तालुका परिसर के ग्रामीणों को वन विभाग के निर्देशों का पालन करके सहयोग करें। यह अपील जुन्नर वन विभाग के उपवनसंरक्षक अमोल सातपुते ने की है।

जिले के उत्तर में जुन्नर, अंबेगांव, खेड़ और शिरूर यह चार तालुकाएं जुन्नर वन विभाग में शामिल हैं। अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्रों में नागरिकों को खेतों में काम करते समय अकेले के बजाय समूह में तथा शोरगुल करते हुए सावधानी बरतनी चाहिए। छोटे बच्चों, बुजुर्गों को घर से बाहर अकेला नहीं छोड़ना चाहिए व घर के बाहर खुले में नहीं सोना चाहिए। खेत में एकल घरों और गौशालाओं के चारों ओर सोलर फेंसिंग की जानी चाहिए, घर के चारों ओर और खेत की सड़क के आसपास घास और झाड़ियाँ हटाकर क्षेत्र को साफ रखें, सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद घर के बाहर न जाएं, यदि अपरिहार्य हो तो एक टॉर्च और एक बड़ी छड़ी अपने साथ रखें। रात के समय घर के पास बड़ी लाइटें लगानी चाहिए, ऐसे निर्देश वन विभाग की ओर से दिए गए हैं।

तेंदुए के हमलों को रोकने के लिए वन विभाग की ओर से कई उपाय किए जा रहे हैं। तदनुसार वन क्षेत्र में आवास की उपलब्धता के अधीन वन्यजीवों की निर्धारित संख्या से अधिक तेंदुओं की नसबंदी और अतिरिक्त 75 तेंदुओं को दूर के अभयारण्यों में स्थानांतरित करने के संबंध में एक प्रस्ताव केंद्र सरकार को प्रस्तुत किया गया है। हाल ही में जुलाई 2024 में, संघर्ष क्षेत्र से 10 तेंदुओं को जामनगर (गुजरात) के एक बचाव केंद्र में स्थानांतरित किया गया है।

अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में तेंदुओं के कारण होनेवाली समस्याओं के तत्काल समाधान के लिए स्थानीय युवाओं की भागीदारी से तेंदुआ कार्रवाई बल के चार बेस कैंप स्थापित किए गए हैं। यह बेस कैंप बचाव दल के सदस्यों के साथ-साथ संबंधित अधिकारियों, क्षेत्रीय कर्मचारियों के माध्यम से संवेदनशील क्षेत्रों में नियमित रात्रि गश्त, सुरक्षा के संदर्भ में जन जागरूकता और आवश्यक उपायों के कार्यान्वयन से किया जा रहा है।

जुन्नर वन विभाग ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टीफिशियल इंटेलिजन्स-एआई) के आधुनिक तकनीक के माध्यम से नागरिकों को जंगली जानवर तेंदुआ मानव बस्तियों के पास आने की जानकारी सूचित करनेवाली एक प्रणाली विकसित की है। विद्या प्रतिष्ठान बारामती व सिमुसॉफ्ट टेक्नोलॉजी, पुणे की मदद से कृषि श्रमिकों की सुरक्षा के लिए एक विशेष प्रकार की कांटेदार गर्दन बेल्ट (गर्दन बेल्ट) विकसित की गई है। इसके अलावा सुरक्षा की दृष्टि से चरवाहों के लिए तंबू (टैंट) भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। जुन्नर वन विभाग के अंतर्गत वन्य जीव बचाव दल को मजबूत किया गया है। वन विभाग के माध्यम से यह भी सूचित किया गया है।

Spread the love
Previous post

एनसीसी गणतंत्र दिवस शिविर-2025 की तैयारी के लिए 500 से अधिक कैडेट गंगा और हुगली नदियों के किनारे 1,200 किलोमीटर की जलयात्रा आरंभ करेंगे

Next post

आचार संहिता के दौरान धरना, आंदोलन, प्रदर्शन और जाति, भाषा, धर्म के आधार पर शिविर आयोजित करने पर प्रतिबंध

Post Comment