ट्रिनिटी कॉलेज ऑफ फार्मेसी-राष्ट्रीय चर्चा सत्र को मिली उत्कृष्ट प्रतिक्रिया
ट्रिनिटी कॉलेज ऑफ फार्मेसी-राष्ट्रीय चर्चा सत्र को मिली उत्कृष्ट प्रतिक्रिया
कोंढवा, अक्टूबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
केजेईआई ट्रिनिटी कॉलेज ऑफ फार्मेसी ने एसोसिएशन ऑफ फार्मास्युटिकल टीचर्स ऑफ इंडिया के सहयोग से 18 से 19 अक्टूबर 2024 के दौरान ग्लोबल क्वालिटी ट्रेंड्स इन फार्मा इंडस्ट्रीज विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय चर्चा सत्र का आयोजन किया था।
इसका उद्देश्य विचारोत्तेजक ज्ञान साझा करने, गहन प्रस्तुतियों और संवादात्मक सत्रों के लिए एक अद्वितीय मंच प्रदान करना है। सम्मेलन को 170-180 से अधिक प्रतिभागियों और 45 मौखिक प्रस्तुतियों के साथ जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है।
सम्मेलन के मुख्य अतिथि श्री अतुल शिरगांवकर ने दीप प्रज्ज्वलित करके सम्मेलन का उद्घाटन किया और फार्मास्युटिकल उद्योग में जीएमपी और गुणवत्ता प्रबंधन प्रणालियों पर उपस्थितियों को संबोधित किया।
संस्था के संस्थापक श्री कल्याणराव जाधव और संकुल निदेशक समीर कल्ला व प्राचार्य डॉ. एस. आर. चौधरी ने सभी प्रतिनिधियों को अनुसंधान के क्षेत्र में सक्रिय भागीदारी के लिए मार्गदर्शन एवं प्रेरित किया। डॉ. एस. आर. चौधरी ने स्वागत भाषण दिया तथा अबस्ट्रॅक्ट बुक का विमोचन गणमान्य व्यक्तियों द्वारा किया गया।
सम्मेलन में सभी मुख्य वक्ता डॉ. अदिति जोगलेकर, श्री. श्रीनिक कोले और श्री अविनाश वेल्हाल ने सम्मेलन के विषय को उचित ठहराया व आनेवाले वर्ष में फार्मास्युटिकल उद्योग के लचीलेपन के बारे में विस्तार से बताया। जो सफल विज्ञान और नवाचार के माध्यम से उद्योग के निरंतर विकास को उत्प्रेरित करता है। वक्ताओं ने इस बात पर भी ध्यान केंद्रित किया कि कैसे फार्मा उद्योग में रुझान विश्वस्तर पर बदल रहे हैं, वर्णनात्मक से पूर्वानुमानित और प्रतिक्रियाशील से निर्देशात्मक की ओर बढ़ रहे हैं।
पहले दिन मौखिक प्रस्तुतियाँ आयोजित की गईं, जिसमें बी.फार्मा, एम.फार्मा व पीएचडी अंतिम वर्ष के राज्य और राज्य के बाहर के विभिन्न महाविद्यालयों के पंजीकृत छात्रों ने भाग लिया और दिए गए विषय के आधार पर अपने शोध कार्य प्रस्तुत किए।
डॉ. निकिता गायकवाड, डॉ. मीनल हरड़े प्रोफेसर (मॉडर्न कॉलेज ऑफ फार्मेसी, निगडी) मौखिक मूल्यांकन के लिए मूल्यांकनकर्ता थीं। मौखिक प्रस्तुति का विषय था-फाइटो- फार्मास्यूटिकल्स न्यूट्रास्यूटिकल्स/ जड़ी-बूटियाँ और उनके स्वास्थ्य लाभ, नई दवा वितरण प्रणालियों में वर्तमान अनुसंधान रुझान,भारत में ओवर-द-काउंटर दवाओं के लिए नियामक विचार, फार्माकोलॉजिकल और टॉक्सिकोलॉजिकल स्क्रीनिंग।
दूसरे दिन प्रथम वैज्ञानिक सत्र का समापन समारोह आयोजित किया गया, जिसमें प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय सर्वश्रेष्ठ मौखिक प्रस्तुतियों को प्राचार्य द्वारा नकद पुरस्कार एवं ट्राफी से सम्मानित किया गया।
उद्योग के वैज्ञानिक और नियामक दोनों पहलुओं को संबोधित करते हुए, सम्मेलन का उद्देश्य अनुसंधान क्षमताओं को बेहतर ढंग से समझने और विकसित करने के लिए वर्तमान और भविष्य की संभावनाओं और उभरते फार्मासिस्टों को फार्मेसी के क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
चर्चासत्र सफल बनाने के लिए डॉ. नालंदा बोरकर, डॉ. भूषण फिरके, डॉ. मिलिंद वेल्हाल, श्री केतन भुतकर, श्री अमित जगताप व प्राची पवार ने अहम योगदान दिया।
सम्मेलन की समन्वयक डॉ. नालंदा बोरकर ने सम्मेलन के प्रमुख मुद्दों पर प्रकाश डालते हुए संक्षिप्त परिचय दिया। आभार प्रदर्शन डॉ. दिलनवाज पठाण ने किया।
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