आरईसी फाउंडेशन ने पूर्व सैनिकों के 12,500 बच्चों की शिक्षा के लिए सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष में योगदान दिया
विद्युत मंत्रालय के अधीन एक महारत्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम और एक अग्रणी गैर-वित्तीय बैंकिंग कंपनी (एनबीएफसी), आरईसी लिमिटेड ने आरईसी फाउंडेशन के माध्यम से सशस्त्र बल झंडा दिवस कोष में 15 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। इस राशि का उपयोग पूर्व सैनिकों के 12,500 बच्चों की शिक्षा के लिए किया जाएगा। यह योगदान नि-स्वार्थ भाव से देश सेवा करने वाले पूर्व-सैनिकों का समर्थन करने के लिए आरईसी फाउंडेशन के समर्पण को दर्शाता है।
सशस्त्र बल झंडा दिवस कोष (एएफएफडीएफ) की स्थापना सशस्त्र बलों के सेवानिवृत्त सैनिकों, विधवाओं और उनके आश्रितों के साथ-साथ पक्षाघात से पीडि़त सैनिकों के पुनर्वास के लिए बनाए गए संस्थानों और संगठनों की सहायता के उद्देश्य से की गई है।
एकजुटता के प्रतीकात्मक संकेत में आरईसी फाउंडेशन में कॉर्पोरेट-सामाजिक-दायित्व (सीएसआर) की कार्यकारी निदेशक श्रीमती तरूणा गुप्ता ने सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष के सचिव को चेक प्रदान किया।
सशस्त्र बल झंडा दिवस कोष के सचिव ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हम आरईसी फाउंडेशन के समर्थन के लिए धन्यवाद करते हैं। ये 15 करोड़ रुपये का योगदान पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के लिए सहायता एवं कल्याण कार्यक्रम के हमारे प्रयासों को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा।
सशस्त्र बल समुदाय का समर्थन करने के लिए आरईसी फाउंडेशन की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए आरईसी फाउंडेशन के कॉर्पोरेट-सामाजिक-दायित्व (सीएसआर) के कार्यकारी निदेशक ने कहा कि आरईसी फाउंडेशन में हम अपने पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के त्याग एवं बलिदान का सम्मान करने के महत्व में विश्वास करते हैं। सशस्त्र बलों में हमारा योगदान झंडा दिवस कोष उनके कल्याण और भलाई के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
आरईसी फाउंडेशन द्वारा किया गया योगदान देश की सेवा करने वालों के लिए निरंतर समर्थन और देखभाल सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष में आरईसी फाउंडेशन का योगदान कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति उसकी प्रतिबद्धता और समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालने के प्रति इसके समर्पण की पुष्टि करता है।
सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष में योगदान
भारत के सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे सशस्त्र बल झंडा दिवस कोष (एएफएफडीएफ) में उदारतापूर्वक योगदान करें और हमारे सैनिकों तथा उनके परिजनों के साथ एकजुटता दिखाते हुए युद्ध-विधवाओं, पूर्व-सैनिकों (ईएसएम) तथा शहीदों के आश्रितों के कल्याण के साथ जुड़ें। सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष में योगदान को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80जी(5)(vi) के तहत आयकर से छूट प्राप्त है। यहां ऑनलाइन योगदान करें ।
आरईसी लिमिटेड के संबंध में
आरईसी विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत एक ‘महारत्न’ केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम है और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के साथ गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी) तथा इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है। आरईसी पूरे विद्युत-बुनियादी ढांचा क्षेत्र को वित्त पोषित करता है जिसमें उत्पादन, ट्रांसमिशन, वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी स्टोरेज, पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट, ग्रीन हाइड्रोजन तथा ग्रीन अमोनिया परियोजनाओं जैसी नई प्रौद्योगिकियां शामिल हैं। हाल ही में आरईसी ने गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी विविधता ला दी है, जिसमें सड़क और एक्सप्रेसवे, मेट्रो रेल, हवाई अड्डे, आईटी संचार, सामाजिक और वाणिज्यिक अवसंरचना (शैक्षिक संस्थान, अस्पताल), बंदरगाह और इलेक्ट्रो-मैकेनिकल (ई एंड एम), स्टील और रिफाइनरी जैसे अन्य क्षेत्र शामिल हैं।
आरईसी लिमिटेड देश में बुनियादी ढांचा परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए राज्य, केंद्र और निजी कंपनियों को विभिन्न परिपक्वता अवधि के ऋण प्रदान करता है। यह बिजली क्षेत्र के लिए सरकार की प्रमुख योजनाओं में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक भूमिका निभा रहा है और प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य), दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई), राष्ट्रीय विद्युत निधि (एनईएफ) योजना के परिणामस्वरूप देश में अंतिम छोर तक विद्युतीकरण सक्षम हुआ है शतप्रतिशत गांव का विद्युतीकरण एवं घरों में बिजली की सुविधा मिली है। आरईसी को पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के लिए कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए नोडल एजेंसी भी बनाया गया है। आरईसी की ऋण पुस्तिका 4.97 लाख करोड़ रुपये और 31 दिसंबर, 2023 तक नेट वर्थ 64,787 करोड़ रुपये थी।
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