पश्चिम महाराष्ट्र में खेती को दिन के समय बिजली आपूर्ति के लिए सौर ऊर्जा में 1091 मेगावाट और जोड़ा जाएगा

पश्चिम महाराष्ट्र में खेती को दिन के समय बिजली आपूर्ति के लिए सौर ऊर्जा में 1091 मेगावाट और जोड़ा जाएगा

पुणे, जुलाई (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
पश्चिमी महाराष्ट्र में कृषि को दिन के समय और टिकाऊ बिजली आपूर्ति प्रदान करने के लिए एक और 1091 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन परियोजना शुरू की गई है, इसलिए पहले चरण में, पुणे, सोलापुर, सातारा, सांगली और कोल्हापुर जिलों में 276 उप-केंद्रों के लिए 1991 मेगावाट की कुल क्षमता वाली सौर ऊर्जा उत्पादन परियोजनाएं स्थापित की जा रही हैं। इसमें सोलापुर जिले के 98 सबस्टेशनों के लिए 867 मेगावाट की सौर ऊर्जा उत्पादन परियोजनाएं शामिल हैं।

राज्य सरकार की मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना-2.0 को तेजी से लागू किया जा रहा है और पश्चिमी महाराष्ट्र में 710 उप-स्टेशनों के माध्यम से कृषि के लिए दिन के समय बिजली आपूर्ति की योजना बनाई गई है। इसके लिए 5 हजार 915 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य है और अब तक 7 हजार 669 एकड़ सरकारी जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है। इसमें पहले चरण में 276 उपकेंद्रों के माध्यम से दिन में कृषि को बिजली आपूर्ति करने के लिए 1991 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा उत्पादन परियोजनाएं स्थापित करने का काम शुरू किया गया है।

पहले चरण में इन 276 उपकेंद्रों के क्षेत्र के हजारों किसानों को खेती के लिए दिन के समय और टिकाऊ बिजली की आपूर्ति की जाएगी। किसानों की कई वर्षों से कृषि सिंचाई के लिए दिन में बिजली आपूर्ति की मांग अब साकार होने लगी है, इसलिए महावितरण के पुणे क्षेत्रीय निदेशक अंकुश नाले ने संबंधित ग्राम पंचायतों और नागरिकों से सौर ऊर्जा उत्पादन परियोजनाओं में सहयोग करने की अपील की।

पश्चिम महाराष्ट्र में सौर ऊर्जा निर्मिती के पहले चरण में पुणे जिले मेें 54 उपकेंद्रों के लिए 429 मेगावॉट, सातारा जिले में 39 उपकेंद्रों के लिए 208 मेगावॉट, सांगली- 41 उपकेंद्रों के लिए 317 मेगावॉट, कोल्हापुर- 44 उपकेंद्रों के लिए 170 मेगावॉट और सोलापुर जिले में 98 उपकेंद्रों के लिए 867 मेगावॉट कुल 276 उपकेंद्रों के लिए 1991 मेगावॉट क्षमता का निर्माण कार्य संबंधित एजेंसियों द्वारा चल रहा है।

सौर ऊर्जा उत्पादन परियोजनाओं के लाभ -किसानों की खेती के लिए दिन में बिजली देने की मांग पूरी होने लगी है। साथ ही, प्रत्येक ग्राम पंचायत, जिसके क्षेत्र में सौर ऊर्जा परियोजनाएं लागू की जाएंगी, को तीन साल तक प्रति वर्ष 15 लाख रुपये की सब्सिडी मिलेगी। विशेष रूप से, सौर ऊर्जा संयंत्र के निर्माण, 25 वर्षों तक इसके संचालन, रखरखाव और मरम्मत से राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 6,000 पूर्णकालिक और 13,000 अंशकालिक नौकरियां पैदा होंगी। साथ ही, जिन ग्राम पंचायतों में सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जाएंगी, उन्हें 200 करोड़ से अधिक की सब्सिडी मिलेगी और राज्य में जन सुविधा के काम होंगे।
यह जानकारी पुणे महावितरण कंपनी के उपमुख्य जनसंपर्क अधिकारी श्री निशिकांत राऊत द्वारा दी गई है।

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