स्थानीय स्वशासन संस्थाओं के चुनाव के लिए जाति वैधता प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने की समयसीमा बढ़ाई गई
मुंबई, मई (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
ग्राम पंचायत, जिला परिषद और पंचायत समितियों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए जाति प्रमाणपत्र और जाति वैधता समिति द्वारा जारी वैधता प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है। अब यह प्रमाणपत्र जमा करने की समयसीमा 12 महीनों के लिए और बढ़ा दी गई है। इस संबंध में राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन द्वारा एक अध्यादेश जारी किया गया है, जो महाराष्ट्र राजपत्र (असाधारण भाग चार) दिनांक 30 अप्रैल 2025 को प्रकाशित हुआ है।
इससे पहले भी, उम्मीदवारों को समय पर प्रमाणपत्र न मिलने के कारण अयोग्य ठहराए जाने की समस्या को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने “महाराष्ट्र (ग्राम पंचायत, जिला परिषद और पंचायत समितियों के विशेष चुनावों के लिए) वैधता प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने की अस्थायी समयवृद्धि अधिनियम 2023 (महा. अधिनियम क्रमांक 35)” के तहत एक बार पहले 12 महीने की समयसीमा बढ़ाई थी।
हालांकि, अब भी 11,000 से अधिक सदस्यों के आवेदन जाति प्रमाणपत्र जांच समितियों के पास लंबित हैं। केवल वैधता प्रमाणपत्र मिलने में देरी के कारण ऐसे जनप्रतिनिधियों को पद से हटाने की संभावना बनी हुई है, जो अन्यायपूर्ण मानी जा रही है और इससे स्थानीय स्वशासन संस्थाओं के कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है।
इसी वजह से अब एक बार फिर 12 महीने की अतिरिक्त समयसीमा दी गई है ताकि ऐसे सभी सदस्य अपना जाति वैधता प्रमाणपत्र प्रस्तुत कर सकें। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि केवल जाति वैधता प्रमाणपत्र मिलने में हुई देरी के आधार पर किसी को भी अपने पद से वंचित न किया जाए। इसी उद्देश्य से यह नया अध्यादेश जारी किया गया है।
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