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कृषि क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रभावी उपयोग के लिए सरकार प्रतिबद्ध : प्रमुख सचिव विकासचंद्र रस्तोगी

कृषि क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रभावी उपयोग के लिए सरकार प्रतिबद्ध : प्रमुख सचिव विकासचंद्र रस्तोगी

कृषि क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रभावी उपयोग के लिए सरकार प्रतिबद्ध : प्रमुख सचिव विकासचंद्र रस्तोगी

कृषि क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रभावी उपयोग के लिए सरकार प्रतिबद्ध : प्रमुख सचिव विकासचंद्र रस्तोगी
कृषि क्षेत्र के लिए एआई नीति पर कार्यशाला मुंबई में सम्पन्न

मुंबई, अप्रैल (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)

महाराष्ट्र सरकार कृषि क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) तकनीक का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में राज्य सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र के लिए एआई नीति के मसौदे पर सलाह-मशवरा किया जा रहा है। यह जानकारी कृषि विभाग के प्रमुख सचिव विकासचंद्र रस्तोगी ने दी।

वह मंत्रालय में आयोजित एक अहम कार्यशाला में बोल रहे थे, जिसका आयोजन कृषि विभाग द्वारा एआई नीति के मसौदे पर चर्चा के लिए किया गया था। रस्तोगी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें दोनों ही किसानों का जीवन बेहतर बनाने के लिए तकनीक आधारित समाधान विकसित करने पर जोर दे रही हैं और महाराष्ट्र सरकार ने भी इस दिशा में ठोस कदम उठाए हैं।

विशेषज्ञों और संस्थानों की व्यापक भागीदारी

इस कार्यशाला में 23 से अधिक संस्थाएं और 35 से अधिक विशेषज्ञ शामिल हुए। इनमें बड़े और मध्यम उद्योग समूह,  स्टार्टअप्स,  बहुराष्ट्रीय कंपनियां और शिक्षाविदों के प्रतिनिधि शामिल थे। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य था — राज्य के कृषि क्षेत्र में एआई तकनीक का प्रभावी उपयोग कैसे हो, इस पर विचार-विमर्श करना।

चर्चा के प्रमुख बिंदु रहे :

  • डेटा की गुणवत्ता और आदान-प्रदान प्रणाली
  • स्थानीय स्तर पर आवश्यक आधारभूत संरचना का विकास
  • किसानों को एआई अपनाने के लिए प्रोत्साहन
  • डेटा मोनेटाइजेशन और स्टार्टअप्स के लिए सक्षम इकोसिस्टम का निर्माण

समग्र, टिकाऊ और स्मार्ट खेती की ओर कदम

एआई नीति के मसौदे में किसानों की हर जरूरत के समाधान के लिए एक व्यापक नीति ढांचा तैयार करने का प्रस्ताव है, जिसमें :

  • उत्पादन में वृद्धि,
  • लागत में कमी, और
  • वास्तविक समय पर डेटा के आधार पर निर्णय क्षमता में सुधार जैसे पहलुओं पर बल दिया गया है।

यह नीति निम्नलिखित उद्देश्यों को प्राप्त करने पर केंद्रित है :

  • विभिन्न डेटासेट्स का एकीकरण
  • टिकाऊ और लचीली खेती को बढ़ावा
  • सप्लाई चेन की दक्षता में सुधार
  • अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा
  • वित्तीय समावेशन और कौशल विकास

इस दौरान डेटा सुरक्षाडेटा की गुणवत्ता, और जोखिम प्रबंधन जैसे अहम मुद्दों पर भी चर्चा की गई। यह विश्वास जताया गया कि एआई की मदद से महाराष्ट्र में कृषि विकास और स्थिरता सुनिश्चित की जा सकती है।

प्रमुख प्रतिभागी

इस कार्यशाला में कई महत्वपूर्ण विशेषज्ञ और संस्थाएं शामिल हुईं, जिनमें शामिल थे :

  • परिमल सिंह, परियोजना संचालक, पोक्रा प्रोजेक्ट
  • संतोष कराड, उप सचिव, कृषि विभाग
  • विश्व बैंकभारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालयविश्व आर्थिक मंचवाधवानी फाउंडेशनगेट्स फाउंडेशन,
  • फ्लिपकार्टमहिंद्रा एंड महिंद्राबायरटाफे,
  • और फाय्लोसैटसुरेइनोसापियन एग्रो टेक्नोलॉजीज जैसी अग्रणी एग्री-टेक कंपनियों के प्रतिनिधि

कार्यशाला में कृषि और तकनीक क्षेत्र की नवोन्मेषी सोच को प्रोत्साहन देने पर विशेष बल दिया गया।

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