राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के अंतर्गत हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाली बसों और ट्रकों के लिए पायलट परियोजनाएं शुरू की गईं
राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के अंतर्गत हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाली बसों और ट्रकों के लिए पायलट परियोजनाएं शुरू की गईं
राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के अंतर्गत सरकार ने बसों और ट्रकों में हाइड्रोजन के उपयोग के लिए पांच पायलट परियोजनाएं शुरू की हैं। इससे पहले नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने इस मिशन के अंतर्गत परिवहन क्षेत्र में पायलट परियोजनाओं को लागू करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे।
इसके अनुसार, विभिन्न प्रकार के हाइड्रोजन आधारित वाहनों, मार्गों और हाइड्रोजन ईंधन भरने वाले स्टेशनों के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए गए थे। विस्तृत जांच के बाद, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने कुल 37 वाहनों (बसों और ट्रकों) और 9 हाइड्रोजन ईंधन भरने वाले स्टेशनों से युक्त पांच पायलट परियोजनाओं को मंजूरी दी है। परीक्षण के लिए चुने जाने वाले वाहनों में 15 हाइड्रोजन ईंधन सेल आधारित वाहन और 22 हाइड्रोजन आंतरिक दहन इंजन आधारित वाहन शामिल हैं। ये वाहन देश भर में 10 अलग-अलग मार्गों, ग्रेटर नोएडा – दिल्ली – आगरा, भुवनेश्वर – कोणार्क – पुरी, अहमदाबाद – वडोदरा – सूरत, साहिबाबाद – फरीदाबाद – दिल्ली, पुणे – मुंबई, जमशेदपुर – कलिंग नगर, तिरुवनंतपुरम – कोच्चि, कोच्चि – एडापल्ली, जामनगर – अहमदाबाद और एनएच -16 विशाखापत्तनम – बय्यावरम पर चलेंगे। यह परियोजनाएं टाटा मोटर्स लिमिटेड, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, एनटीपीसी, एएनईआरटी, अशोक लीलैंड, एचपीसीएल, बीपीसीएल और आईओसीएल जैसी प्रमुख कंपनियों को दी गई हैं।
सरकार चयनित परियोजनाओं के लिए लगभग 208 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। इन पायलट परियोजनाओं के अगले 18-24 महीनों में शुरू होने की संभावना है, जिससे देश में ऐसी प्रौद्योगिकियों के विस्तार का मार्ग प्रशस्त होगा।
इस योजना के अंतर्गत सहायता प्रदान करने का मुख्य क्षेत्र परिवहन क्षेत्र में बसों और ट्रकों में ईंधन के रूप में हाइड्रोजन के उपयोग के लिए व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य प्रौद्योगिकियों का विकास और हाइड्रोजन ईंधन भरने वाले स्टेशनों जैसे सहायक बुनियादी ढांचे का विकास करना है।
मिशन का उद्देश्य बसों और ट्रकों में ईंधन के रूप में चरणबद्ध ढ़ंग से हरित हाइड्रोजन का समर्थन करना है। ये पायलट परियोजनाएं सुरक्षित संचालन कर सकती हैं, हाइड्रोजन-आधारित वाहनों और ईंधन भरने वाले स्टेशनों की प्रभावशीलता का आकलन कर सकती हैं, तकनीकी व्यवहार्यता और प्रदर्शन को मान्य प्रदान कर सकती हैं, और उनकी आर्थिक व्यवहार्यता का मूल्यांकन कर सकती हैं, जिससे वास्तविक दुनिया की परिचालन स्थितियों के अंतर्गत हाइड्रोजन-आधारित वाहन और हाइड्रोजन ईंधन भरने वाले स्टेशन बनाएं जा सकें।
एनजीएचएम के अंतर्गत परिवहन क्षेत्र में ग्रीन हाइड्रोजन के उपयोग के लिए पायलट परियोजनाओं के कार्यान्वयन हेतु योजना दिशानिर्देश यहां देखे जा सकते हैं ।
राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन 04 जनवरी 2023 को वित्त वर्ष 2029-30 तक 19,744 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ शुरू किया गया था । यह मिशन स्वच्छ ऊर्जा के माध्यम से देश के आत्मनिर्भर बनने के लक्ष्य में योगदान देगा और वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा के लिए प्रेरणा का काम करेगा। इस मिशन से जीवाश्म ईंधन के आयात पर निर्भरता कम होगी और देश को हरित हाइड्रोजन में प्रौद्योगिकी और बाजार में अग्रणी भूमिका हासिल करने में मदद मिलेगी।
Post Comment