देश को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री मोदी के संकल्प को सशक्त करने वाला बजट : उपमुख्यमंत्री तथा वित्त एवं योजना मंत्री अजीत पवार
देश को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री मोदी के संकल्प को सशक्त करने वाला बजट : उपमुख्यमंत्री तथा वित्त एवं योजना मंत्री अजीत पवार
“महाराष्ट्र अब नहीं रुकेगा…, विकास अब नहीं टलेगा…”
बजट पेश करते हुए उपमुख्यमंत्री अजीत पवार का संकल्प
कृषि, कृषि सहायक क्षेत्र, उद्योग, व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, बुनियादी ढांचा, सामाजिक विकास क्षेत्रों के लिए भारी प्रावधान
‘विकसित भारत-विकसित महाराष्ट्र‘ के सपने को साकार करने वाला बजट
मुंबई, मार्च (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
“महाराष्ट्र अब नहीं रुकेगा…, विकास अब नहीं टलेगा…” ऐसा कहते हुए कृषि, कृषि सहायक क्षेत्र, उद्योग, व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, बुनियादी ढांचा, सामाजिक विकास जैसे कई क्षेत्रों के लिए भारी प्रावधान किया गया है। यह बजट ‘विकसित भारत-विकसित महाराष्ट्र‘ के सपने को साकार करने वाला है। इससे घरेलू और विदेशी निवेश को बढ़ावा मिलेगा, रोजगार और स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे। राज्य विधानसभा चुनावों में मतदाताओं द्वारा जताए गए विश्वास को सार्थक करने में यह बजट सफल होगा, ऐसा विश्वास उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने अपना ग्यारहवां बजट विधानसभा में प्रस्तुत करते हुए व्यक्त किया। वहीं, विधान परिषद में वित्त राज्य मंत्री आशीष जयसवाल ने यह बजट प्रस्तुत किया।
उपमुख्यमंत्री तथा वित्त एवं योजना मंत्री अजीत पवार ने वर्ष 2025-26 का बजट विधानसभा में पेश किया। बजट भाषण की शुरुआत में उन्होंने महाराष्ट्र के आराध्य देवता, युगपुरुष छत्रपति शिवाजी महाराज, स्वराज्यरक्षक छत्रपति संभाजी महाराज, स्वराज्य जननी माता जिजाऊ, छत्रपति राजर्षि शाहू महाराज, क्रांतिसूर्य महात्मा ज्योतिराव फुले, महामानव भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर, पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होल्कर, क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले, साहित्यरत्न लोकशाहीर अण्णाभाऊ साठे का स्मरण किया। साथ ही, सिखों के नौवें गुरु, श्री गुरु तेग बहादुर की शहादत के 350वें वर्ष का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि स्वराज्य सौदामिनी महारानी ताराबाई की 300वीं जयंती और पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होल्कर की 300वीं जयंती का यह स्वर्ण जयंती वर्ष है। इसके अलावा, भारतीय संविधान को 75 वर्ष पूरे होने पर भी उन्होंने कृतज्ञता व्यक्त की।
राज्य में निवेश के अनुकूल वातावरण होने की बात कहते हुए उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है। इस संकल्प को सशक्त करने वाला वर्ष 2025-26 का बजट है। औद्योगिक विकास में महाराष्ट्र सदैव अग्रणी रहा है और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के मामले में भी राज्य देश में सबसे आगे है। जनवरी 2025 में दावोस में आयोजित वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में राज्य सरकार ने कुल 63 कंपनियों के साथ समझौता किया। इन समझौतों के तहत आने वाले समय में 15 लाख 72 हजार 654 करोड़ रुपये का निवेश होने की संभावना है। इससे करीब 16 लाख रोजगार उत्पन्न होने का अनुमान है।
वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू होने से पहले राज्य कर विभाग द्वारा संचालित विभिन्न कर कानूनों के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के बकाया करों के समाधान के लिए ‘अभय योजना‘ की घोषणा उपमुख्यमंत्री ने बजट में की। इस योजना का नाम “महाराष्ट्र कर, ब्याज, शास्ति या विलंब शुल्क (सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों द्वारा देय) बकाया समाधान अधिनियम, 2025″ रखा गया है। यह अभय योजना प्रस्तावित कानून लागू होने की तारीख से 31 दिसंबर 2025 तक प्रभावी रहेगी।
मुख्य विशेषताएँ :
राजकोषीय उत्तरदायित्व और वित्तीय प्रबंधन :
राज्य सरकार ने राजकोषीय घाटे को सकल राज्य उत्पादन (GSDP) के 3% से कम बनाए रखने में सफलता प्राप्त की है।
लगातार, राज्य का राजस्व घाटा GSDP के 1% से कम रहा है।
वर्ष 2025-26 के लिए अनुमानित राजकोषीय घाटा ₹1,36,235 करोड़ है।
आर्थिक सुधार और पूंजीगत व्यय :
पूंजीगत व्यय को बढ़ाकर राज्य के विकास दर में वृद्धि करने का प्रयास किया जा रहा है।
मुंबई महानगर क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को वर्ष 2030 तक $300 बिलियन और 2047 तक $1.5 ट्रिलियन तक पहुँचाने का लक्ष्य है।
मुंबई महानगर क्षेत्र में प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाएं, जैसे कि वडावण बंदरगाह, नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, बुलेट ट्रेन, मल्टी-मॉडल कॉरिडोर, भूमिगत मार्ग और मेट्रो परियोजनाएं, इस क्षेत्र को विकास का केंद्र बनाएंगी।
“मेक इन महाराष्ट्र” योजना :
“विकसित भारत- विकसित महाराष्ट्र” को साकार करने के लिए महाराष्ट्र की नई औद्योगिक नीति बनाई जाएगी।
अगले 5 वर्षों में 40 लाख करोड़ का निवेश और 50 लाख नए रोजगार सृजित करने का लक्ष्य है।
कृषि क्षेत्र में सुधार :
पिछले वर्ष कृषि क्षेत्र की विकास दर 3.3% थी, जो 2024-25 में बढ़कर 8.7% हो गई है।
किसानों की आय बढ़ाने, कृषि उत्पादों का मूल्य संवर्धन करने, सिंचाई सुविधाओं का विस्तार करने और सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए ठोस उपाय किए जाएंगे।
केंद्र प्रायोजित योजनाओं से अधिक निधि प्राप्त करने के प्रयास :
राज्य को अधिक केंद्रीय सहायता प्राप्त करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे।
जीएसटी राजस्व में वृद्धि :
राज्य को वस्तु एवं सेवा कर (GST) से होने वाले राजस्व में प्रतिवर्ष 12-14% की वृद्धि हो रही है।
महत्वाकांक्षी योजनाओं के लिए वित्तीय समर्थन :
केंद्र सरकार की सहायता, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों का सहयोग, सार्वजनिक संपत्ति का मुद्रीकरण और बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट जैसी नई पहलें अपनाई जाएंगी।
परिवहन और बुनियादी ढांचे में निवेश :
राज्य के राजमार्गों, बंदरगाहों, हवाई अड्डों, जलमार्गों, बस परिवहन, रेलवे और मेट्रो नेटवर्क के लिए पर्याप्त बजटीय प्रावधान किए गए हैं।
ग्रामीण और शहरी आवास योजना:
ग्रामीण आवास योजनाओं के लिए ₹15,000 करोड़ और शहरी आवास योजनाओं के लिए ₹8,100 करोड़ की निधि आवंटित की गई है।
अगले 5 वर्षों में “सभी के लिए घर” लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नई आवास नीति जल्द घोषित की जाएगी।
सामाजिक कल्याण योजनाओं में वृद्धि :
वार्षिक योजना में ₹62,560 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 33% अधिक है।
अनुसूचित जाति उपयोजना के लिए 42% और आदिवासी घटक योजना के लिए 40% की वृद्धि की गई है।
योजनाओं का मूल्यांकन और संसाधन प्रबंधन :
मौजूदा योजनाओं का मूल्यांकन करके उनके सुचारू संचालन के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है।
संसाधनों के स्रोतों की समीक्षा कर उन्हें बढ़ाने के उपाय किए जाएंगे।
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) का विस्तार :
व्यक्तिगत लाभार्थी योजनाओं को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए 1 अप्रैल 2025 से सभी लाभ DBT प्रणाली के माध्यम से ही वितरित किए जाएंगे।
संस्कृति और विरासत संरक्षण :
राज्य के सांस्कृतिक धरोहरों की रक्षा के लिए विभिन्न स्मारकों, तीर्थस्थलों और पर्यटन स्थलों के विकास हेतु पर्याप्त बजटीय प्रावधान किए गए हैं।
जल पर्यटन को बढ़ावा :
राज्य में जल पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न नई परियोजनाओं की शुरुआत की जाएगी।
खेल विकास :
खेलों के लिए बुनियादी ढांचा विकसित करने और खिलाड़ियों को सहयोग देने के लिए नई योजनाएं और वित्तीय प्रावधान किए गए हैं।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में सुधार:
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना और PDS प्रणाली को स्मार्ट PDS और ब्लॉकचेन तकनीक के माध्यम से अधिक पारदर्शी बनाया जाएगा।
सहकारिता क्षेत्र को बढ़ावा:
अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के अवसर पर महाराष्ट्र के सहकारिता क्षेत्र को मजबूत करने के लिए विभिन्न महोत्सव और कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
सार्वजनिक स्वास्थ्य नीति :
हर नागरिक को 5 किलोमीटर के भीतर उच्च गुणवत्ता वाली प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए नई सार्वजनिक स्वास्थ्य नीति बनाई जाएगी।
शिक्षा और महिला सशक्तिकरण:
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) को प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा।
लड़कियों को व्यावसायिक शिक्षा में प्रोत्साहित करने के लिए उनकी शिक्षा और परीक्षा शुल्क का 100% भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।
न्यायिक प्रणाली का सशक्तिकरण :
लंबित कानूनी मामलों के त्वरित निपटारे के लिए न्यायालयों के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ किया जाएगा।
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