माथाडी संगठनों की मांगों पर सरकार का सकारात्मक रुख : श्रम मंत्री एडवोकेट आकाश फुंडकर
माथाडी संगठनों की मांगों पर सरकार का सकारात्मक रुख : श्रम मंत्री एडवोकेट आकाश फुंडकर
मुंबई, फरवरी (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
माथाडी कानून ने कई माथाडी कामगारों को न्याय दिलाया है और उनके जीवन को सुगम बनाया है। यह कानून सिर्फ एक अधिनियम नहीं, बल्कि एक आंदोलन है। माथाडी कामगारों की समस्याओं के समाधान के लिए सरकार माथाडी संगठनों की मांगों को सकारात्मक रूप से देख रही है, ऐसा श्रम मंत्री एडवोकेट आकाश फुंडकर ने कहा।
सह्याद्री अतिथि गृह में माथाडी कामगारों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए बैठक आयोजित की गई। इसमें श्रम विभाग के प्रधान सचिव आई.ए. कुंदन, श्रम आयुक्त डॉ. एच.पी. तुम्मोड, उपसचिव स्वप्नील कापडणीस, अवर सचिव दिलीप वणीरे, सहआयुक्त शिरीन लोखंडे, महाराष्ट्र राज्य माथाडी, ट्रांसपोर्ट और जनरल कामगार यूनियन के महासचिव नरेंद्र पाटिल, महाराष्ट्र राज्य हमाल मापाडी महामंडल के बाबासाहेब आढाव सहित विभिन्न यूनियन के पदाधिकारी उपस्थित थे।
माथाडी कानून समाप्त नहीं होगा
मंत्री फुंडकर ने कहा कि माथाडी कानून को रद्द करने की अफवाहें गलत हैं और उन पर विश्वास नहीं करना चाहिए। यह कानून केवल महाराष्ट्र में लागू है और इसे समाप्त नहीं किया जाएगा। सरकार सभी संबंधित पक्षों से चर्चा कर इस संदर्भ में सकारात्मक कदम उठाएगी।
नियुक्तियों में आंशिक न्याय
सरकार माथाडी सलाहकार समिति का पुनर्गठन करेगी और अनुभवी श्रमिक नेताओं को इसमें सदस्य के रूप में नियुक्त किया जाएगा। विभिन्न माथाडी मंडलों में कार्यालयीन सेवाओं में माथाडी कामगारों के बच्चों को प्राथमिकता देने के लिए आंशिक प्रावधान किया गया है। इस प्रावधान के तहत, माथाडी कामगारों के बच्चों को नियुक्तियों में आंशिक रूप से न्याय मिलेगा, ऐसा मंत्री फुंडकर ने कहा।
माथाडी मंडलों के साथ विभागवार संवाद
माथाडी कामगारों की समस्याओं को हल करने के लिए सरकार माथाडी मंडलों के साथ विभागवार संवाद करेगी। प्रत्येक मंडल के लिए अलग-अलग बैठकें आयोजित कर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा, सुरक्षा गार्डों की समस्याओं पर भी विचार किया जाएगा और समाधान निकाला जाएगा, फुंडकर ने कहा।
इस बैठक में अखिल भारतीय माथाडी ट्रांसपोर्ट और जनरल कामगार यूनियन, महाराष्ट्र माथाडी और जनरल कामगार यूनियन, ट्रांसपोर्ट एंड डॉक वर्कर्स यूनियन, सुरक्षा गार्ड कामगार यूनियन, अखिल महाराष्ट्र माथाडी, ट्रांसपोर्ट और जनरल कामगार यूनियन के पदाधिकारी उपस्थित थे।
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