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के.जे. शैक्षणिक संकूल में ग्रेविटी टेक्निकल एक्सपो 2025 का आयोजन

के.जे. शैक्षणिक संकूल में ग्रेविटी टेक्निकल एक्सपो 2025 का आयोजन

के.जे. शैक्षणिक संकूल में ग्रेविटी टेक्निकल एक्सपो 2025 का आयोजन

के.जे. शैक्षणिक संकूल में ग्रेविटी टेक्निकल एक्सपो 2025 का आयोजन

हड़पसर फरवरी (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
पुणे के के.जे. शैक्षणिक संकूल में 9वें राष्ट्रीय स्तर के तकनीकी सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस तकनीकी सम्मेलन के अंतर्गत आयोजित विभिन्न तकनीकी गतिविधियों की प्रतियोगिता में इंजीनियरिंग, फार्मेसी, आर्किटेक्चर, डिप्लोमा इंजीनियरिंग, एमबीए, शाखाओं के 2000 से अधिक छात्रों ने भाग लिया।

इसमें मुख्य रूप से कोडिंग, लेथ वॉर, सिविल कैड, फार्मास्युटिकल फॉर्मूलेशन, बिजनेस मॉडल, ट्रेजर हंट, इनोवेटिव आइडिया, क्विज मास्टर्स जैसे 19 तकनीकी कार्यक्रम शामिल थे। इस टेक्निकल एक्सपो में विद्यार्थियों को और अधिक प्रोत्साहित करने के लिए तकनीकी स्पर्धाओं के विजेताओं को डेढ़ लाख से अधिक नकद पुरस्कार दिये गये। साथ ही बेस्ट इनोवेटिव पोस्टर के लिए विजेताओं को 15,000 रुपये का नकद पुरस्कार भी दिया गया।

इस कॉन्फ्रेंस का संचालन एवं आयोजन के.जे. कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के प्राचार्य डॉ. सुहास खोत के मार्गदर्शन में किया गया था। इस सम्मेलन के मुख्य अतिथि के रूप में टाटा मोटर्स के वरिष्ठ प्रबंधक श्री मनोज बडवे और सीओईपी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के ग्राहक संबंध अधिकारी डॉ.पी.एस. रेवनकर उपस्थित थे।

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मुख्य अतिथि टाटा मोटर्स के वरिष्ठ प्रबंधक श्री मनोज बडवे ने कहा कि छात्रों को यथासंभव प्रौद्योगिकी विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और इंजीनियरिंग में नए अवसरों की तलाश करते रहना चाहिए, अच्छे इंजीनियरों के लिए इलेक्ट्रिक वाहन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन लर्निंग में हमेशा प्रचुर अवसर होंगे।

सीओईपी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के ग्राहक संबंध अधिकारी डॉ.पी.एस. रेवनकर ने उपस्थित विद्यार्थियों को मार्गदर्शन करते हुए कहा कि तकनीकी रूप से सक्षम शिक्षण संस्थान अच्छे इंजीनियर तैयार करते हैं और ये इंजीनियर ऐसे संस्थानों की पहचान बनते हैं। छात्रों को नियमित सामाजिक घटक पर काम करना चाहिए, मूल्यों को विकसित करना चाहिए, आत्म-प्रेरित होना चाहिए और प्रतिकूल परिस्थितियों पर विजय पाना चाहिए।

इंजीनियरिंग के छात्रों को ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं को समझकर उन पर शोध करना चाहिए, उनसे उपयोगी परियोजनाएँ बनानी चाहिए और साथ ही कृषि तकनीक भी विकसित करनी चाहिए और उस पर लगातार काम करना चाहिए। भविष्य में एक निर्मित परियोजना को व्यवसाय में बदला जा सकता है इस पर भी छात्रों को विचार करना चाहिए। यह अपील के.जे. शैक्षणिक संस्था के संस्थापक अध्यक्ष श्री कल्याणराव जाधव ने छात्रों से की।

के.जे. शैक्षणिक संकूल के कार्यकारी संचालक मेजर जनरल समीर कल्ला ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि यह एक राष्ट्रीय प्राथमिकता है और छात्रों को देश की सक्षमता के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए और तकनीकी रूप से सक्षम बनकर इसमें योगदान देना चाहिए।

के.जे. शैक्षणिक संकूल के तकनीकी निदेशक डॉ. अजय फुलंबरकर ने कहा कि एक इंजीनियर के रूप में हमें अपनी जिम्मेदारी, अपना कर्तव्य समझना चाहिए और इंजीनियरिंग न केवल एक तकनीकी शिक्षा है बल्कि समाज में रेखांकित करने योग्य मूल्य भी है। इसे बचाए रखना विद्यार्थियों के ही हाथ में है।

के.जे. शैक्षणिक संकूल के छात्र विकास और कल्याण के अधिष्ठाता डॉ. हेमंत देशमुख ने विद्यार्थियों से बातचीत करते हुए कहा कि विचार क्रिया से जुड़े होते हैं यह वास्तविकता है और छात्रों को हमेशा रचनात्मक होना चाहिए और उनमें कुछ नया करने की प्रवृत्ति होनी चाहिए।

ग्रेविटी जैसे तकनीकी सम्मेलनों के आयोजन का मुख्य उद्देश्य छात्रों को विभिन्न तकनीकी गतिविधियों में भाग लेने के लिए एक मंच देना है और साथ ही इंजीनियरों के रूप में उनका आत्मविश्वास बढ़ाना है। यह विश्वास के. जे. अभियांत्रिकी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुहास खोत ने छात्रों को संबोधित करते हुए व्यक्त किया।

खासतौर पर इस समय संकुल के छात्रों ने व्यक्तिगत अनुभव के माध्यम से तकनीकी प्रदर्शनी ग्रेविटी के महत्व पर भी प्रकाश डाला। 9वें राष्ट्रीय स्तर के तकनीकी सम्मेलन के आयोजक के.जे. कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, पुणे था जबकि डॉ.प्रमोद चव्हाण ने इस सम्मेलन के आयोजक की भूमिका निभाई।

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