निवेशकों को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार के विविध उपक्रम

निवेशकों को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार के विविध उपक्रम

निवेशकों को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार के विविध उपक्रम

निवेशकों को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार के विविध उपक्रम
वैश्विक, प्रादेशिक ट्रेंड से सुसंगत निवेश नीति तैयार करने पर ज़ोर : मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
निवेशकों की मदद के लिए ‘कंट्री डेस्क’ विशेष कक्ष

मुंबई, दिसंबर (महासंवाद)
देश-विदेशों के निवेशकों को महाराष्ट्र में निवेश हेतु आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार के जरिये अब विविध उपक्रम चलाए जायेंगे। देश-विदेश के निवेशकों के लिए निवेशकों के प्रस्तावों के लिए उन्हें सलाह और मदद के लिए ‘कंट्री डेस्क’ विशेष कक्ष की स्थापना की जाएगी। नए निवेशकों के लिए वैश्विक और प्रादेशिक निवेशक व्यापार समेत सुसंगत नीति तैयार करने पर ज़ोर दिया जाएगा। यह जानकारी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दी है।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार व प्रमुख उद्योग गटों में समन्वय बढ़ाने की दृष्टि से औद्योगिक समन्वय सुधारणा होने के लिए प्रयास किए जायेंगे। महाराष्ट्र में प्राथमिकता से निवेश हों, इसके लिए संभावित निवेशकों के साथ संवाद प्रस्थापित किया जा रहा है। इसके द्वारा निवेशकों की दृष्टि से निरंतर सहयोग भी किया जाएगा। आज तक हुये सामंजस्य करारों का (चेणी) क्रियान्वयन तेजी से किया जाएगा। इसके साथ ही महाराष्ट्र के निवेश अवसरों को लेकर जागरूकता निर्माण किए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि इसके अंतर्गत बहुपक्षीय संस्थाओं और विकास बैंकों से सहयोग बढ़ाना, दूतावास व व्यापार संगठनों से समन्वय बढ़ाना, महाराष्ट्र के मराठी प्रवासी समुदाय को निवेश के लिए प्रोत्साहन देना और इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़ा, ऑटोमोबाइल और औषधनिर्माण ऐसे विभिन्न क्षेत्रों को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी।

इन नई योजनाओं के क्रियान्वयन में महाराष्ट्र औद्योगिक विकास महामंडल (चखऊउ), मैत्री व उद्योग संचालनालय सक्रिय भूमिका निभाएंगे।

विशेष मुद्दे…
– निवेशकों को उद्योग प्रस्तावों में मदद करने के लिए ‘कंट्री डेस्क’ विशेष कक्ष।
– वैश्विक और प्रादेशिक ट्रेंड से सुसंगत नई निवेश नीति।
– शासन और प्रमुख औद्योगिक संस्थाओं में समन्वय बढ़ाना।
– निवेश की प्रक्रिया में निवेशकों को निरंतर आवश्यक सहयोग करना।
– सामंजस्य करारों की पहल और उसके क्रियानव्यन की गति सुधारना।
– राज्य के निवेश के अवसरों को लेकर जागरूकता निर्माण करना।
– बहुपक्षीय संस्था और विकास बैंकों के साथ काम करना।
– दूतावास और व्यापारी संगठनाओं के साथ समन्वय बढ़ाना।
– विशेषतः देश-विदेशों के महाराष्ट्रीयन उद्योजक को महाराष्ट्र में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करना।
– इलेक्ट्रॉनिक्स, टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल्स, फार्मास्युटिकल्स जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना।

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