अस्तित्व कला मंच ने आदिवासी बहनों के साथ मनाया स्नेह का त्यौहार भाईदूज

अस्तित्व कला मंच ने आदिवासी बहनों के साथ मनाया स्नेह का त्यौहार भाईदूज

अस्तित्व कला मंच ने आदिवासी बहनों के साथ मनाया स्नेह का त्यौहार भाईदूज

अस्तित्व कला मंच ने आदिवासी बहनों के साथ मनाया स्नेह का त्यौहार भाईदूज

हड़पसर, नवंबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
हर साल की तरह अस्तित्व कला मंच की ओर से भाईदूज मनाने की परंपरा है, लेकिन इस साल का उत्सव एक अलग अनुभव से भरा था। इस वर्ष, दूर-दराज के आदिवासी क्षेत्रों में बहनों के साथ बंधन के प्रतीक के रूप में येलवाडी (भोरगिरि) और वाडा खेड़ की आदिवासी बहनों के साथ भाईदूज मनाया गया। उन्हें चीनी और साड़ियाँ उपहार में देकर उनके त्यौहार को मिठास और स्नेह के साथ मनाने की कोशिश की। आदिवासी बहनों के साथ मनाए गए भाईदूज की खुशी अविस्मरणीय थी, जो हमारी संस्कृति, प्रेम और एकता की मधुर पहचान को मजबूत करती है। यह जानकारी योगेश गोंधले ने दी।

इस साल की खास बात यह है कि यह भाईदूज पहली बार खुले आसमान के नीचे, पहाड़ों की गोद में, आजादी के आसमान में मनाई गई। इस बार लगभग 60-70 महिलाओं ने भाईदूज में भाग लिया। उपस्थित बहनों को चीनी और साड़ी देकर सम्मानित किया गया।
इस पहल के लिए योगेश ससाणे, योगेश गोंधले, दीपक कुदले, विजय तारू, नीता तारू, मच्छिंद्र जगदाले, डॉ. अश्विनी शेंडे, श्रुतिका चौधरी, सुदीप कुदले, अश्विनी सुपेकर, अपेक्षा इंगोले, रूपाली पाबल, श्वेता कुंजीर, धनश्री कुलकर्णी का विशेष योगदान रहा है।

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