राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप मामलों के क्रियान्वयन हेतु विश्वविद्यालय के प्रयास सराहनीय : राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप मामलों के क्रियान्वयन हेतु विश्वविद्यालय के प्रयास सराहनीय : राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन

सीओईपी तकनीकी विश्वविद्यालय का पहला स्नातक समारोह संपन्न

पुणे, अगस्त (जिमाका)
अनुसंधान संचालित शिक्षा, अंतःविषय शिक्षा व शैक्षिक मामलों के लिए उद्योग के साथ सहयोग की राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के लिए सीओईपी तकनीकी विश्वविद्यालय के प्रयास सराहनीय हैं। यह गौरवोद्गार राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने व्यक्त किए।

सीओईपी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के पहले स्नातक समारोह में राज्यपाल बोल रहे थे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शासी निकाय के अध्यक्ष डॉ. प्रमोद चौधरी, कुलपति प्रो.डॉ. सुनील भिरूड, कुलसचिव डॉ. दयाराम सोनवणे,परीक्षा एवं मूल्यांकन मंडल के निदेशक डॉ.यशोधरा हरिभक्त एवं अन्य उपस्थित थे।

IMG-20240828-WA0353-300x181 राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप मामलों के क्रियान्वयन हेतु विश्वविद्यालय के प्रयास सराहनीय : राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन
सीओईपी संस्था शैक्षिक उत्कृष्टता का एक प्रतीक है, संस्थान के पहले स्नातक समारोह में भाग लेकर खुश हूं यह कहते हुए राज्यपाल राधाकृष्णन ने कहा, ‘पूर्व का ऑक्सफोर्ड’ और राज्य की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में परिचित पुणे लंबे समय से शिक्षा का घर है। यह संस्था न केवल शहर में बल्कि राज्य और देश भर में तकनीकी नवाचार और अकादमिक उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में अपनी विशिष्ट प्रतिष्ठा बनाए रखते हुए आगे बढ़ रहा है।

तकनीकी उन्नति, शिक्षा, अनुसंधान और विशेष रूप से महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में सीओईपी ने काफी प्रगति की है। महिला सशक्तिकरण के प्रति विश्वविद्यालय की दृढ़ प्रतिबद्धता स्नातक होनेवाली लड़कियों की उल्लेखनीय संख्या से स्पष्ट है। राज्यपाल ने यह भी कहा कि स्नातक समारोह में एक महिला को दीक्षांत समारोह का नेतृत्व करते देखना महिलाओं को विद्वानों, नेताओं और परिवर्तन निर्माताओं के रूप में फलने-फूलने के लिए एक समावेशी वातावरण को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय के समर्पण को दर्शाता है।

IMG-20240828-WA0355-300x157 राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप मामलों के क्रियान्वयन हेतु विश्वविद्यालय के प्रयास सराहनीय : राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन
आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि ‘स्टडी इन इंडिया’ पहल के माध्यम से भारत के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ दुनिया भर के देशों के छात्रों का स्वागत करके विविधता को बढ़ावा देने के विश्वविद्यालय के प्रयास विशेष मान्यता के पात्र हैं। यह समृद्ध विविधता न केवल छात्रों के शैक्षिक अनुभव को बढ़ाती है बल्कि उन्हें वैश्विक नागरिक बनने, सीमाओं की बाधाओं को दूर करने और चुनौतियों का सामना करने के लिए भी तैयार करती है। उन्होंने यह भी कहा कि सीओईपी जैसे संस्थानों के माध्यम से हम एक आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करेंगे, जहां ज्ञान व कौशल विकास साथ-साथ चलते हैं, जो हमारे युवाओं को प्रगति व परिवर्तन के अग्रदूत बनने के लिए सशक्त बनाते हैं।

IMG-20240828-WA0356-300x171 राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप मामलों के क्रियान्वयन हेतु विश्वविद्यालय के प्रयास सराहनीय : राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन
राज्यपाल ने आदिवासी विश्वविद्यालय की स्थापना की जानकारी देते हुए कहा, इस विश्वविद्यालय का उद्देश्य आदिवासियों को सिर्फ अपने पास रखना नहीं बल्कि उनमें दुनिया से मुकाबला करने की क्षमता विकसित करना होना चाहिए।

हमारे देश की अर्थव्यवस्था वर्तमान में दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और 2047 तक इसे दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का प्रयास है। इसके लिए आप जैसे प्रशिक्षित व उच्च शिक्षित विद्यार्थियों से बहुत अपेक्षा है और आप विकसित भारत के निर्माण में अपना योगदान अवश्य देंगे, यह विश्वास राज्यपाल ने इस अवसर पर व्यक्त किया।

राज्यपाल ने कहा, पूरे देश में शिक्षा प्रणाली में आमूलचूल सुधारों के संदर्भ में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को प्रतिक्रिया मिल रही है। आज दुनिया तेजी से बदल रही है, हम वर्षों तक एक ही पाठ्यक्रम को जारी नहीं रख सकते। पाठ्यक्रम बाजार की जरूरतों और मांगों के अनुरूप होना चाहिए। लिखित पाठ्यक्रम (थिअरी) व प्रैक्टिकल के बीच बहुत करीबी समन्वय आवश्यक है। विभिन्न विषयों में रुचि रखनेवाले छात्रों को विभिन्न संकायों के पाठ्यक्रम को सीखने में सक्षम होना चाहिए।

शिक्षा, नवाचार और सांस्कृतिक विकास में महाराष्ट्र हमेशा अग्रणी रहा है। छात्र अपनी पेशेवर जीवन यात्रा शुरू करते हुए इस राज्य की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए राज्य के विकास और समृद्धि में योगदान देंगे। यह अपेक्षा भी राज्यपाल ने व्यक्त की।

भारत दुनिया का सबसे युवा देश बनकर उभरा है और यही उसकी सबसे बड़ी ताकत है। यह ताकत वैश्विक नेता बनने की हमारी क्षमता को बढ़ाती है। हालाँकि, देश के सामने गरीबी, बेरोजगारी, ऊर्जा, पानी की कमी और सुरक्षा जैसी चुनौतियाँ भी हैं और इन्हें दूर करने के लिए नवाचार, अनुसंधान, उद्यमिता आदि का उपयोग किया जाना चाहिए।

देश के अंतर्गत मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते समय हमें यह याद रखना चाहिए कि हम सिर्फ देश के नहीं बल्कि दुनिया के नागरिक हैं। हमारी आनेवाली पीढ़ियों के लिए यह जरूरी है कि वे वैश्विक स्तर पर जिन समस्याओं का सामना कर रहे हैं, उन्हें हल करने के लिए वैश्विक नागरिक के रूप में कार्य करें।

इस अवसर पर डॉ. प्रमोद चौधरी ने कहा सीओईपी की एक लंबी परंपरा है और छात्रों का निर्माण विशिष्ट मूल्यों पर होता है। यहां पढ़नेवाला छात्र तकनीकी कौशल के साथ-साथ कल भारत का एक जिम्मेदार नागरिक भी बनेगा, इसे ध्यान में रखकर इसे बनाया गया है। सीओईपी छात्रों ने समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योगदान दिया है।

इस अवसर पर कुलपति डॉ. सुनील भिरूड ने सीओईपी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की भविष्य की गतिविधियों के बारे में जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय की रिपोर्ट पढ़ी। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा, आज के स्नातक समारोह में विश्वविद्यालय के 246 स्नातकोत्तर छात्रों को डिग्री प्रदान की जा रही है व विभिन्न विभागों में प्रथम प्रदर्शन करनेवाले 12 छात्रों को रैंक प्रमाण पत्र से सम्मानित किया जा रहा है। इसके अलावा 777 स्नातक छात्रों को उत्तीर्ण प्रमाणपत्र, 9 स्नातक छात्रों को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए स्वर्ण पदक से सम्मानित किया जा रहा है।
कार्यक्रम में विभिन्न संकायों के अधिष्ठाता, प्रोफेसर, विद्यार्थी उपस्थित थे।

Spread the love
Previous post

विपरीत परिस्थितियों से आनेवाले छात्रों को महाराष्ट्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग का हमेशा सहयोग : एडवोकेट सुसीबेन शहा

Next post

शिवाजीनगर में पंडित दीनदयाल उपाध्याय रोजगार मेले का आयोजन : जिलाधिकारी डॉ.सुहास दिवसे

Post Comment