विपरीत परिस्थितियों से आनेवाले छात्रों को महाराष्ट्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग का हमेशा सहयोग : एडवोकेट सुसीबेन शहा

विपरीत परिस्थितियों से आनेवाले छात्रों को महाराष्ट्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग का हमेशा सहयोग : एडवोकेट सुसीबेन शहा

विपरीत परिस्थितियों से आनेवाले छात्रों को महाराष्ट्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग का हमेशा सहयोग : एडवोकेट सुसीबेन शहा

पुणे, अगस्त (जिमाका)
विपरीत परिस्थितियों पर विजय प्राप्त कर सफलता प्राप्त करनेवाले छात्र आगे बढ़ने के लिए महाराष्ट्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग हमेशा सहयोग करेगा। यह प्रतिपादन महाराष्ट्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षा एडवोकेट सुसीबेन शहा ने व्यक्त किया।

महिला एवं बाल विकास विभाग और होप फॉर चिल्ड्रेन फाउंडेशन के सहयोग से येरवडा के अण्णा भाऊ साठे सभागृह में आयोजित पुणे विभाग के बालगृह व निरीक्षणगृह के कक्षा 10वीं व 12वीं उत्तीर्ण मेधावी छात्रों के सम्मान समारोह में वे बोल रही थीं। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास आयुक्त डॉ. प्रशांत नारनवरे, विभागीय उपायुक्त संजय माने, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य एडवोकेट संजय सिंघल, चैतन्य पुरंदरे, एडवोकेट जयश्री पालवे, होप फॉर द चिल्ड्रेन फाउंडेशन की संस्थापक डॉ. कैरोलीन ऑडॉयर डी कॉल्टर आदि उपस्थित थे।

एडवोकेट शहा ने कहा कि 21वीं सदी में खुद को आगे बढ़ाने के लिए खुद में ऐसा ही दृढ़ संकल्प, दृढ़ता और कड़ी मेहनत के लिए खुद को तैयार करें। हमेशा सक्रिय रहें, पढ़ते रहें। विभिन्न खेलों से शरीर मजबूत होता है इसलिए हर किसी को कम से कम एक खेल अवश्य खेलना चाहिए। हमारे ज्ञान का उपयोग विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष कर रहे विद्यार्थियों को करना चाहिए।

डॉ. शहा ने कहा, अपनी गरिमा और आत्मविश्वास के लिए पढ़ाई जारी रखें। हमें इस प्रकार कार्य करना चाहिए कि देश की प्रगति में हमारा योगदान बना रहे। बेहतर समाज बनाने के लिए काम करते रहें। यदि आपको कोई समस्या है तो बाल गृह एवं संप्रेक्षण गृह के अधीक्षक से चर्चा करें। महाराष्ट्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग हमेशा आपके साथ मजबूती से खड़ा है।

डॉ. नारनवरे ने कहा कि बच्चों के हित को ध्यान में रखते हुए बाल अधिकार संरक्षण आयोग महिला एवं बाल विकास विभाग को सदैव जागृत करने का कार्य कर रहा है। विभाग की ओर से शिशु देखभाल योजना के तहत एक साल में 1 लाख 25 हजार से अधिक लाभार्थियों को लाभ दिया गया है। सूचना और प्रौद्योगिकी के युग में छात्रों को पढ़ाई में सक्षम बनाने के लिए पुणे, नासिक, नागपुर, पालघर जैसे शहरों में कम्प्यूटरीकृत प्रयोगशालाएं (डिजिटल लैब) संचालित करने के आदेश दिए गए हैं। अनाथ बच्चों को एक प्रतिशत आरक्षण दिया गया है और इसका लाभ उठाकर 273 विद्यार्थी सरकारी सेवा में आये हैं।

छत्रपति शिवाजी महाराज खेल प्रबोधिनी को उल्हासनगर में स्थापित किया जा रहा है और यहां बाल गृह व अवलोकन केंद्र के छात्रों को अग्निशामक, पुलिस कांस्टेबल आदि की भर्ती प्रक्रिया के बारे में मार्गदर्शन किया जाएगा। विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी प्राप्त करने के लिए एक ऐप विकसित किया जा रहा है। डॉ. नारनवरे ने आश्वासन दिया कि महिला एवं बाल विकास विभाग मुख्यमंत्री कार्य प्रशिक्षण योजना सहित विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाकर विद्यार्थियों का जीवनस्तर ऊंचा उठाने का प्रयास करता रहेगा।

श्री पुरंदरे ने कहा कि आयोग समाज में जागरूक नागरिक तैयार करने और विपरीत परिस्थितियों पर अंकुश लगाने के लिए भी काम कर रहा है।
एडवोकेट पालवे ने कहा कि सरकारी व्यवस्था प्रकाशरुपी दीपक की तरह रोशनी दे रही है, हमें इस रोशनी का लाभ लेकर ऐसे ही प्रगति करते रहना चाहिए।
डॉ. कॅरोलिन ने अपना मनोगत व्यक्त किया। श्री माने ने कार्यक्रम का प्रास्ताविक किया।

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