ओम बिरला फिर से चुने गए लोकसभा अध्यक्ष, ध्वनिमत से निर्वाचित घोषित किया गया

ओम बिरला फिर से चुने गए लोकसभा अध्यक्ष, ध्वनिमत से निर्वाचित घोषित किया गया

ओम बिरला फिर से चुने गए लोकसभा अध्यक्ष, ध्वनिमत से निर्वाचित घोषित किया गया

भारतीय जनता पार्टी के ओम बिरला फिर से लोकसभा अध्यक्ष चुने गए हैं। उन्हें ध्वनिमत से निर्वाचित घोषित किया गया। कांग्रेस ने इस पद के लिए के.सुरेश को अपना उम्मीदवार बनाया था। पार्टी ने अध्यक्ष पद के निर्वाचन के दौरान मत विभाजन की मांग नहीं की।

अध्यक्ष चुने जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी, विपक्ष के नेता राहुल गांधी और संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू, ओम बिरला को अध्यक्ष के आसन तक ले गए।

इससे पहले आज सुबह जब सदन की बैठक शुरू हुई तो प्रधानमंत्री श्री मोदी और राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के 12 अन्य नेताओं ने श्री बिरला को अध्यक्ष के रूप में चुनने का प्रस्ताव पेश किया।

विपक्ष की ओर से, शिवसेना (यूबीटी) नेता अरविंद सावंत, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार)  की सुप्रिया सुले और समाजवादी पार्टी के आनंद भदौरिया ने श्री सुरेश के पक्ष में प्रस्ताव रखा।

प्रधानमंत्री ने श्री बिरला को बधाई देते हुए कहा कि श्री बिरला के दूसरी बार निर्वाचित होने से आज इतिहास बन रहा है। उन्होंने कहा कि सदन अगले पांच वर्षों तक उनके मार्गदर्शन का लाभ उठायेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि सांसद के रूप में श्री बिरला का काम नये सदस्यों के लिए प्रेरणास्रोत होगा।

उन्होंने कहा कि पिछली लोकसभा ने श्री बिरला के नेतृत्व में कई महत्‍वपूर्ण कानून पारित किए। श्री मोदी ने कहा कि सदस्यों के आचरण और उनकी जवाबदेही से संसदीय लोकतंत्र में लोगों का विश्वास बढ़ता है।

विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने श्री बिरला को बधाई देते हुए कहा कि यह सदन लोगों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने श्री बिरला को सदन के सुचारू संचालन में विपक्ष के समर्थन का आश्वासन दिया।

श्री गांधी ने कहा कि सहयोग विश्वास के आधार पर होता है और विपक्ष को अपने विचार रखने का अवसर दिया जाना चाहिए।

समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने भरोसा जताया कि विपक्ष को अपनी बात कहने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा। उन्होंने कहा कि निष्पक्षता एक अध्यक्ष की प्रमुख विशेषता होती है और उन्हें उम्मीद है कि सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष को भी उचित सम्मान दिया जाएगा

तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने 17वीं लोकसभा में विपक्षी सांसदों के निलंबन का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि कानूनों को सदन में उचित चर्चा के बाद पारित किया जाना चाहिए।

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