खोतिदार आंदोलन के समर्थन में शुक्रवार को हड़पसर सब्जी मंडी रहेगी बंद : बालासाहेब भिसे बाजार समिति के संचालक मंडल की जांच पर अडिग

खोतिदार आंदोलन के समर्थन में शुक्रवार को हड़पसर सब्जी मंडी रहेगी बंद : बालासाहेब भिसे बाजार समिति के संचालक मंडल की जांच पर अडिग

हड़पसर, जनवरी (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज़ नेटवर्क)
संचालक मंडल का खोतिदार के खिलाफ अनुचित रुख के विरोध में हड़पसर सब्जी बाजार शुक्रवार को बंद किया जाएगा और बालासाहेब भिसे के समर्थन में विरोध स्थल पर धरना दिया जाएगा। यह चेतावनी हड़पसर के छोटे श्रमिक व्यापारियों ने दी है।


कृषि उपज बाजार समिति के संचालक मंडल द्वारा मांजरी उपबाजार में खोतिदारियों को रोकने के बाद बालासाहब भिसे ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है। अनशन के छठे दिन संचालक मंडल अनुमति देने में देरी कर रहा है। अनुमति देते समय दमनकारी शर्तें लगाने से खोतीदारों और किसानों को परेशानी होगी, इसलिए बालासाहेब भिसे ने उनकी दमनकारी शर्तों को स्वीकार किए बिना अनशन जारी रखने का फैसला किया है।


पंडित नेहरू भाजीपाला व्यापारी संघटना हड़पसर के व्यापारियों ने बालासाहेब भिसे से मुलाकात की और उनके आमरण अनशन का समर्थन किया और मांजरी उपबाजार से माल खरीदे बिना शुक्रवार को हड़पसर सब्जी बाजार बंद रखने का भी फैसला किया। यह जानकारी मेहनतकश व्यापारियों ने दी है।

इस अवसर पर यहां हड़पसर पंडित नेहरू भाजीपाला व्यापारी संघटना के व्यापारी सचिन शेवाले, बापू मोडक, मयूर फडतरे, किरण ससाणे, अक्षय काले, निलेश दर्शले, संतोष होले, हितेश भिसे, रोहित सूर्यवंशी, संतोष भुजबल, रुपेश गव्हाणे, गोविद लोखंडे, माऊली गोफणे आदि उपस्थित थे।


इस दौरान विधायक अशोक पवार, पूर्व विधायक महादेव बाबर, राजेंद्र बाबर, अप्पा मांदले, राजू कोंडे, दुर्योधन कामठे, नंदकुमार सरोदे, संजय मेहता, दिलीप गायकवाड, प्रवीण टिलेकर, पत्रकार कृष्णकांत कोबल, अनिल मोरे, रागिनी सोनवणे, अक्षय दोमाले ने अनशन स्थल पर जाकर बालासाहेब भिसे से मिलकर उन्हें समर्थन दिया।

रयत शेतकरी संघटना के हेमंत चौधरी व रामदास कोतवाल ने संचालकों का पत्र लेकर आंदोलक बालासाहब भिसे से मुलाकात की और जारी आंदोलन वापस लेने का अनुरोध किया। तब बालासाहब भिसे ने जोर देकर कहा कि निदेशकों की दमनकारी शर्तें स्वीकार्य नहीं हैं और जब तक निदेशकों के मामलों की जांच नहीं हो जाती, वे आंदोलन वापस नहीं लेंगे, इसलिए आंदोलन का तनाव बढ़ता ही जा रहा है। छठे दिन पर भी आंदोलन जारी रहने से निदेशक मंडल को तुरंत निर्णय लेना चाहिए अन्यथा आंदोलन की दिशा और तेज करने की चेतावनी किसानों ने दी है।

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