मांजरी उप बाजार में खोतिदार व्यापारियों के प्रवेश को संचालक मंडल ने दी अनुमति

मांजरी उप बाजार में खोतिदार व्यापारियों के प्रवेश को संचालक मंडल ने दी अनुमति

बालासाहेब भिसे का आमरण अनशन समाप्त : किसानों का आत्मदाह आंदोलन भी स्थगित

हड़पसर, फरवरी (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज़ नेटवर्क)
प्रशासन ने खोतिदारों के नियमों और शर्तों पर सहमति जताते हुए खोतिदार व्यापारियों को कृषि उत्पादन बाजार समिति के मांजरी उप-बाजार में प्रवेश करने की अनुमति देने पर सहमति व्यक्त की। खोतिदारों की मांगें मान लिए जाने पर बालासाहेब भिसे ने अपना आमरण अनशन समाप्त कर दिया। रयत शेतकारी संगठन ने आत्मदाह आंदोलन स्थगित कर दिया और विजयी जश्न मनाया गया।

मांजरी उपबाजार में ठेकेदार व्यापारियों पर रोक लगाने पर पिछले आठ दिनों से बालासाहेब भिसे ने आमरण अनशन शुरू किया था तो रयत शेतकरी संघटना ने आत्मदाह आंदोलन आयोजित किया था। सचिव राजाराम धोंडकर ने संचालक मंडल से निर्णय लेकर अनशन समाप्त करने का अनुरोध किया। जैसे ही खोतिदार व्यापारियों की सभी माँगें मान ली गईं, आंदोलन स्थगित कर दिया गया और भूख हड़ताल ख़त्म कर दी गई।

इस अवसर पर यहां कृषि उपज मण्डी समिति के सचिव राजाराम धोंडकर, विभाग प्रमुख किरण घुले, रयत शेतकरी संघटना के महाराष्ट्र अध्यक्ष एडवोकेट रविप्रकाश देशमुख, महासचिव अंकुश हंबीर, उपाध्यक्ष रामदास कोतवाल, उपाध्यक्ष हेमंत चौधरी, उत्तर महाराष्ट्र युवा अध्यक्ष अजय सावंत, पश्चिम महाराष्ट्र के कानूनी सलाहकार बबनराव गायकवाड, पुणे जिला उपाध्यक्ष संतोष महाडिक, महासचिव तानाजी महाडिक, पुणे जिला अध्यक्ष कल्पना गव्हाणे, कार्याध्यक्ष अश्विनी कुंजीर, महासचिव माधुरी वडघुले, हवेली संपर्क प्रमुख प्रियंका आतकिरे, हर्षवर्धन देशमुख, पूर्व नगरसेवक मारुति आबा तुपे, कांग्रेस ओबीसी पुणे शहराध्यक्ष प्रशांत सुरसे, राष्ट्रवादी कांग्रेस हड़पसर अध्यक्ष डॉ. शंतनु जगदाले, पूर्व सरपंच सचिन तुपे, उपसरपंच गोकुल ताम्हाणे, पुरुषोत्तम कुंजीर के साथ सभी खोतीदार व किसान बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

पिछले आठ दिनों से जारी थी भिसे की भूख हड़ताल
निदेशक मंडल ने कुछ शर्तों के साथ जालसाजों को अनुमति दे दी थी, लेकिन शर्तें दमनकारी होने के कारण खोतिदारों ने इसका विरोध किया। विचार-विमर्श के माध्यम से खोतिदारों की शर्तें मान ली गईं और उन्हें मांजरी उप बाज़ार में प्रवेश की अनुमति दे दी गई। सचिव राजाराम धोंडकर के यह पत्र देने के बाद बालासाहब भिसे को अपने हाथ से जूस पिलाकर भूख हड़ताल समाप्त कर दी गई। इस मौके पर बालासाहेब भिसे ने सभी राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों, किसान संगठनों और सामाजिक संगठनों को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। सचिव श्री धोंडकर ने कहा कि खोतिदारों को बाजार में प्रवेश देते समय मार्केट में उन्हें सुविधाएं और संरक्षण देने का काम किया जाएगा।
एक ओर जहां बाजार समिति के सचिव प्रदर्शनकारियों से वार्ता कर रहे थे, वहीं निदेशक सुदर्शन चौधरी अन्य किसानों व व्यापारियों को लेकर बाजार में नारेबाजी कर माहौल को प्रदूषित कर रहे थे।

आंदोलन को मनोज जारांगे पाटिल का समर्थन…
पिछले आठ दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे बालासाहेब भिसे का मनोज जारांगे पाटिल ने भी फोन पर समर्थन किया। साथ ही विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं, पूर्व विधायकों, पदाधिकारियों और सामाजिक संगठनों ने मुलाकात कर समर्थन दिया। आंदोलन के दायरे को ध्यान में रखते हुए, निदेशक मंडल ने खोतिदारों को अनुमति देने का फैसला किया, इस प्रकार अहिंसा के माध्यम से भिसे द्वारा किया गया आंदोलन समाप्त हुआ, जो एक बहुत बड़ी जीत है।

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