सिनेमा जगत में राज कपूर का योगदान अभूतपूर्व : राज्यपाल रमेश बैस

सिनेमा जगत में राज कपूर का योगदान अभूतपूर्व : राज्यपाल रमेश बैस

प्रथम विश्व-राजकपूर सिने रत्न गोल्डन अवार्ड का वितरण

हड़पसर, फरवरी (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज़ नेटवर्क)
सिनेमा इंडस्ट्री और बिजनेस में राज कपूर और संपूर्ण कपूर परिवार का योगदान अभूतपूर्व है। मनोरंजन की जो परंपरा पृथ्वीराज कपूर ने शुरू की थी, उसका पालन राज कपूर ने किया। राज कपूर का युग वास्तव में भारतीय सिनेमा का स्वर्ण युग था, जिसने मनोरंजन के साथ-साथ लोगों को प्रेरित भी किया है। इसके साथ ही उनकी फिल्मों ने राष्ट्रीय एकता को बढ़ाने का भी काम किया। उनकी फिल्में और उनकी फिल्मों के गाने आज भी दर्शकों के दिलों पर राज करते हैं। यह विचार महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस ने व्यक्त किए।


विश्वराजबाग में संत ज्ञानेश्वर विश्वशांति डोम में एमआईटी यूनिवर्सिटी ऑफ आर्ट, डिजाइन एंड टेक्नोलॉजी और माईर्स एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित किए गए पहले विश्व-राज कपूर सिनेरत्न गोल्डन अवार्ड वितरण समारोह में वे बोल रहे थे। इस अवसर पर यहां मशहूर फ़िल्म निर्देशक किरण शांताराम, माईर्स एमआईटी एजूकेशन ग्रुप के संस्थापक अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. विश्वनाथ दा. कराड, मशहूर फिल्म निर्देशक एन. चंद्रा, मशहूर अभिनेता गजेंद्र चव्हाण, फिल्म निर्माता सिद्धार्थ काक, एमआईटी एडीटी विश्वविद्यालय के कार्यकारी अध्यक्ष व कुलपति प्रो. डॉ. मंगेश कराड, एमआईटी विश्वशांति कला-अकादमी के महासचिव आदिनाथ मंगेशकर, माईर्स एमआईटी की महासचिव श्रीमती स्वाति चाटे-कराड, उपाध्यक्ष श्रीमती ज्योति ढाकणे-कराड, डॉ. मुकेश शर्मा एवं अन्य उपस्थित थे।
राज कपूर को दिया गया पहला विश्व-राज कपूर सिने रत्न गोल्डन अवॉर्ड उनके दिवंगत और मशहूर अभिनेता निर्देशक और निर्माता रणधीर कपूर ने स्वीकार किया था। साथ ही इस मौके पर राज कपूर की ज्यादातर फिल्मों के गानों को अपनी सुरीली आवाज देनेवाले मुकेश को दिया गया अवॉर्ड उनके चिर-परिचित नितिन मुकेश ने स्वीकारा।


आगे बोलते हुए राज्यपाल बैस ने कहा कि मैं राज कपूर की फिल्में देखकर बड़ा हुआ हूं। मैंने इससे पहले सिनेमाघरों में रिलीज हुई फिल्में ‘मेरा नाम हैं जोकर’, ‘प्रेम रोग’, ‘राम तेरी गंगा मैली’ जैसी फिल्में भी रिलीज हो चुकी हैं। अब राज्यपाल बनने के बाद बेशक प्रोटोकॉल के कारण फिल्में नहीं देख पाता, लेकिन समय मिलने पर राजकपूर की फिल्मों में मुकेश के गाने गुनगुनाता रहता हूं।


इस अवसर पर किरण शांताराम ने कहा कि राज कपूर और मेरे पिता वी. शांताराम के बीच बहुत मधुर संबंध थे, इसलिए मैं बहुत भाग्यशाली था कि उन्हें करीब से देख सका। प्रोफेसर डॉ. विश्वनाथ कराड ने उनकी स्मृति में इस विश्वराज उद्यान को खूबसूरती से संरक्षित किया है। राजकपूर को सबसे बड़ी श्रद्धांजलि क्या होगी कि विश्वराजबाग में उनकी इच्छानुसार ज्ञान संबंधी कार्य हो रहे हैं।

माईर्स एमआईटी एजूकेशन ग्रुप के संस्थापक अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. विश्वनाथ दा. कराड ने याद दिलाया कि कैसे राज बाग को बाद में विश्व राज बाग के रूप में जाना गया, जिसमें उन्होंने राज बाग के ट्रांसफर के कई मौके और इस मौके पर राज कपूर से जुड़ी भावनात्मक यादें ताजा कीं।
प्रोफेसर डॉ. मंगेश कराड ने परिचय और श्रीमती ज्योति ढाकणे-कराड के धन्यवाद ज्ञापन के बाद राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

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