समाज की युवा पीढ़ी को क्रांतिकारी बी. के. कोकरे का आदर्श लेना चाहिए : डॉ.पंकज भिवटे
बारामती, जनवरी (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज़ नेटवर्क)
बी. के. कोकरे ने 1990 के दशक में धनगर समुदाय का पहला आरक्षण संघर्ष खड़ा करके धनगर समुदाय में क्रांति ला दी। बारामती तालुका की घाटियों में स्थित उंडवडी, कोकेरेवाड़ी का एक युवक, जो उस समय आईआईटी इंजीनियर था, जिसने पूरे महाराष्ट्र में धनगर समुदाय के बीच जागरूकता पैदा करके समाज को मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया। घाटियों में रहनेवाले भटकते चरवाहा समुदाय को जागृत करने का कार्य स्व. बापूसाहेब कोकरे ने किया, इसलिए आज महाराष्ट्र के सभी जिलों में बी.के. कोकरे का स्मृति दिवस मनाया जा रहा है। समाज की युवा पीढ़ी को क्रांतिकारी बी.के. कोकरे का आदर्श लेना चाहिए। यह विचार भारतीय जनता पार्टी महाराष्ट्र प्रदेश कार्यकारणी सदस्य डॉ. पंकज भिवटे ने व्यक्त किए।
उंडवडी में यशवंत सेना के संस्थापक अध्यक्ष स्व. बापूसाहेब कोकरे के 19 वें स्मृति दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए थे, तब वे बोल रहे थे। कार्यक्रम के अध्यक्षस्थान पर यशवंत ब्रिगेड के अध्यक्ष बापूराव सोलनकर, बी. के. कोकरे के पिता खंडेराव कोकरे, भाजपा ओबीसी मोर्चा की महाराष्ट्र प्रदेशध्यक्ष डॉ. उज्ज्वला हाके, समाज नेता प्रियदर्शनी कोकरे, नगरसेवक किशोर मासाल, चंद्रकांत वाघमोडे, मारुतराव वाघमोडे, विक्रांत काले, संदीप कोकरे, अजय रुपणवर आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
इस अवसर पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया और शिविर को अच्छा प्रतिसाद मिला।
विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन बी. के. कोकरे फाउंडेशन के अध्यक्ष विशाल कोकरे द्वारा सफलतापूर्वक किया गया।
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