रक्षा मंत्रालय ने भारतीय तटरक्षक बल के लिए 14 तेज गश्ती नौकाओं की आपूर्ति के उद्देश्य से मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड के साथ 1070 करोड़ रुपये से अधिक का अनुबंध किया

रक्षा मंत्रालय ने भारतीय तटरक्षक बल के लिए 14 तेज गश्ती नौकाओं की आपूर्ति के उद्देश्य से मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड के साथ 1070 करोड़ रुपये से अधिक का अनुबंध किया

रक्षा मंत्रालय ने भारतीय तट रक्षक (आईसीजी) के लिए 14 तेज गश्ती नौकाओं (एफपीवी) के अधिग्रहण के उद्देश्य से 24 जनवरी, 2024 को मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके लिए 1070.47 करोड़ रुपये मूल्य का अनुबंध किया गया है। इन बहुउद्देशीय तेज गश्ती नौकाओं को मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड  द्वारा विक्रय (भारतीय-आईडीडीएम) श्रेणी के तहत स्वदेशी रूप से तैयार, विकसित एवं निर्मित किया जाएगा और इन्हें कुल 63 महीनों में सौंप दिया जाएगा।

अनेक उच्च तकनीकी उन्नत सुविधाओं एवं उपकरणों के साथ ही ये बहुउद्देशीय द्रुतगामी गश्ती जहाज कई भूमिकाओं में सक्षम ड्रोन, वायरलेस से नियंत्रित रिमोट वॉटर रेस्क्यू क्राफ्ट लाइफबॉय और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्षमता आदि से लैस होंगे, जिससे भारतीय तट रक्षक बल को आधुनिक युग की बहुआयामी चुनौतियों का सामना करने हेतु अधिक लचीलापन और साथ ही बेहतर संचालन क्षमता मिल सकेगी। ये आधुनिक तेज गश्ती नौकाएं मत्स्य पालन सुरक्षा व निगरानी, ​​नियंत्रण एवं निगरानी, ​​तस्करी विरोधी अभियान, उथले पानी सहित अन्य स्थानों पर तलाश और बचाव अभियान, संकट में फंसे जहाजों/नौकाओं को सहायता, टोइंग क्षमताओं में वृद्धि, समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया संचालन, समुद्री डकैती विरोधी अभियानों के दौरान सहायता तथा निगरानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इन द्रुतगामी गश्ती जहाजों के अधिग्रहण का उद्देश्य भारतीय तट रक्षक बल की क्षमताओं को बढ़ावा देना और समुद्री सुरक्षा की ओर सरकार के बढ़ते प्रयास को विस्तार देना है।

यह अनुबंध’आत्मनिर्भर भारत’ के अनुरूप देश की स्वदेशी युद्धपोत निर्माण क्षमता को विस्तार देगा, समुद्री आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा और इससे सहायक उद्योगों, विशेष रूप से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र के विकास को गति देगा। यह परियोजना प्रभावी ढंग से देश में रोजगार के अवसर और विशेषज्ञता के साथ विकास को सृजित करेगी।

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