अन्य पिछड़ा वर्ग, आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग और गैर-अधिसूचित, घुमंतू और अर्ध-घुमंतू जनजातियों के विद्यार्थियों के लिए वाइब्रेंट इंडिया के लिए प्रधानमंत्री यंग अचीवर्स स्कॉलरशिप अवार्ड योजना (पीएम यशस्वी)
पीएम यशस्वी योजना के अंतर्गत राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए 32.44 करोड़ रुपये और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए 387.27 करोड़ रुपये जारी किए गए
पीएम यशस्वी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (ईबीसी) और विमुक्त घुमंतू जनजातियों (डीएनटी) के विद्यार्थियों के लिए एक छात्रवृत्ति योजना है। इस योजना के अंतर्गत विद्यार्थी कक्षा 9 से 10 तक प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति और पोस्ट-मैट्रिक या पोस्ट-माध्यमिक स्तर पर अपने उच्च अध्ययन के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति का लाभ उठा सकते हैं। जो विद्यार्थी अपनी पढ़ाई में उत्कृष्ट होते हैं उन्हें ‘टॉप क्लास स्कूल एजुकेशन’ और ‘टॉप क्लास कॉलेज एजुकेशन’ योजना के अंतर्गत टॉप क्लास स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ने के लिए छात्रवृत्ति का अवसर भी मिलता है। अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) विद्यार्थियों को ‘ओबीसी लड़कों और लड़कियों के लिए छात्रावास निर्माण योजना’ के अंतर्गत छात्रावास की सुविधा भी प्रदान की जाती है। योजनाओं के घटक इस प्रकार हैं।
- ओबीसी, ईबीसी और डीएनटी छात्रों के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति।
- ओबीसी, ईबीसी और डीएनटी छात्रों के लिए पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति।
- ओबीसी, ईबीसी और डीएनटी छात्रों के लिए शीर्ष श्रेणी की स्कूली शिक्षा।
- ओबीसी, ईबीसी और डीएनटी छात्रों के लिए शीर्ष श्रेणी की कॉलेज शिक्षा।
- ओबीसी बालक-बालिकाओं के लिए छात्रावास का निर्माण।
योजनाओं की मुख्य विशेषताएं हैं:
- प्री–मैट्रिक छात्रवृत्ति
- प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति केवल सरकारी स्कूलों में पूर्णकालिक आधार पर नौवीं और दसवीं कक्षा में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए है।
- सभी स्रोतों से आय 2,50,000/- रुपये प्रति वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- छात्रों को 4000/- रुपये प्रति वर्ष का समेकित शैक्षणिक भत्ता दिया जाएगा।
- वर्ष 2023-24 के दौरान, 18 जनवरी, 2024 तक योजना के कार्यान्वयन के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को 32.44 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।
- पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति
- पोस्ट-मैट्रिक या पोस्ट-सेकेंडरी चरण में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है ताकि वे अपनी शिक्षा पूरी कर सकें।
- सभी स्रोतों से आय 2,50,000/- रुपये प्रति वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- पाठ्यक्रम की श्रेणी के अनुसार छात्रों को 5000 रुपये से 20000 रुपये तक शैक्षणिक भत्ता दिया जाता है।
- वर्ष 2023-24 के दौरान, 18 जनवरी, 2024 तक योजना के कार्यान्वयन के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को 387.27 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।
- शीर्ष श्रेणी की स्कूली शिक्षा
- यह योजना ओबीसी, ईबीसी और डीएनटी श्रेणियों के मेधावी विद्यार्थियों को कक्षा 9 से कक्षा 12 पूरी करने तक उनकी शिक्षा का वित्तपोषण करके प्रीमियम शिक्षा प्रदान करती है।
- सभी स्रोतों से आय 2,50,000/- रुपये प्रति वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- स्कूल द्वारा अपेक्षित शिक्षण शुल्क, छात्रावास शुल्क और अन्य शुल्कों के लिए छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है, जो कक्षा 9 और 10 के प्रति विद्यार्थी प्रति वर्ष अधिकतम 75,000/- रुपये कक्षा 11 और 12 के प्रति विद्यार्थी 1,25,000/- रुपये प्रति वर्ष है।
- योजना के अंतर्गत आवेदन जमा करने के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल 31 जनवरी, 2024 तक खुला है।
- शीर्ष श्रेणी की कॉलेज शिक्षा
- यह योजना पूर्ण वित्तीय सहायता प्रदान करके ओबीसी, ईबीसी और डीएनटी श्रेणियों के छात्रों के बीच गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को पहचानना और बढ़ावा देना है।
- सभी स्रोतों से आय 2,50,000/- रुपये प्रति वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- अधिसूचित संस्थानों में प्रवेश पाने वाले विद्यार्थियों को (ए) पूर्ण शिक्षण शुल्क और गैर-वापसी योग्य शुल्क (निजी क्षेत्र के संस्थानों के लिए प्रति विद्यार्थी 2.00 लाख रुपये प्रति वर्ष की सीमा होगी) की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। वाणिज्यिक पायलट प्रशिक्षण और टाइप रेटिंग पाठ्यक्रमों के लिए निजी क्षेत्र के फ्लाइंग क्लबों के लिए प्रति विद्यार्थी 3.72 लाख रुपये प्रति वर्ष) (बी) लाभार्थी को प्रति विद्यार्थी 3000/- रुपये प्रति माह की दर से रहने का खर्च (सी) किताबें और स्टेशनरी @5000/- रुपये प्रति वर्ष प्रति विद्यार्थी और (iv) यूपीएस और प्रिंटर जैसे सहायक उपकरणों के साथ प्रतिष्ठित ब्रांड का एक नवीनतम कंप्यूटर/लैपटॉप पाठ्यक्रम के दौरान एकमुश्त सहायता के रूप में प्रति छात्र 45000/- रुपये तक सीमित है।
- योजना के अंतर्गत आवेदन जमा करने के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल 31 जनवरी, 2024 तक खुला है
- ओबीसी बालक–बालिकाओं के लिए छात्रावास का निर्माण
- इस योजना का उद्देश्य सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों को छात्रावास की सुविधा प्रदान करना है ताकि वे सरकार में माध्यमिक और उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें। उन्हें उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा तक अधिक पहुंच प्रदान करने के लिए उचित दूरी पर स्थित स्कूल, विश्वविद्यालय, संस्थान और शिक्षण केंद्र तक पहुंच प्रदान की जा सके।
- वर्ष 2023-24 के दौरान, दिसंबर 2023 तक योजना के कार्यान्वयन के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को 12.75 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।
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