एक भारत, श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम के तहत ऑरोविले अनुभव यात्रा में भाग लेने वाले छात्रों ने ऑरोविले के सार को समझा और इसकी सतत प्रथाएं सीखीं

एक भारत, श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम के तहत ऑरोविले अनुभव यात्रा में भाग लेने वाले छात्रों ने ऑरोविले के सार को समझा और इसकी सतत प्रथाएं सीखीं

एक भारत श्रेष्ठ भारत (ईबीएसबी) कार्यक्रम के तहत ऑरोविले अनुभव यात्रा के तीसरे दिन, भाग लेने वाले छात्रों ने ऑरोविले के सार को समझते हुए और इसकी सतत प्रथाओं को सीखते हुए, स्थायी जीवन की जटिलताओं के बारे में जानकारी प्राप्त की।

दिन की शुरुआत बॉटनिकल गार्डन के शैक्षणिक दौरे से हुई। विभिन्न प्रजातियों के संरक्षण और संवर्धन के समर्पित प्रयासों को देखते हुए, छात्रों ने सावधानीपूर्वक तैयार किए गए उद्यानों और उनके विचारशील डिजाइनों की सराहना की।

वास्तुशिल्प सत्रों में, उन्होंने सामुदायिक संरचना के भीतर लागत-प्रभावशीलता, प्राकृतिक एकीकरण और पर्यावरण-मित्रता पर विशेष ध्यान के साथ डिजाइन सिद्धांतों के बारे में सीखा। उन्होंने ऑरोविले के विशिष्ट दृष्टिकोण के बारे में भी जानकारी प्राप्त की, जिसका उद्देश्य अनुकरणीय मानक स्थापित करने के लिए अन्य लोगों के साथ सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करना है, ताकि वे इनका पालन कर सकें तथा इन्हें अपना सकें।

तीसरा दिन ध्यान संबंधी गतिविधि, योग, ध्वनि स्नान और “थिएटर पावरफुल मी” को जानने के साथ जारी रहा, जिससे छात्रों को ऑरोविले के अभिन्न शिक्षा दर्शन के साथ जुड़े विविध रचनात्मक शक्तियों को अनुभव करने का अवसर मिला।

छात्र अधिक जानने, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने और अपने समुदायों में इन अंतर्दृष्टि को लागू करने के लिए सक्रिय रूप से विचार करने के प्रति उत्सुक थे। उनके प्रश्नों में यह समझने की वास्तविक जिज्ञासा और उभरती चिंताएं प्रतिबिंबित हुईं कि ऑरोविले उनके अपने समुदायों की चुनौतियों का समाधान कैसे कर सकता है।

शाम को संगीत और नृत्य प्रदर्शन में प्रत्येक प्रतिभागी की सांस्कृतिक विरासत की विविधता और विशिष्टता का जश्न मनाया गया। सामूहिक भावना के जरिये न केवल शैक्षिक आदान-प्रदान, बल्कि मित्रता और सतत व सामंजस्यपूर्ण जीवन के लिए साझा प्रतिबद्धता की भावना भी प्रतिबिंबित हुई।

शिक्षा मंत्रालय ने एनईपी, जी-20 नेताओं की घोषणा, श्री अरबिंदो की 150वीं जयंती और एक भारत श्रेष्ठ भारत जैसे विषयों पर शैक्षिक-सह-सांस्कृतिक दौरे की प्रासंगिकता पर जोर देने के लिए इस कार्यक्रम की शुरुआत की है। केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने ईबीएसबी के तहत अरबिंदो सर्किट शुरू करने का सुझाव दिया था, जिसके बाद इस कार्यक्रम की परिकल्पना की गई। युवाओं को आध्यात्मिकता और श्री अरबिंदो के दर्शन व अभिन्न शिक्षा के व्यावहारिक कार्यान्वयन से अवगत कराने पर इस पहल का विशेष जोर है। ऑरोविले इस दिशा में एक विशिष्ट प्रयोग है। शिक्षा मंत्रालय का स्वायत्त संगठन, ऑरोविले फाउंडेशन इस कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है।

IMG_256

IMG_256

IMG_256

IMG_256

Spread the love

Post Comment