सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा के संदर्भ में असत्यापित, भड़काऊ और फर्जी संदेशों के प्रसार को रोकने के लिए एडवाइजरी जारी की

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा के संदर्भ में असत्यापित, भड़काऊ और फर्जी संदेशों के प्रसार को रोकने के लिए एडवाइजरी जारी की

ऐसी किसी भी सामग्री को प्रकाशित या प्रसारित करने से बचें जो झूठी हो या जिसमें हेरफेर किया जा सकता हो या सांप्रदायिक सद्भाव या सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने की क्षमता रखती है : सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की समाचार पत्रों, टीवी चैनलों, डिजिटल समाचार प्रकाशकों और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को सलाह

22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में राम लला प्राण प्रतिष्ठा के पूरे भारत में आगामी उत्सव के संदर्भ में, भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने पाया है कि विशेषकर सोशल मीडिया पर कुछ असत्यापित, भड़काऊ और फर्जी संदेश फैलाए जा रहे हैं जिससे सांप्रदायिक सद्भाव और सार्वजनिक व्यवस्था बिगड़ सकती है।

इसे देखते हुए, मंत्रालय ने आज, 20 जनवरी, 2024 को समाचार पत्रों, टेलीविजन चैनलों, डिजिटल समाचार प्रकाशकों और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें उन्हें ऐसी किसी भी सामग्री जो गलत हो या जिसमें किसी तरह का हेरफेर किया जा सकता हो या जिससे देश में सांप्रदायिक सद्भाव या सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने की संभावना हो, को प्रकाशित या प्रसारित करने से बचने की सलाह दी गई है। इसके अलावा, सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को भी ऊपर उल्लिखित प्रकृति की सूचना को होस्ट, प्रदर्शित या प्रकाशित न करने के लिए उचित प्रयास करने की सलाह दी गई है।

एडवाइजरी केबल टेलीविजन नेटवर्क रेगुलेशन एक्ट, 1995 के तहत प्रोग्राम कोड के निम्नलिखित प्रावधानों और प्रेस काउंसिल एक्ट, 1978 के तहत प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा निर्धारित पत्रकारिता आचरण के मानदंडों पर ध्यान आकर्षित करती है, जिसका एक संदर्भ सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 में भी दिया गया है।

पत्रकारिता आचरण के मानदंड

सटीकता और निष्पक्षताi) प्रेस को गलतनिराधारभ्रामक या विकृत सामग्री के प्रकाशन से बचना चाहिए।

जातिधर्म या समुदाय संदर्भ: vi) यह सुनिश्चित करना अखबार का कर्तव्य है कि प्रकाशित होने वाले लेख का स्वरभावना और भाषा आपत्तिजनकउत्तेजकदेश की एकता और अखंडता के खिलाफसंविधान की भावना के खिलाफदेशद्रोही और प्रकृति में भड़काऊ या सांप्रदायिक वैमनस्य को बढ़ावा देने के लिए न बनाया गया हो।

राष्ट्रीय हित सर्वोपरि: i) समाचार पत्रसेल्फ रेग्युलेशन के रूप मेंकिसी भी समाचारटिप्पणी या जानकारीजिसमें राज्य और समाज के सर्वोपरि हितों को खतरे में डालने या नुकसान पहुंचाने की संभावना होया नागरिकों के अधिकार जिनके संबंध में भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 के खंड (2) के तहत भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार पर कानून द्वारा उचित प्रतिबंध लगाए जा सकते हैंको प्रस्तुत करने में उचित संयम और सावधानी बरतेंगे।

प्रोग्राम कोड

नियम 6 (1) केबल सेवा में कोई भी प्रोग्राम नहीं चलाया जाना चाहिए जो:

(सी) इसमें धर्मों या समुदायों पर हमला या धार्मिक समूहों के प्रति अपमानजनक दृश्य या शब्द शामिल हैं या जो सांप्रदायिक उत्तेजना पैदा कर सकते हैं;

(डी) इसमें कुछ भी अश्लीलअपमानजनकजानबूझकरझूठी और विचारोत्तेजक बयान और आधा सच शामिल है;

(ई) जिससे हिंसा को प्रोत्साहित करने या उकसाने की संभावना है या इसमें कानून और व्यवस्था बनाए रखने के खिलाफ कुछ भी शामिल है या जो राष्ट्र-विरोधी दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है।

मंत्रालय ने समय-समय पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सहित टेलीविजन, प्रिंट और डिजिटल मीडिया के लिए एडवाइजरी जारी की है, ताकि मीडिया पर लागू मानदंडों और विनियमों का पालन विशेष रूप से सार्वजनिक व्यवस्था, प्रकाशित या प्रसारित होने वाली जानकारी की तथ्यात्मक सटीकता और भारत के विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच सांप्रदायिक सद्भाव से संबंधित मामलों में बनाए रखा जा सके।

एडवाइजरी यहां से प्राप्त की जा सकती है।

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