हरित हाइड्रोजन परियोजनाओं के विकास के लिए एनजीईएल ने महाराष्ट्र सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
पांच साल में 80,000 करोड़ रुपए के निवेश की उम्मीद
एनटीपीसी हरित एनर्जी लिमिटेड (एनजीईएल) ने प्रति वर्ष 1 मिलियन टन क्षमता तक हरित हाइड्रोजन और डेरिवेटिव (हरित अमोनिया, हरित मेथनॉल) के विकास के लिए महाराष्ट्र सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इसमें 2 गीगावॉट के पंप स्टोरेज परियोजनाओं सहित राज्य में 5 गीगावॉट तक भंडारण के साथ अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं का विकास शामिल है।
महाराष्ट्र सरकार की हरित निवेश योजना के एक भाग के रूप में अगले पांच वर्षों के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस समझौते में लगभग 80,000 करोड़ रुपए के संभावित निवेश की उम्मीद है।
इस समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान 29 जनवरी, 2024 को एनजीईएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री मोहित भार्गव और महाराष्ट्र सरकार के उप सचिव (ऊर्जा) श्री नारायण कराड के बीच हुआ। इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फड़नवीस और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
एनटीपीसी 2032 तक 60 गीगावॉट की अक्षय ऊर्जा क्षमता के निर्माण में कार्यरत है।
एनजीईएल एनटीपीसी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है और इसका लक्ष्य 7 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा के परिचालन को शुरू करने के साथ 3.4 गीगावॉट और 26 गीगावॉट से अधिक की परिचालन क्षमता पर काम करते हुए एनटीपीसी की अक्षय ऊर्जा यात्रा का ध्वजवाहक बनना है।
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